ईरान पर हमले में शामिल थी इजराइली महिला फाइटर पायलट:1600 किमी. दूर तबाह किए बैलिस्टिक मिसाइल ठिकाने; अमेरिका बोला- पलटवार की भूल न करें
इजराइल ने शनिवार को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए महिला फाइटर पायलटों को भी मिशन पर भेजा था। इजराइल की डिफेंस फोर्सेस ने तस्वीरें और वीडियो जारी कर ईरान के खिलाफ चलाए ऑपरेशन 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' यानी पछतावे के दिनों की जानकारी दी है। इसमें महिलाएं भी फाइटर जेट्स में सवार होकर ऑपरेशन पर रवाना होते हुए दिखाई दे रही हैं। वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान IDF के फाइटर जेट्स अपने एरिया से 1600 किलोमीटर दूर गए थे। ईरान पर हमले के लिए F-15 और F-16 फाइटर जेट्स कोखुली छूट दी थी। इजराइली हमले में उन जगहों को निशाना बनाया गया जहां ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलें बनाई जाती थी। जिनका इस्तेमाल ईरान ने इजराइल पर 1 अक्टूबर के हमले में किया था। 1980 के दशक में इराक से युद्ध के बाद से पहली बार किसी दुश्मन देश ने ईरान पर इस तरह से हवाई हमले किए हैं। कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा के मुताबिक इस ऑपरेशन में 4 लोगों की मौत हुई। ईरान ने कहा है कि उसे पलटवार करने का पूरा हक है। दूसरी तरफ अमेरिका ने ईरान को इजराइल के खिलाफ कोई एक्शन न लेने की चेतावनी दी है। ईरान पर हमले के रवाना होते हुए इजराइली एयरफोर्स फोटोज और VIDEO... इजराइल के हमले पर अमेरिका बनाम ईरान अमेरिका ने एकतरफ जहां इजराइली हमले के बाद ये साफ किया कि वे इसमें किसी तरह शामिल नहीं थे। वहीं शनिवार देर रात अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ईरान को चेतावनी दी है कि वे इजराइल पर पलटवार की भूल न करें। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच टकराव को अब तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकिया ने इजराइली हमले में मारे गए 4 सैनिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा- ईरान के दुश्मनों को ये पता होना चाहिए की वे अपनी रक्षा के लिए बिना डरे लड़ने को तैयार हैं। वे दुश्मन की बेवकुफियों से समझदारी से निपटेंगे। इजराइल ने कैसे ईरान पर हमले को अंजाम दिया... -------------------------- ईरान- इजराइल के टकराव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... एक इजराइली फोन कॉल से ईरान में 3 घंटे हमले:अरब देश इतने अशांत क्यों; अंग्रेजों का बंटवारा, शिया-सुन्नी की लड़ाई, विवाद की 3 वजह ऐसा क्यों है कि मिडिल ईस्ट में कभी शांति नहीं होती, यहां पिछले 30 साल से हर चार साल में एक जंग लड़ी गई है। इसकी वजह अंग्रेजों का 104 साल पहले लिया गया वो फैसला है जिसमें अरब देशों का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे से ऐसा क्या हुआ था कि अरब देश आज भी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं, स्टोरी में साल 1920 के फैसले और उसके नतीजे की कहानी… पूरी खबर यहां पढ़ें...
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