देवरिया में जागृति सेवा संस्थान का 25वां वर्ष: में शामिल हुए 45+ कंपनियों के प्रतिनिधि, एक्सक्लूसिव: रुट्स टू विंग की लॉन्चिंग - Indiatwoday
जागृति सेवा संस्थान की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को बरपार स्थित उद्यम केंद्र पर संकल्प दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में देशभर से 45 से अधिक कंपनियों के संस्थापक, सीईओ और सह-संस्थापक शामिल हुए। साथ ही, 40 उद्यमियों की कहानियों पर आधारित किताब "रुट्स टू विंग" का विमोचन भी किया गया। जागृति की संस्थापक शशि मणि त्रिपाठी ने कहा कि तीन दशक पहले का दौर ऐसा था, जब कई लोग अपनी क्षमताओं के बावजूद कुछ नया करने की चाह नहीं जुटा पाते थे। उन्होंने बताया, "महिलाओं की जिज्ञासा शून्य के समान थी। वे स्वावलंबन और सशक्तिकरण से कोसों दूर थीं। इन्हें जगाने के लिए मैंने एक सितंबर 1999 को जागृति सेवा संस्थान की नींव रखी। अब यह जागृति पूर्वांचल के नागरिकों की क्षमताओं को जागृत कर रही है और उद्यमिता के माध्यम से सभी वर्गों के लिए आर्थिक उन्नति का माध्यम बन रही है।" आर्थिक लक्ष्यों का रोडमैप जागृति यात्रा और जागृति उद्यम केंद्र के संस्थापक शशांक मणि ने बताया कि संस्थान देवरिया और आसपास के 10 जिलों में जागृति के मूल्यों को लागू कर रहा है। उन्होंने बताया, "हमने 3500 उद्यमों को सहयोग प्रदान कर जीडीपी में 1500 करोड़ का योगदान बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।" सफलता की प्रेरणा इस मौके पर अध्यक्ष शरत बंसल ने कहा, "सफलता के प्रेरणा से हम आगे बढ़ रहे हैं और जागृति का विस्तार पूरे भारत में करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।" मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशुतोष कुमार ने कहा कि 2008 में जागृति रेल यात्रा की शुरुआत की गई, जो 16 वर्षों से जारी है। उद्यमियों की कहानियां मार्केटिंग डायरेक्टर मीनल लाल ने "रुट्स टू विंग" किताब की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, "यह किताब उन उद्यमियों के संघर्ष और सफलता की कहानी है जिन्होंने सपने देखे और उन्हें पूरा किया। ऐसे कई किस्से पूर्वांचल की मिट्टी में दबी हुई हैं, जिन्हें हम समय-समय पर किताबों के माध्यम से उजागर करते रहेंगे।" इस समारोह में संस्था के सीओओ अनुराग दीक्षित, इन्क्यूबेशन डायरेक्टर वीणा, अनुलाल, एचसीएल फाउंडेशन के विनीत सहित कई अन्य उपस्थित थे। समारोह का उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना और क्षेत्र के विकास में योगदान करना है।
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