गोरखपुर एयरपोर्ट पर बम की सूचना से मचा हड़कंप:40 मिनट तक थमी रही पैसेंजर्स की सांसे, बम थ्रेट का हुआ मॉकड्रिल

गोरखपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार उस वक्त हड़कंप मच गया, जब अराइवल हॉल के बाहर बम होने की सूचना मिली। चारों तरफ अफरा-तफरी के बीच यात्रियों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस, सुरक्षा टीम, मेडिकल यूनिट, फायर ब्रिगेड और डॉग स्क्वॉड हरकत में आ गए। हालांकि, बाद में इस घटना को सुरक्षा सतर्कता के तहत मॉक ड्रिल बताया गया। इस कार्रवाई ने एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का शानदार प्रदर्शन किया। संदिग्ध बैग ने बढ़ाई धड़कनें सुबह 10:30 बजे एयरपोर्ट प्रशासन को अराइवल हॉल के बाहर एक संदिग्ध बैग में बम होने की सूचना मिली। तुरंत बम थ्रेट रिव्यू कमेटी को जानकारी दी गई। महज 10 मिनट के भीतर यात्रियों और स्टाफ को एयरपोर्ट से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान एयरपोर्ट सुरक्षा यूनिट (APSU), भारतीय वायुसेना की डॉग स्क्वॉड और BDDS टीम ने मौके पर पहुंचकर बैग की जांच की। 10:40 बजे BDDS टीम ने बैग की जांच शुरू की, लेकिन इससे पहले ही डॉग स्क्वॉड ने यह सुनिश्चित कर दिया कि बैग में केवल एक डमी है। इसके बाद पूरे इलाके को सुरक्षित घोषित किया गया। 40 मिनट की ड्रिल, सुरक्षा में 100% सतर्कता एयरपोर्ट प्रशासन ने 40 मिनट तक चली इस पूरी प्रक्रिया को एक मॉक ड्रिल करार दिया। एयरपोर्ट निदेशक आर.के. वार्ष्णेय ने बताया, “सुरक्षा की तैयारियों को जांचने और आपात स्थिति से निपटने की प्रक्रिया को परखने के लिए हर साल मॉक ड्रिल की जाती है। यह ड्रिल नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के दिशा-निर्देशों के तहत की गई थी।” टीमों का बेहतरीन समन्वय ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट प्रशासन, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के बीच जबरदस्त तालमेल देखने को मिला। मौके पर प्रचालन प्रभारी विजय कुमार कौशल, मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता, वायुसेना की टीम, जिला अग्निशमन अधिकारी जे.जे. सिंह और चिकित्सा सेवाओं की टीम मौजूद रही। सभी ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। बम थ्रेट प्लान: क्या है इसका मकसद? नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने देश के सभी एयरपोर्ट्स पर बम थ्रेट कंटिंजेंसी प्लान लागू किया है। इसके तहत बम थ्रेट रिव्यू कमेटी बनाई जाती है, जिसमें पुलिस, प्रशासन, फायर ब्रिगेड, चिकित्सा और सुरक्षा विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। ऐसी किसी भी आपात स्थिति में यह कमेटी पूरी सतर्कता और समन्वय के साथ कार्रवाई करती है। ड्रिल खत्म होने के बाद यात्रियों और कर्मचारियों को वापस एयरपोर्ट में प्रवेश की अनुमति दी गई। ड्रिल के दौरान हुई तेज कार्रवाई ने यह साबित किया कि गोरखपुर एयरपोर्ट सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।

Nov 28, 2024 - 14:35
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गोरखपुर एयरपोर्ट पर बम की सूचना से मचा हड़कंप:40 मिनट तक थमी रही पैसेंजर्स की सांसे, बम थ्रेट का हुआ मॉकड्रिल
गोरखपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार उस वक्त हड़कंप मच गया, जब अराइवल हॉल के बाहर बम होने की सूचना मिली। चारों तरफ अफरा-तफरी के बीच यात्रियों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पुलिस, सुरक्षा टीम, मेडिकल यूनिट, फायर ब्रिगेड और डॉग स्क्वॉड हरकत में आ गए। हालांकि, बाद में इस घटना को सुरक्षा सतर्कता के तहत मॉक ड्रिल बताया गया। इस कार्रवाई ने एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का शानदार प्रदर्शन किया। संदिग्ध बैग ने बढ़ाई धड़कनें सुबह 10:30 बजे एयरपोर्ट प्रशासन को अराइवल हॉल के बाहर एक संदिग्ध बैग में बम होने की सूचना मिली। तुरंत बम थ्रेट रिव्यू कमेटी को जानकारी दी गई। महज 10 मिनट के भीतर यात्रियों और स्टाफ को एयरपोर्ट से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान एयरपोर्ट सुरक्षा यूनिट (APSU), भारतीय वायुसेना की डॉग स्क्वॉड और BDDS टीम ने मौके पर पहुंचकर बैग की जांच की। 10:40 बजे BDDS टीम ने बैग की जांच शुरू की, लेकिन इससे पहले ही डॉग स्क्वॉड ने यह सुनिश्चित कर दिया कि बैग में केवल एक डमी है। इसके बाद पूरे इलाके को सुरक्षित घोषित किया गया। 40 मिनट की ड्रिल, सुरक्षा में 100% सतर्कता एयरपोर्ट प्रशासन ने 40 मिनट तक चली इस पूरी प्रक्रिया को एक मॉक ड्रिल करार दिया। एयरपोर्ट निदेशक आर.के. वार्ष्णेय ने बताया, “सुरक्षा की तैयारियों को जांचने और आपात स्थिति से निपटने की प्रक्रिया को परखने के लिए हर साल मॉक ड्रिल की जाती है। यह ड्रिल नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के दिशा-निर्देशों के तहत की गई थी।” टीमों का बेहतरीन समन्वय ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट प्रशासन, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के बीच जबरदस्त तालमेल देखने को मिला। मौके पर प्रचालन प्रभारी विजय कुमार कौशल, मुख्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता, वायुसेना की टीम, जिला अग्निशमन अधिकारी जे.जे. सिंह और चिकित्सा सेवाओं की टीम मौजूद रही। सभी ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। बम थ्रेट प्लान: क्या है इसका मकसद? नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने देश के सभी एयरपोर्ट्स पर बम थ्रेट कंटिंजेंसी प्लान लागू किया है। इसके तहत बम थ्रेट रिव्यू कमेटी बनाई जाती है, जिसमें पुलिस, प्रशासन, फायर ब्रिगेड, चिकित्सा और सुरक्षा विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। ऐसी किसी भी आपात स्थिति में यह कमेटी पूरी सतर्कता और समन्वय के साथ कार्रवाई करती है। ड्रिल खत्म होने के बाद यात्रियों और कर्मचारियों को वापस एयरपोर्ट में प्रवेश की अनुमति दी गई। ड्रिल के दौरान हुई तेज कार्रवाई ने यह साबित किया कि गोरखपुर एयरपोर्ट सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।

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