UP में पहली बार आगरा में ड्रोन से होगी फॉगिंग:पायलेट प्रोजेक्ट के तहत निजी कंपनी ने शुरू किया काम, कई क्षेत्रों में कराई गई फॉगिंग

आगरा नगर निगम ने मच्छरों से निपटने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना पर एक निजी कंपनी ने काम भी प्रारंभ कर दिया है। 3 दिन तक चलने वाले पायलेट प्रोजेक्ट के नतीजे अगर नगर निगम के माफिक रहे तो कंपनी के साथ एंटी लार्वा और फॉगिंग के लिए करार कर लिया जाएगा। विस्तृत क्षेत्रफल और संसाधनों की कमी के चलते नगर निगम ने मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस योजना पर काम भी प्रारंभ हो गया है। 2 दिन से नगर के विभिन्न इलाकों में तालाबों, पार्कों ओर नालों पर ड्रोन की सहायता से फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे कराया जा रहा है। पायलेट प्रोजक्ट पर काम कर रही सिनर्जी टेलीमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि कंपनी ने प्रोजेक्ट पर अपना काम शुरु कर दिया है। पिछले दो दिनों में कंपनी बल्केश्वर स्थित शिवपुरी पार्क, शिवपुरी स्कूल पार्क, सेंट्रल पार्क आवास विकास,जोनल पार्क के अलावा पुष्पांजली आशियाना,शास्त्रीपुरम पार्क, जोनल आफिस, करकुंज मंटोला नाला, महावीर नाला, मंगलम अपार्टमेंट आदि स्थानों पर ड्रोन से एंटीलार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जा चुकी है। इस दौरान करीब 10 एकड़ का एरिया कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस प्रकार का ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में ही किया जाता था। अब इसे मच्छरों पर नियंत्रण के दवाओं के स्प्रे करने के काम भी लाया जा रहा है। इसे दो आदमी आसानी से आॅपरेट कर लेते हैं। इसमें एक बार में 50 ML केमिकल का उपयोग ही होता है। इसके टैंक की कैपिसिटी 20 लीटर की होती है। इस संबंध में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। अभी तक नगरीय क्षेत्रों में मैनपाॅवर और वाहनों का उपयोग कर एंटी लार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जाती थी। इसमें बहुत अधिक समय और मैनपावर के अलावा बहुत अधिक मात्रा में केमिकल का प्रयोग करना होता था। पहुंच से दूर वाले इलाकों में फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे करने में कठिनाइयां होती थीं। इससे जहां पूरे शहर को जल्द से जल्द कवर किया जा सकेगा वहीं समय और केमिकल की बचत भी होगी। कंपनी द्वारा कराये जा रहे कार्य पर अधिकारियों से माॅनीटरिंग कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। एंटी लारवा के लिए ड्रोन का उपयोग प्रदेश में पहली बार आगरा नगर निगम प्रदेश में पहला ऐसा नगर निगम है जो एंटी लारवा ड्रोन के माध्यम से कर रहा है तथा देश में पहला नगर निगम है जो फागिंग को ड्रोन के माध्यम से करने की कोशिश कर रहा है

Nov 28, 2024 - 21:25
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UP में पहली बार आगरा में ड्रोन से होगी फॉगिंग:पायलेट प्रोजेक्ट के तहत निजी कंपनी ने शुरू किया काम, कई क्षेत्रों में कराई गई फॉगिंग
आगरा नगर निगम ने मच्छरों से निपटने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना पर एक निजी कंपनी ने काम भी प्रारंभ कर दिया है। 3 दिन तक चलने वाले पायलेट प्रोजेक्ट के नतीजे अगर नगर निगम के माफिक रहे तो कंपनी के साथ एंटी लार्वा और फॉगिंग के लिए करार कर लिया जाएगा। विस्तृत क्षेत्रफल और संसाधनों की कमी के चलते नगर निगम ने मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस योजना पर काम भी प्रारंभ हो गया है। 2 दिन से नगर के विभिन्न इलाकों में तालाबों, पार्कों ओर नालों पर ड्रोन की सहायता से फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे कराया जा रहा है। पायलेट प्रोजक्ट पर काम कर रही सिनर्जी टेलीमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि कंपनी ने प्रोजेक्ट पर अपना काम शुरु कर दिया है। पिछले दो दिनों में कंपनी बल्केश्वर स्थित शिवपुरी पार्क, शिवपुरी स्कूल पार्क, सेंट्रल पार्क आवास विकास,जोनल पार्क के अलावा पुष्पांजली आशियाना,शास्त्रीपुरम पार्क, जोनल आफिस, करकुंज मंटोला नाला, महावीर नाला, मंगलम अपार्टमेंट आदि स्थानों पर ड्रोन से एंटीलार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जा चुकी है। इस दौरान करीब 10 एकड़ का एरिया कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस प्रकार का ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में ही किया जाता था। अब इसे मच्छरों पर नियंत्रण के दवाओं के स्प्रे करने के काम भी लाया जा रहा है। इसे दो आदमी आसानी से आॅपरेट कर लेते हैं। इसमें एक बार में 50 ML केमिकल का उपयोग ही होता है। इसके टैंक की कैपिसिटी 20 लीटर की होती है। इस संबंध में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। अभी तक नगरीय क्षेत्रों में मैनपाॅवर और वाहनों का उपयोग कर एंटी लार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जाती थी। इसमें बहुत अधिक समय और मैनपावर के अलावा बहुत अधिक मात्रा में केमिकल का प्रयोग करना होता था। पहुंच से दूर वाले इलाकों में फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे करने में कठिनाइयां होती थीं। इससे जहां पूरे शहर को जल्द से जल्द कवर किया जा सकेगा वहीं समय और केमिकल की बचत भी होगी। कंपनी द्वारा कराये जा रहे कार्य पर अधिकारियों से माॅनीटरिंग कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। एंटी लारवा के लिए ड्रोन का उपयोग प्रदेश में पहली बार आगरा नगर निगम प्रदेश में पहला ऐसा नगर निगम है जो एंटी लारवा ड्रोन के माध्यम से कर रहा है तथा देश में पहला नगर निगम है जो फागिंग को ड्रोन के माध्यम से करने की कोशिश कर रहा है

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