धर्मशाला के बैंक में 5 करोड़ का घोटाला:व्यक्ति की संपत्ति पर दूसरे को दिया लोन, नोटिस मिलने पर खुलासा

कांगड़ा जिले के धर्मशाला में जम्मू-कश्मीर बैंक की 5 करोड़ का घोटाला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति ने धर्मशाला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उसने बताया कि उसके द्वारा लोन के लिए जमा किए गए दस्तावेजों का इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति को लोन देने में किया गया। मामले में धारा 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता मदन लाल कपूर ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को जम्मू-कश्मीर बैंक के अधिकारियों और कावी होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने धोखाधड़ी की। बैंक की औपचारिकताओं के नाम पर उनके खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिए गए। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी बैंक गारंटी बनाई गई। अन्य व्यक्ति को 5 करोड़ रुपए का लोन दिया इस फर्जी गारंटी के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति को 5 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता की निजी संपत्तियों को अटैच कर दिया गया। पीड़ित को तब मामले का पता चला जब उन्हें लोन न लेने के बावजूद कानूनी नोटिस मिलने लगे। एएसपी का बयान एएसपी कांगड़ा बीर बहादुर सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच की जा रही है। दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। आरोपी लोगों से पूछताछ की जाएगी।

May 19, 2025 - 18:27
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धर्मशाला के बैंक में 5 करोड़ का घोटाला:व्यक्ति की संपत्ति पर दूसरे को दिया लोन, नोटिस मिलने पर खुलासा
कांगड़ा जिले के धर्मशाला में जम्मू-कश्मीर बैंक की 5 करोड़ का घोटाला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति न

धर्मशाला के बैंक में 5 करोड़ का घोटाला: व्यक्ति की संपत्ति पर दूसरा को दिया लोन, नोटिस मिलने पर खुलासा

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धर्मशाला, कांगड़ा: कांगड़ा जिले के धर्मशाला में जम्मू-कश्मीर बैंक द्वारा 5 करोड़ रुपए का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यह मामला तब उजागर हुआ जब एक व्यक्ति, मदन लाल कपूर, ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके द्वारा लोन के लिए जमा किए गए दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है। मदन के अनुसार, इन दस्तावेजों का इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति को लोन देने में किया गया है, जिससे उसकी संपत्तियाँ प्रभावित हुई हैं।

धोखाधड़ी का आरोप

दरअसल, मदन लाल कपूर ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को जम्मू-कश्मीर बैंक के अधिकारियों और कावी होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने मिलकर धोखाधड़ी की योजना बनाई। उन्होंने बैंक की औपचारिकताओं के नाम पर मदन के खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिए। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी बैंक गारंटी बनाई गई, जिसके आधार पर एक अन्य व्यक्ति को 5 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। जैसे ही मदन को कानूनी नोटिस मिलने लगे, तब इस घोटाले का खुलासा हुआ।

कानूनी कार्रवाई और प्रारंभिक जांच

घोटाले की सूचना के बाद, पुलिस ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए धारा 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की है। एएसपी कांगड़ा, बीर बहादुर सिंह ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सभी संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। "शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच की जा रही है और आरोपी लोगों से पूछताछ की जाएगी," एएसपी ने बताया।

पीड़ित की स्थिति

मदन लाल कपूर ने यह भी कहा कि उसे इस पूरे मामले का पता तब चला जब उसके विक्रय पत्रों के जरिए उसकी संपत्तियाँ अटैच कर ली गईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी बैंक से लोन लेने का प्रयास नहीं किया था। "यह साजिश मेरे और मेरे परिवार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है," मदन ने कहा।

सामाजिक एजेंसियों की भूमिका

यह मामला बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों के बढ़ते चलन को उजागर करता है। समाज में आम लोगों के प्रति जागरूकता और रक्षात्मक कदम उठाना आवश्यक हो गया है। ऐसे मामलों से बचने के लिए, बैंकों को अपनी प्रक्रियाओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना चाहिए।

निष्कर्ष

धर्मशाला में हुए इस 5 करोड़ के घोटाले ने न केवल मदन लाल कपूर जैसे आम नागरिक को प्रभावित किया है, बल्कि यह बैंकिंग व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है। इस मामले की जांच आगे कैसे बढ़ती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए न केवल कानून, बल्कि समाज के सभी वर्गों को सक्रिय होनी की आवश्यकता है।

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