डीएम बोलीं- मरीजों से वसूली की शिकायत पर करें कार्रवाई:जिला अस्पताल का किया निरीक्षण, कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं, मरीजों का उचित इलाज हो

गाजीपुर में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने जिला चिकित्सालय गोराबाजार का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल में दी जा रही चिकित्सीय सुविधाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आईसीयू वार्ड, ओपीडी, आकस्मिक कक्ष, बाल रोग वार्ड, मेडिकल वार्ड (पुरुष और महिला) सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया और भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने मरीजों से मिलकर उनकी दवाओं की उपलब्धता, स्वास्थ स्थिति और अन्य सुविधाओं के बारे में जाना। उन्होंने नर्सों और वार्ड बायों को सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक मरीज की देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि सभी वार्ड में डॉक्टर लगातार उपस्थित रहें, अन्यथा संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वच्छता और चिकित्सीय सुविधाओं पर विशेष ध्याननिरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अस्पताल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने शौचालयों और पानी की स्वच्छता की स्थिति का भी निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि अस्पताल में सभी सुविधाएं समय पर और प्रभावी तरीके से उपलब्ध हों। जिलाधिकारी ने महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को यह निर्देश दिया कि यदि किसी डॉक्टर या कर्मचारी द्वारा मरीजों से पैसे की मांग की जाती है या कोई शिकायत मिलती है तो तत्काल नोटिस जारी किया जाए। इसके साथ ही, मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ती बीमारियों की संख्या पर ध्यान देते हुए मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की बात कही। नियमित रिपोर्टिंग का निर्देशउन्होंने यह भी कहा कि मरीजों के ठीक होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने तक उनकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रतिदिन प्रस्तुत की जाए, ताकि मरीजों के इलाज की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा. आनन्द मिश्रा, और अन्य डॉक्टर और वार्ड स्टाफ भी मौजूद रहे।

Dec 3, 2024 - 21:05
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डीएम बोलीं- मरीजों से वसूली की शिकायत पर करें कार्रवाई:जिला अस्पताल का किया निरीक्षण, कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं, मरीजों का उचित इलाज हो
गाजीपुर में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने जिला चिकित्सालय गोराबाजार का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल में दी जा रही चिकित्सीय सुविधाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आईसीयू वार्ड, ओपीडी, आकस्मिक कक्ष, बाल रोग वार्ड, मेडिकल वार्ड (पुरुष और महिला) सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया और भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने मरीजों से मिलकर उनकी दवाओं की उपलब्धता, स्वास्थ स्थिति और अन्य सुविधाओं के बारे में जाना। उन्होंने नर्सों और वार्ड बायों को सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक मरीज की देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि सभी वार्ड में डॉक्टर लगातार उपस्थित रहें, अन्यथा संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वच्छता और चिकित्सीय सुविधाओं पर विशेष ध्याननिरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अस्पताल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने शौचालयों और पानी की स्वच्छता की स्थिति का भी निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि अस्पताल में सभी सुविधाएं समय पर और प्रभावी तरीके से उपलब्ध हों। जिलाधिकारी ने महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को यह निर्देश दिया कि यदि किसी डॉक्टर या कर्मचारी द्वारा मरीजों से पैसे की मांग की जाती है या कोई शिकायत मिलती है तो तत्काल नोटिस जारी किया जाए। इसके साथ ही, मौसम परिवर्तन के कारण बढ़ती बीमारियों की संख्या पर ध्यान देते हुए मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की बात कही। नियमित रिपोर्टिंग का निर्देशउन्होंने यह भी कहा कि मरीजों के ठीक होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने तक उनकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रतिदिन प्रस्तुत की जाए, ताकि मरीजों के इलाज की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा. आनन्द मिश्रा, और अन्य डॉक्टर और वार्ड स्टाफ भी मौजूद रहे।

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