ट्यूशन टीचर की जमानत अर्जी खारिज:कानपुर में हाई प्रोफाइल कुशाग्र हत्याकांड; गैंगस्टर कोर्ट ने नहीं दी जमानत
कानपुर के हाईप्रोफाइल चर्चित कुशाग्र कनोडिया अपहरण हत्याकांड में आरोपी महिला ट्यूशन टीचर रचिता वत्स की जमानत अर्जी गैंगस्टर कोर्ट ने खारिज कर दी। स्पेशल गैंगस्टर कोर्ट में आरोपी ट्यूशन टीचर ने जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस घटना में ट्यूशन टीचर समेत तीन आरोपी शामिल रहे हैं। 30 अक्टूबर 2023 को रायपुरवा निवासी मनीष कनोडिया के बेटे और दसवीं के छात्र कुशाग्र कनोडिया की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद भी आरोपियों ने इस मामले में मृतक के अपार्टमेंट में जाकर फिरौती का एक पत्र गार्ड को सौंपा था। जिसमें सांम्प्रदायिक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था। रायपुरवा पुलिस ने मामले में ट्यूशन टीचर रचिता वत्स, प्रभात शुक्ला और शिवा गुप्ता को आरोपी बनाया था। तीनों के खिलाफ अपहरण और हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। तीनों आरोपी जेल में है। अप्रैल 2024 में लगा था गैंगस्टर तीनों आरोपियों को जेल भेजने के बाद रायपुरवा पुलिस ने 1 अप्रैल 2024 को तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल में आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट तामील करा दिया था। हत्या के मामले में हाईकोर्ट से जमानत पा चुकी है ट्यूशन टीचर इस मामले में ट्यूशन टीचर रचिता वत्स को हाईकोर्ट से हत्या के मामले में जमानत मिल चुकी है मगर गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत न मिल पाने के कारण वह जेल में बंद है। गैंगस्टर कोर्ट में इसी को लेकर जमानत अर्जी दाखिल की गई थी जिस पर कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीकांत दीक्षित ने रचिता को बेकसूर बताकर जमानत की मांग की। वहीं अभियोजन की ओर से डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और एडीजीसी घनश्याम श्रीवास्तव ने जमानत का विरोध करते हुए रिहा होने पर रचिता के भागने का तर्क रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रचिता वत्स की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह हुई थी घटना रचिता कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ाती थी। उसने अपने ओमनगर दर्शन पुरवा निवासी प्रेमी प्रभात शुक्ला के साथ मिलकर कुशाग्र को फिरौती के लालच में अगवा करके हत्या कर दी थी। प्रभात ने अपने घर में उसकी हत्या की थी। जहां से पुलिस ने उसका शव भी बरामद कर लिया था। इसमें प्रभात के साथी ओमनगर निवासी आर्यन उर्फ शिवा गुप्ता ने उसकी मदद की थी। फिरौती का पत्र शिवा ही कुशाग्र के घर लेकर पहुंचा था और गार्ड को दिया था।
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