जेलेंस्की बोले- मोदी यूक्रेन-रूस जंग रुकवा सकते हैं:BRICS समिट फेल रही, इसमें शामिल हुए ज्यादातर नेताओं पर पुतिन को भरोसा नहीं
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने में बड़ा असर डाल सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि वे चाहते हैं कि दूसरी यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो। मोदी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि मोदी आबादी और इकोनॉमी के हिसाब से एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। किसी भी संघर्ष के रोकने में भारत और मोदी का बड़ा असर हो सकता है। PM मोदी की तरफ से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कराने की संभावना पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, वे ऐसा कर सकते हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि BRICS समिट फेल हो गई। इसमें एकता का अभाव दिखा। समिट में ब्राजील के नेता नहीं पहुंचे। BRICS समिट में कई देशों के नेता मौजूद थे, लेकिन इसमें ज्यादातर ऐसे थे जिन पर पुतिन को भरोसा नहीं है। सऊदी अरब को संगठन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था लेकिन वह शामिल नहीं हुआ। पुतिन इस समिट के जरिए दुनिया के बड़े हिस्से को अपनी तरफ लाना चाहते थे लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। जेलेंस्की बोले- तटस्थ रहने का कोई मतलब नहीं, इससे रूस को फायदा संयुक्त राष्ट्र महासचिव के BRICS समिट में शामिल होने पर जेलेंस्की ने कहा कि अगर कोई कहता है कि वह यूक्रेन-रूस जंग के बीच तटस्थ हैं तो इसका मतलब ये है कि वे रूस के साथ हैं। जेलेंस्की ने कहा कि तटस्थता सिर्फ रूस की मदद करती है। हमलावर और पीड़ित के बीच, तटस्थता नहीं हो सकती। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के कजान शहर में 16वें BRICS सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस दौरान मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए। मोदी ने कहा कि आने वाले समय में भी भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। प्रतिबंधों का रूस पर असर पड़ा, भारत-चीन चाह लें तो जंग रुक जाएगी जेलेंस्की ने कहा कि रूस की इकोनॉमी को कमजोर कर जंग को रोका जा सकता है। कई लोग तर्क देते हैं कि प्रतिबंध से रूस पर कोई असर नहीं पड़ा है, लेकिन हकीकत यह है कि इसका रूस पर थोड़ा ही सही लेकिन असर पड़ा है। भारत, चीन, तुर्की और बाकी बड़े देश रूस पर प्रतिबंध लगा दें तो पुतिन जंग रोकने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के हजारों बच्चों का अपहरण कर लिया है। हम चाहते हैं कि मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें। वे पुतिन से कह सकते हैं कि मुझे सिर्फ 1,000 यूक्रेनी बच्चें दें, जिसे यूक्रेन को हम लौटा देंगे। अगर मोदी ऐसा करेंगे तो हम अपने ज्यादातर बच्चे को वापस अपने लाने में सफल हो सकते हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति कोई बने, वे यूक्रेन समर्थक होंगे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को लेकर जेलेंस्की ने कहा, “नेता बदलने से अमेरिकी नीतियां नहीं बदलती हैं। कोई भी अमेरिका का राष्ट्रपति बना वह यूक्रेन को अपना समर्थन देना जारी रखेगा। अगर अमेरिका की नीति बदलती है तो हमारे लिए मुश्किल होगा।” जेलेंस्की ने कहा कि यूरोप अकेले भी रूस को टक्कर देने के काबिल है। यह एक शक्तिशाली महाद्वीप है। रूस से यह आबादी के मामले में 5 गुना बड़ा है। आर्थिक रूप से यह दर्जनों गुना बड़ा है। यूरोप अगर एकजुट रहे तो यह बेहद ताकतवर है। हमारे लिए ये जरूरी है कि हम यूरोप की एकता को बनाए रखें। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों के लिए यह तीसरी कठोर सर्दी है। हम लोगों को सुरक्षित रखने की कोशिश में जुटे हैं। रूस ने हमारे बिजली केंद्रों पर हमला किया ताकि हमारे लोग सर्दी झेल नहीं पाएं। हम अपनी एनर्जी सिस्टम को दुरुस्त करने में जुटे हैं। .................................................. जेलेंस्की से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया:बोले- मैंने पुतिन की आंख से आंख मिलाकर कहा, यह युद्ध का समय नहीं रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को यूक्रेन पहुंचे। यहां राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक में मोदी ने कहा, "भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।" पूरी खबर यहां पढ़ें...
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