महाराष्ट्र CM का ऐलान किसी भी वक्त:अमित शाह के घर पहुंचे नड्‌डा, मीटिंग जारी; फडणवीस, शिंदे और पवार भी दिल्ली पहुंचे

महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है। अमित शाह के घर मीटिंग में भाग लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा पहुंच चुके हैं। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मीटिंग में शामिल होंगे। मीटिंग से पहले फडणवीस और अजित पवार के बीच भी मीटिंग हुई। शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता जो फैसला लेंगे, उसका समर्थन करूंगा। इधर, मुंबई में फडणवीस के सरकारी आवास के बाहर फडणवीस को महाराष्ट्र का स्थायी मुख्यमंत्री घोषित करने वाले बैनर लगाए गए हैं। यह बैनर BJP कार्यकर्ताओं ने लगाया है। बैनर में फडणवीस को शपथ लेते दिखाया है। शिंदे बोले- हमें भाजपा का CM मंजूर बुधवार को ठाणे में कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा का CM हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। शिंदे ने कहा- मैंने 26 नवंबर मोदी जी को फोन किया था हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, मन में कोई अड़चन न लाएं। हम सब NDA का हिस्सा हैं। बैठक में जो फैसला लिया जाएगा, हमें मंजूर होगा। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं बनेंगे। शिंदे बोले- मैं कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। यह जनता की विजय है। समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद। इलेक्शन के वक्त सुबह 5 बजे तक काम करते थे। सभी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की। पूर्व डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिंदे के बयान ने सबकी शंका दूर की है। महायुति में कभी भी मतभेद नहीं रहा है। हम मुख्यमंत्री के नाम पर ही जल्द ही फैसला लेंगे। शिंदे को मोदी का हर फैसला स्वीकार, 6 बयान दिए.. 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा एकनाथ शिंदे ने कहा, "आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।" 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी शिंदे ने कहा, "जब CM था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।" 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी एकनाथ शिंदे बोले, "हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।" 4. हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदी जी का फैसला स्वीकार शिंदे ने कहा, "मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है।" 5. मोदी-शाह ढाई साल चट्टान की तरह साथ खड़े रहे उन्होंने कहा, "हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। ढाई साल तक दोनों चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहे। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।" 6. मुझे पद की लालसा नहीं, महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं एकनाथ शिंदे ने कहा, "मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।" नेता विपक्ष को लेकर MVA मिलकर दावा पेश कर सकती है विधानसभा चुनाव में किसी भी विपक्षी पार्टी को सदन में नेता प्रतिपक्ष (LoP) के लिए जरूरी सीटें नहीं मिली हैं। नियमानुसार विधानसभा सीटों की कम से कम 10% सीटें जीतने वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। अगर कई पार्टियों ने इससे ज्यादा सीटें हासिल की हों, तो सबसे ज्यादा सीट वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। इस बार ऐसा नहीं है इसलिए MVA के संयुक्त LoP पद का दावा कर सकती है। इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर प्री-पोल अलायंस का तर्क दिया जाएगा। फडणीवस एक बार फिर CM बन सकते हैं वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा ने 105 से 132 सीटें जीतीं 'मेरा पानी उतरता देख, किनारों पर घर मत बसा लेना... मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा।' देवेंद्र फडणवीस ने दुष्यंत कुमार का यह शेर 1 दिसंबर 2019 को​ ​​​​​​महाराष्ट्र विधानसभा में पढ़ा था। 28 नवंबर 2019 को भाजपा से अलग होकर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और NCP के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उद्धव ठाकरे की वजह से ही फडणवीस CM बनते-बनते रह गए थे। 23 नवंबर 2024, यानी 5 साल पूरे होने के 5 दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया। भाजपा 149 सीटों पर लड़ी, 132 सीटें जीतीं। उसके गठबंधन ने 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 28, 2024 - 21:25
