'जब पाकिस्तान बना दिया तो वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत':पं. देवकी नंदन बोले-सनातन बोर्ड हमारे लिए उतना जरूरी...जितना वोटिंग का अधिकार

सनातन बोर्ड हमारे लिए उतना ही जरूरी है, जितना वोटिंग का अधिकार, वोटिंग हमे सरकार चुनने का मौका देती है… जबकि सनातन बोर्ड हमे धार्मिक स्थलों की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। यह बातें रविवार को प्रसिद्ध कथावाचक पं. देवकी नंदन महाराज ने मोतीझील मैदान में कही। पंडित देवकी नंदन महाराज ने कहा-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत में वक्फ बोर्ड की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तो यह काफी समय से कह रहे है कि जब पाकिस्तान बना दिया गया तो वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत। उन्होंने कहा-वक्फ बोर्ड के खिलाफ काफी लंबे समय से आवाज उठाई जा रही थी, जो सरकार तक पहुंच गई है। आशा करते हैं कि सनातन बोर्ड के लिए सनातन बोर्ड विस्तार की आवाज भी सरकार तक पहुंचे। प्रसाद के रूप में चर्बी खिलाई गई उन्होंने कहा-सनातनियों की आस्था से खिलवाड़ कर उन्हें प्रसाद के रूप में चर्बी खिलाई गई, ऐसे कामों को रोकने के लिए सनातन बोर्ड का विस्तार होना चाहिए। सनातन बोर्ड का विस्तार होने से हमारे धार्मिक स्थलों से सरकार का हस्तक्षेप खत्म होगा और शंकराचार्य उनका संचालन करेंगें। सोशल मीडिया से करें सनातन बोर्ड की मांग कथा पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं से कहा-आप अपने सोशल मीडिया के माध्यम से सनातन बोर्ड की मांग रोजाना सरकार से करें। मोतीझील में आयोजित 7 दिवसीय कथा के पहले दिन कथा पंडाल भक्तों से खचाखच भरा हुआ था। करीब 3 घंटे देरी से कार्य की शुरुआत हुई। पं. देवकी नंदन महाराज ने कथा की शुरुआत मन्त्रोच्चार के साथ की, बांके बिहारी का भजन गाते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं तालियां बजाने लगे, महिलाएं भक्ति से ओत-प्रोत होकर पंडाल में झूमने लगी। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान की कथा सुनना एक अद्भुत और दिव्य अनुभव है, जो जीवन के सभी दुखों को समाप्त कर देता है। श्रद्धा भाव से कथा सुनने में मिलती मानसिक शांति जब कोई व्यक्ति भगवत कथा को श्रद्धा और ध्यानपूर्वक सुनता है, तो उसके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। मानव जीवन में ज्ञान का विशेष महत्व है। अपने ज्ञान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर के अज्ञान और अंधकार को दूर कर सकता है। जैसे अंधेरी रात में एक दीपक प्रकाश फैलाता है, वैसे ही ज्ञान का प्रकाश व्यक्ति को सही मार्ग दिखाता है और उसे पापों के चक्र से बाहर निकालता है।

Nov 25, 2024 - 06:25
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'जब पाकिस्तान बना दिया तो वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत':पं. देवकी नंदन बोले-सनातन बोर्ड हमारे लिए उतना जरूरी...जितना वोटिंग का अधिकार
सनातन बोर्ड हमारे लिए उतना ही जरूरी है, जितना वोटिंग का अधिकार, वोटिंग हमे सरकार चुनने का मौका देती है… जबकि सनातन बोर्ड हमे धार्मिक स्थलों की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। यह बातें रविवार को प्रसिद्ध कथावाचक पं. देवकी नंदन महाराज ने मोतीझील मैदान में कही। पंडित देवकी नंदन महाराज ने कहा-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत में वक्फ बोर्ड की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तो यह काफी समय से कह रहे है कि जब पाकिस्तान बना दिया गया तो वक्फ बोर्ड की क्या जरूरत। उन्होंने कहा-वक्फ बोर्ड के खिलाफ काफी लंबे समय से आवाज उठाई जा रही थी, जो सरकार तक पहुंच गई है। आशा करते हैं कि सनातन बोर्ड के लिए सनातन बोर्ड विस्तार की आवाज भी सरकार तक पहुंचे। प्रसाद के रूप में चर्बी खिलाई गई उन्होंने कहा-सनातनियों की आस्था से खिलवाड़ कर उन्हें प्रसाद के रूप में चर्बी खिलाई गई, ऐसे कामों को रोकने के लिए सनातन बोर्ड का विस्तार होना चाहिए। सनातन बोर्ड का विस्तार होने से हमारे धार्मिक स्थलों से सरकार का हस्तक्षेप खत्म होगा और शंकराचार्य उनका संचालन करेंगें। सोशल मीडिया से करें सनातन बोर्ड की मांग कथा पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं से कहा-आप अपने सोशल मीडिया के माध्यम से सनातन बोर्ड की मांग रोजाना सरकार से करें। मोतीझील में आयोजित 7 दिवसीय कथा के पहले दिन कथा पंडाल भक्तों से खचाखच भरा हुआ था। करीब 3 घंटे देरी से कार्य की शुरुआत हुई। पं. देवकी नंदन महाराज ने कथा की शुरुआत मन्त्रोच्चार के साथ की, बांके बिहारी का भजन गाते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं तालियां बजाने लगे, महिलाएं भक्ति से ओत-प्रोत होकर पंडाल में झूमने लगी। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान की कथा सुनना एक अद्भुत और दिव्य अनुभव है, जो जीवन के सभी दुखों को समाप्त कर देता है। श्रद्धा भाव से कथा सुनने में मिलती मानसिक शांति जब कोई व्यक्ति भगवत कथा को श्रद्धा और ध्यानपूर्वक सुनता है, तो उसके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। मानव जीवन में ज्ञान का विशेष महत्व है। अपने ज्ञान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर के अज्ञान और अंधकार को दूर कर सकता है। जैसे अंधेरी रात में एक दीपक प्रकाश फैलाता है, वैसे ही ज्ञान का प्रकाश व्यक्ति को सही मार्ग दिखाता है और उसे पापों के चक्र से बाहर निकालता है।

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