ग्रामीणों की जमीन पर पंचायत भवन बनाने का मामला:प्रधान और सचिव पर गिरी गाज, 10 लाख 46 हजार की होगी वसूली

देवरिया में एक बार फिर प्रशासन का सख्त रुख सामने आया है। जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत में निजी जमीन पर अवैध तरीके से पंचायत भवन का निर्माण कराए जाने के मामले में सख्त कदम उठाते हुए 10 लाख 46 हजार की राशि प्रधान और पंचायत सचिव से वसूलने का आदेश दिया है। डीएम ने कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर ये राशि जमा नहीं हुई, तो वसूली भू-राजस्व बकाए की तरह की जाएगी। आइए जानते हैं पूरा मामला... गौरी बाजार विकासखंड के गौरी बुजुर्ग गांव निवासी सोनू यादव ने 5 अगस्त को शिकायत की थी कि वर्ष 2019-20 में आरजीएसए योजना के तहत ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन में अनियमितताएं की गई हैं। शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई कि आवंटित धनराशि 17 लाख 46 हजार रुपए के बावजूद ग्राम पंचायत ने निजी जमीन पर अवैध निर्माण कर दिया। इसमें सोनू यादव, संत राज यादव, सुरेश यादव, बुद्धिराम सहित अन्य ग्रामीणों की निजी जमीन पर नियमों का उल्लंघन कर पंचायत भवन बनवाया गया और 10 लाख 46 हजार 40 रुपए का भुगतान कर शासकीय धन का दुरुपयोग हुआ। डीएम का आदेश, 15 दिनों में हो वसूली जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने तत्कालीन ग्राम प्रधान लालमति देवी और सचिव अंबिका प्रसाद को दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। कई बार नोटिस देने के बावजूद जब जवाब नहीं मिला, तो डीएम ने दोनों पर कार्रवाई का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, 10 लाख 46 हजार रुपए की राशि दोनों से आधी-आधी यानी 5 लाख 23 हजार 20 रुपए की वसूली की जाएगी। डीएम ने कहा कि यदि 15 दिन के अंदर राशि जमा नहीं की गई, तो यह वसूली भू-राजस्व बकाए की तर्ज पर की जाएगी।

Oct 30, 2024 - 17:55
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ग्रामीणों की जमीन पर पंचायत भवन बनाने का मामला:प्रधान और सचिव पर गिरी गाज, 10 लाख 46 हजार की होगी वसूली
देवरिया में एक बार फिर प्रशासन का सख्त रुख सामने आया है। जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत में निजी जमीन पर अवैध तरीके से पंचायत भवन का निर्माण कराए जाने के मामले में सख्त कदम उठाते हुए 10 लाख 46 हजार की राशि प्रधान और पंचायत सचिव से वसूलने का आदेश दिया है। डीएम ने कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर ये राशि जमा नहीं हुई, तो वसूली भू-राजस्व बकाए की तरह की जाएगी। आइए जानते हैं पूरा मामला... गौरी बाजार विकासखंड के गौरी बुजुर्ग गांव निवासी सोनू यादव ने 5 अगस्त को शिकायत की थी कि वर्ष 2019-20 में आरजीएसए योजना के तहत ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन में अनियमितताएं की गई हैं। शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई कि आवंटित धनराशि 17 लाख 46 हजार रुपए के बावजूद ग्राम पंचायत ने निजी जमीन पर अवैध निर्माण कर दिया। इसमें सोनू यादव, संत राज यादव, सुरेश यादव, बुद्धिराम सहित अन्य ग्रामीणों की निजी जमीन पर नियमों का उल्लंघन कर पंचायत भवन बनवाया गया और 10 लाख 46 हजार 40 रुपए का भुगतान कर शासकीय धन का दुरुपयोग हुआ। डीएम का आदेश, 15 दिनों में हो वसूली जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने तत्कालीन ग्राम प्रधान लालमति देवी और सचिव अंबिका प्रसाद को दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। कई बार नोटिस देने के बावजूद जब जवाब नहीं मिला, तो डीएम ने दोनों पर कार्रवाई का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, 10 लाख 46 हजार रुपए की राशि दोनों से आधी-आधी यानी 5 लाख 23 हजार 20 रुपए की वसूली की जाएगी। डीएम ने कहा कि यदि 15 दिन के अंदर राशि जमा नहीं की गई, तो यह वसूली भू-राजस्व बकाए की तर्ज पर की जाएगी।

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