ज्ञानवापी केस में मुख्तार को पक्षकार बनाने पर सुनवाई आज:ADJ-14 की कोर्ट में दाखिल निगरानी अर्जी, FTC में खारिज हो चुकी याचिका

ज्ञानवापी के मूलवाद-1991 में पक्षकार बनाने के लिए लोहता निवासी मुख्तार अंसारी की ओर से अपर जिला जज (चर्तुदश) देवकांत शुक्ला की कोर्ट में दाखिल निगरानी अर्जी दायर की गई है। इसमें केस में शामिल दलीलों और दावों को चुनौती दी गई है। मुख्तार अंसारी की ओर से पक्षकार बनने के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया गया कि वह अपने पिता के साथ ज्ञानवापी परिसर में जुमे की नमाज व अन्य मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते थे। उनको इबादत का कानूनी रूप से मौलिक अधिकार है। पिछले 30 वर्षों से प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड किस प्रकार से मुसलमानों के हितों की रक्षा ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहे हैं इसलिए मुझे भी इसमें पैरवी का अवसर प्रदान किया जाए। हालांकि आज दोपहर बाद इस पर सुनवाई होगी 7 महीने पहले सीडी. में खारिज हो चुकी याचिका ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मूलवाद में मुख्तार अंसारी को पक्षकार बनाने की याचिका को 7 महीने पहले एफटीसी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सिविल जज सीनियर डिवीजन (एफटीसी) प्रशांत सिंह केस में उसे पक्षकार बनाए जाने की बात को गैरजरूरी बताया था, आदेश में कहा कि इस वाद में मुख्तार को पक्षकार बनाने का कोई औचित्य नहीं है। केस में 30 साल बाद पक्षकार बनने की अपील में कोई कारण भी स्पष्ट नहीं है। लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी की ओर से पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पत्र दो जुलाई 2022 को एफटीसी कोर्ट में दिया था। कोर्ट ने कहा कि अब इतने विलंब से प्रस्तुत करने का कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।

Nov 21, 2024 - 11:50
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ज्ञानवापी केस में मुख्तार को पक्षकार बनाने पर सुनवाई आज:ADJ-14 की कोर्ट में दाखिल निगरानी अर्जी, FTC में खारिज हो चुकी याचिका
ज्ञानवापी के मूलवाद-1991 में पक्षकार बनाने के लिए लोहता निवासी मुख्तार अंसारी की ओर से अपर जिला जज (चर्तुदश) देवकांत शुक्ला की कोर्ट में दाखिल निगरानी अर्जी दायर की गई है। इसमें केस में शामिल दलीलों और दावों को चुनौती दी गई है। मुख्तार अंसारी की ओर से पक्षकार बनने के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया गया कि वह अपने पिता के साथ ज्ञानवापी परिसर में जुमे की नमाज व अन्य मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते थे। उनको इबादत का कानूनी रूप से मौलिक अधिकार है। पिछले 30 वर्षों से प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड किस प्रकार से मुसलमानों के हितों की रक्षा ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहे हैं इसलिए मुझे भी इसमें पैरवी का अवसर प्रदान किया जाए। हालांकि आज दोपहर बाद इस पर सुनवाई होगी 7 महीने पहले सीडी. में खारिज हो चुकी याचिका ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मूलवाद में मुख्तार अंसारी को पक्षकार बनाने की याचिका को 7 महीने पहले एफटीसी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सिविल जज सीनियर डिवीजन (एफटीसी) प्रशांत सिंह केस में उसे पक्षकार बनाए जाने की बात को गैरजरूरी बताया था, आदेश में कहा कि इस वाद में मुख्तार को पक्षकार बनाने का कोई औचित्य नहीं है। केस में 30 साल बाद पक्षकार बनने की अपील में कोई कारण भी स्पष्ट नहीं है। लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी की ओर से पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पत्र दो जुलाई 2022 को एफटीसी कोर्ट में दिया था। कोर्ट ने कहा कि अब इतने विलंब से प्रस्तुत करने का कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।

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