दरियाबाद में बाजार से खाद खरीदने को मजबूर किसान:तीन सौ रुपए महंगा बिक रहा डीएपी-एनपीके, फसलों के बुआई का समय हो रहा खत्म

बाराबंकी के दरियाबाद क्षेत्र में किसानों को डीएपी और एनपीके खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं, सरसों, और आलू जैसी फसलों की बुआई के लिए किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन वहां खाद उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए बाजार में खुले दुकानदार डीएपी और एनपीके खाद तीन सौ रुपए तक महंगे दामों पर बेच रहे हैं। अकबरपुर के किसान अभय वर्मा ने बताया कि समितियों पर खाद का अभाव है और बाजार में डीएपी 1600 रुपए प्रति बोरी तथा एनपीके लगभग 1500 रुपए में बिक रही है। इसी तरह खजुरी और सैदखानपुर जैसे इलाकों में डीएपी 1600 रुपए और एनपीके 1470 रुपए प्रति बोरी मिल रही है। इन दोनों खादों के बाजार भाव में करीब तीन सौ रुपए की वृद्धि हो चुकी है, जिससे किसानों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। मियागंज समिति के सचिव राजेश तिवारी का कहना है कि रैक अभी तक नहीं आई है। रैक आने के बाद ही डीएपी और एनपीके का वितरण किया जाएगा। वहीं, मथुरानगर समिति में सचिव की तबीयत खराब होने के कारण वहां कार्य प्रभावित हो रहा है और रेलवे स्टेशन के पास मथुरानगर संघ के गोदाम भी सील हैं, जिससे खाद की आपूर्ति ठप पड़ी है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि उन्हें समय पर बुआई का कार्य करने में सहूलियत मिल सके और उन्हें महंगे दामों पर खाद न खरीदनी पड़े।

Nov 6, 2024 - 14:50
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दरियाबाद में बाजार से खाद खरीदने को मजबूर किसान:तीन सौ रुपए महंगा बिक रहा डीएपी-एनपीके, फसलों के बुआई का समय हो रहा खत्म
बाराबंकी के दरियाबाद क्षेत्र में किसानों को डीएपी और एनपीके खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं, सरसों, और आलू जैसी फसलों की बुआई के लिए किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन वहां खाद उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए बाजार में खुले दुकानदार डीएपी और एनपीके खाद तीन सौ रुपए तक महंगे दामों पर बेच रहे हैं। अकबरपुर के किसान अभय वर्मा ने बताया कि समितियों पर खाद का अभाव है और बाजार में डीएपी 1600 रुपए प्रति बोरी तथा एनपीके लगभग 1500 रुपए में बिक रही है। इसी तरह खजुरी और सैदखानपुर जैसे इलाकों में डीएपी 1600 रुपए और एनपीके 1470 रुपए प्रति बोरी मिल रही है। इन दोनों खादों के बाजार भाव में करीब तीन सौ रुपए की वृद्धि हो चुकी है, जिससे किसानों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। मियागंज समिति के सचिव राजेश तिवारी का कहना है कि रैक अभी तक नहीं आई है। रैक आने के बाद ही डीएपी और एनपीके का वितरण किया जाएगा। वहीं, मथुरानगर समिति में सचिव की तबीयत खराब होने के कारण वहां कार्य प्रभावित हो रहा है और रेलवे स्टेशन के पास मथुरानगर संघ के गोदाम भी सील हैं, जिससे खाद की आपूर्ति ठप पड़ी है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि उन्हें समय पर बुआई का कार्य करने में सहूलियत मिल सके और उन्हें महंगे दामों पर खाद न खरीदनी पड़े।

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