दुधवा में उल्लू की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी:दीपावली में लक्ष्मी के वाहन की जमकर होती है तस्करी, सुल्तानपुर वन विभाग सजग

दीपावली करीब आते ही लक्ष्मी जी के वाहन उल्लू की जान पर आफत बन आई है। इस दौरान उल्लुओं की संभावित तस्करी को देखते हुए लखीमपुर-खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क के प्रबंधन और वन विभाग की ओर से उल्लुओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। अंधविस्वास के चलते दी जाती है बलि दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर टी राजू रंगा ने बताया कि दीपावली के दौरान अंधविश्वास के चलते उल्लुओं का शिकार बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। माना जाता है कि लक्ष्मी पूजन में उल्लू की विशेष भूमिका होती है, जिसके कारण कुछ अंधविश्वासी और तांत्रिक उल्लुओं को पकड़कर तंत्र-मंत्र करने की कोशिश करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दुधवा में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है। 2 से 3 लाख में होती है बिक्री वन विभाग का कहना है कि दीपावली के दौरान दुर्लभ प्रजाति के उल्लुओं की काफी डिमांड होती है। इस कारण इनकी तस्करी भी बढ़ जाती है। कुछ तांत्रिक और अघोरी दिवाली की रात विशेष तांत्रिक क्रियाओं के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में ये उल्लुओं के मुंहमांगी कीमत देते हैं। दीपावली के दौरान खासकर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में दुर्लभ प्रजाति के एक उल्लू की कीमत 2 से 3 लाख रुपए तक वसूली जाती है। दुधवा में 12 दुर्लभ प्रजातियों के उल्लू टी राजू रंगा ने बताया कि लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में 12 प्रजातियों के उल्लू पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ दुर्लभ प्रजातियां भी हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग द्वारा नाइट पेट्रोलिंग और रूटीन गश्त तेज कर दी गई है। विशेष सुरक्षा इंतजाम के तहत अब उन इलाकों में भी हाथी पर सवार होकर गश्त की जा रही है, जहां वाहन नहीं जा सकते हैं।

Oct 30, 2024 - 13:50
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दुधवा में उल्लू की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी:दीपावली में लक्ष्मी के वाहन की जमकर होती है तस्करी, सुल्तानपुर वन विभाग सजग
दीपावली करीब आते ही लक्ष्मी जी के वाहन उल्लू की जान पर आफत बन आई है। इस दौरान उल्लुओं की संभावित तस्करी को देखते हुए लखीमपुर-खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क के प्रबंधन और वन विभाग की ओर से उल्लुओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। अंधविस्वास के चलते दी जाती है बलि दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर टी राजू रंगा ने बताया कि दीपावली के दौरान अंधविश्वास के चलते उल्लुओं का शिकार बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। माना जाता है कि लक्ष्मी पूजन में उल्लू की विशेष भूमिका होती है, जिसके कारण कुछ अंधविश्वासी और तांत्रिक उल्लुओं को पकड़कर तंत्र-मंत्र करने की कोशिश करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दुधवा में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है। 2 से 3 लाख में होती है बिक्री वन विभाग का कहना है कि दीपावली के दौरान दुर्लभ प्रजाति के उल्लुओं की काफी डिमांड होती है। इस कारण इनकी तस्करी भी बढ़ जाती है। कुछ तांत्रिक और अघोरी दिवाली की रात विशेष तांत्रिक क्रियाओं के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में ये उल्लुओं के मुंहमांगी कीमत देते हैं। दीपावली के दौरान खासकर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में दुर्लभ प्रजाति के एक उल्लू की कीमत 2 से 3 लाख रुपए तक वसूली जाती है। दुधवा में 12 दुर्लभ प्रजातियों के उल्लू टी राजू रंगा ने बताया कि लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में 12 प्रजातियों के उल्लू पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ दुर्लभ प्रजातियां भी हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग द्वारा नाइट पेट्रोलिंग और रूटीन गश्त तेज कर दी गई है। विशेष सुरक्षा इंतजाम के तहत अब उन इलाकों में भी हाथी पर सवार होकर गश्त की जा रही है, जहां वाहन नहीं जा सकते हैं।

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