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महाराष्ट्र CM का ऐलान किसी भी वक्त:अमित शाह के घर पहुंचे नड्‌डा, मीटिंग जारी; फडणवीस, शिंदे और पवार भी दिल्ली पहुंचे
महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है। अमित शाह के घर मीटिंग में भाग लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा पहुंच चुके हैं। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मीटिंग में शामिल होंगे। मीटिंग से पहले फडणवीस और अजित पवार के बीच भी मीटिंग हुई। शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता जो फैसला लेंगे, उसका समर्थन करूंगा। इधर, मुंबई में फडणवीस के सरकारी आवास के बाहर फडणवीस को महाराष्ट्र का स्थायी मुख्यमंत्री घोषित करने वाले बैनर लगाए गए हैं। यह बैनर BJP कार्यकर्ताओं ने लगाया है। बैनर में फडणवीस को शपथ लेते दिखाया है। शिंदे बोले- हमें भाजपा का CM मंजूर बुधवार को ठाणे में कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा का CM हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। शिंदे ने कहा- मैंने 26 नवंबर मोदी जी को फोन किया था हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, मन में कोई अड़चन न लाएं। हम सब NDA का हिस्सा हैं। बैठक में जो फैसला लिया जाएगा, हमें मंजूर होगा। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं बनेंगे। शिंदे बोले- मैं कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। यह जनता की विजय है। समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद। इलेक्शन के वक्त सुबह 5 बजे तक काम करते थे। सभी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की। पूर्व डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिंदे के बयान ने सबकी शंका दूर की है। महायुति में कभी भी मतभेद नहीं रहा है। हम मुख्यमंत्री के नाम पर ही जल्द ही फैसला लेंगे। शिंदे को मोदी का हर फैसला स्वीकार, 6 बयान दिए.. 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा एकनाथ शिंदे ने कहा, "आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।" 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी शिंदे ने कहा, "जब CM था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।" 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी एकनाथ शिंदे बोले, "हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।" 4. हम अड़चन नहीं, पूरी शिवसेना को मोदी जी का फैसला स्वीकार शिंदे ने कहा, "मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है।" 5. मोदी-शाह ढाई साल चट्टान की तरह साथ खड़े रहे उन्होंने कहा, "हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। ढाई साल तक दोनों चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहे। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं।" 6. मुझे पद की लालसा नहीं, महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं एकनाथ शिंदे ने कहा, "मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।" नेता विपक्ष को लेकर MVA मिलकर दावा पेश कर सकती है विधानसभा चुनाव में किसी भी विपक्षी पार्टी को सदन में नेता प्रतिपक्ष (LoP) के लिए जरूरी सीटें नहीं मिली हैं। नियमानुसार विधानसभा सीटों की कम से कम 10% सीटें जीतने वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। अगर कई पार्टियों ने इससे ज्यादा सीटें हासिल की हों, तो सबसे ज्यादा सीट वाली विपक्षी पार्टी को यह पद दिया जाता है। इस बार ऐसा नहीं है इसलिए MVA के संयुक्त LoP पद का दावा कर सकती है। इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर प्री-पोल अलायंस का तर्क दिया जाएगा। फडणीवस एक बार फिर CM बन सकते हैं वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा ने 105 से 132 सीटें जीतीं 'मेरा पानी उतरता देख, किनारों पर घर मत बसा लेना... मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा।' देवेंद्र फडणवीस ने दुष्यंत कुमार का यह शेर 1 दिसंबर 2019 को​ ​​​​​​महाराष्ट्र विधानसभा में पढ़ा था। 28 नवंबर 2019 को भाजपा से अलग होकर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और NCP के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उद्धव ठाकरे की वजह से ही फडणवीस CM बनते-बनते रह गए थे। 23 नवंबर 2024, यानी 5 साल पूरे होने के 5 दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया। भाजपा 149 सीटों पर लड़ी, 132 सीटें जीतीं। उसके गठबंधन ने 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं। पूरी खबर पढ़ें...

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