डीएम ने की आईजीआरएस शिकायतों की समीक्षा:लेखपाल को नोटिस जारी करने का आदेश, कहा- अधिकारी मौके पर जाकर समस्याओं का करें निराकरण
सिद्धार्थनगर में कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डा. राजा गणपति आर और सीडीओ जयेन्द्र कुमार ने आईजीआरएस के प्रार्थना-पत्रों के निस्तारण की समीक्षा की। डीएम ने सभी तहसीलों की स्थिति की विस्तृत जांच की और अधिकारियों को समस्याओं का गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करने के निर्देश दिए। डीएम डा. राजा गणपति आर ने कहा कि हर शिकायत का निस्तारण इस तरीके से होना चाहिए कि शिकायतकर्ता पूरी तरह संतुष्ट हो। उन्होंने विशेष रूप से भूमि विवाद से संबंधित प्रकरणों को लेकर स्पष्ट किया कि इन्हें थानाध्यक्ष के पास नहीं भेजा जाना चाहिए, बल्कि उपजिलाधिकारी और राजस्व निरीक्षक को मौके पर भेजकर निस्तारण किया जाना चाहिए। डीएम ने तहसील नौगढ़ और शोहरतगढ़ में लंबित मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की। साथ ही, उन्होंने भीमापार में अवैध कब्जे की शिकायत पर उपजिलाधिकारी को संबंधित लेखपाल को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया, क्योंकि वहां की आख्या ठीक नहीं लगाई गई थी। निस्तारण में तकनीकी सुधार के निर्देश डीएम ने आईजीआरएस के शिकायतों के निस्तारण में और सुधार के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सभी निस्तारित मामलों में स्थल पर शिकायतकर्ता के साथ फोटो अपलोड कराए जाएं और शिकायतकर्ता का हस्ताक्षर भी लिया जाए। राजस्व विभाग के मामलों में उपजिलाधिकारी के हस्ताक्षर के बिना निस्तारण आख्या स्वीकार नहीं की जाएगी। चकमार्गों पर अतिक्रमण पर भी कार्रवाई चकमार्गों पर अतिक्रमण की शिकायतों को लेकर डीएम ने कहा कि उपजिलाधिकारी को इन शिकायतों का निस्तारण खुद मौके पर जाकर करना होगा। इससे गरीबों को समय पर न्याय मिल सकेगा और प्रशासन की जिम्मेदारी पूरी होगी। इसके अलावा, नगर पंचायत, ग्राम्य विकास, लोनिवि और पुलिस विभाग की शिकायतों का भी डीएम ने जिक्र किया और सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आईजीआरएस के प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें। जनसुनवाई का महत्व डीएम ने समस्त उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों को यह भी निर्देश दिया कि वे समय पर अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करें, ताकि लोगों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सके और जनता को उचित न्याय मिल सके।
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