न ग्रीन नेट, न एंटी स्मोग गन...खूब उड़ रही धूल:एसएन मेडिकल कॉलेज में निर्देशों को ताक पर रखकर चल रहा निर्माण कार्य, मंडलायुक्त के आदेश का पालन नहीं
UP के नॉन अटेनमेंट शहरों की सूची में आगरा भी शामिल, इसके बाद भी ग्रेंडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी मंडलीय समीक्षा बैठक में सरकारी निर्माण कार्य स्थलों पर ग्रीन नेट, वाटर स्प्रींग कलर, एंटी स्मोग गन के प्रयोग के आदेश दिए थे। मगर, एसएन मेडिकल कॉलेज में इन सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया है। बुधवार को हुई मंडलीय समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। इसके बाद गुरुवार को दैनिक भास्कर की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहे निर्माण कार्य स्थल काे देखा। पता चला कि यहां बुल्डोजर की मदद से खोदाई का कार्य चल रहा था। मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ से बना दिए हैं। ट्रक भी मिट्टी से भरा हुआ खड़ा था। यहां इतनी मिट्टी खोदी गई है कि गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। इतने बढ़े स्तर पर यहां कार्य चल रहा है, इसके बावजूद यहां नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। लेडी लॉयल की तरफ नूरी दरवाजा सड़क किनारे से कार्य चल रहा है। यहां धूल को उड़ने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं हैं। मिनि एम्स बनाने की है योजना एसएन मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड करते हुए यहां मिनि एम्स बनाने की तैयारी है। इसके लिए यहां निर्माण कार्य चल रहा है। विभिन्न भवन तैयार किए जा रहे हैं। इसी के लिए यहां खोदाई का कार्य चल रहा है। रामबाग पर उड़ रही धूल पिछले दिनों रामबाग चौराहा पर जलकल की पानी की पाइप लाइन लीक हो गई थी। इसकी मरम्मत के लिए यहां गहरा गड्ढा खोदा गया। इसके बाद से इस गड्ढे को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। मगर, अब तक यहां पक्का नहीं किया गया। इसकी वजह से यहां काफी धूल उड़ रही है। कार्य स्थल के आसपास धूल को उड़ने से रोकने के कोई बंदोबस्त नहीं हैं। NCAP में शामिल है आगरा UP के 17 शहरों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत रखा गया है। इसमें आगरा, अनपरा, बरेली, फिरोजाबाद, गजरौला, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, नोएडा, रायबरेली, प्रयागराज, कानपुर, खुर्जा और वाराणसी हैं। NCAP के तहत शहर-विशिष्ट कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं। इन कार्य योजनाओं में शहरों में वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान की गई है। इन स्रोतों में मिट्टी और सड़क की धूल, वाहन, घरेलू ईंधन, निर्माण सामग्री, और उद्योग शामिल हैं। इन कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए, उत्तर प्रदेश में 14 एजेंसियों को ज़िम्मेदारी दी गई थी। इनमें परिवहन विभाग, एनएचएआई, नगर निगम, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, आरटीओ, जिला आपूर्ति कार्यालय, यातायात पुलिस, वन विभाग, शहरी विकास प्राधिकरण, यूपीपीसीबी, नगर पालिका परिषद, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, और अन्य संबद्ध विभाग और कंपनियां शामिल हैं।
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