हिमाचल में शिक्षकों का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार का ऐलान:23 दिन से अनशन जारी, निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग; 15 दिन का नोटिस

हिमाचल प्रदेश में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। शिक्षक अपनी मांगों को लेकर 23 दिन से शिमला स्थित निदेशालय के प्रांगण में क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। जिला मंडी में मीडिया से वार्ता के दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे अपने मोबाइल और नेटवर्क का उपयोग कर ऑनलाइन शिक्षण, मिड-डे मील और ऑनलाइन उपस्थिति सहित सभी कार्य कर रहे हैं। इस दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों, जिला कार्यकारणी और 25 खंड अध्यक्ष उपस्थित रहे। वकील के माध्यम से भेजा लीगल नोटिस शिक्षक संघ के नेताओं ने शिक्षा विभाग को 15 दिन का अल्टीमेटम और वकील के माध्यम से 7 दिन का कानूनी नोटिस दिया है। इस दौरान यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करेंगे। संघ ने निलंबित किए गए शिक्षकों की तत्काल बहाली की मांग भी की है। शिक्षक नेताओं का कहना था कि, 23 दिनों से चल रहे अनशन के दौरान न तो प्रदेश सरकार और न ही शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने अनशनकारी शिक्षकों से वार्ता की है। शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आमरण अनशन के लिए भी तैयार हैं। प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस वार्ताएं आयोजित की जा रही हैं।

May 19, 2025 - 00:27
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हिमाचल में शिक्षकों का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार का ऐलान:23 दिन से अनशन जारी, निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग; 15 दिन का नोटिस
हिमाचल प्रदेश में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। शिक्षक अपनी मांगों

हिमाचल में शिक्षकों का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार का ऐलान: 23 दिन से अनशन जारी, निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग; 15 दिन का नोटिस

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हिमाचल प्रदेश में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। शिक्षा विभाग में बदलाव और निलंबन की प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों ने 23 दिनों से शिमला के निदेशालय के प्रांगण में क्रमिक अनशन कर रखा है। इस अनशन के चलते शिक्षकों ने सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं, जिसमें निलंबित शिक्षकों की तत्काल बहाली की मांग सबसे प्रमुख है।

शिक्षकों का अनशन और उसके उद्देश्य

जिला मंडी में मीडिया से वार्ता के दौरान, शिक्षक संघ के नेताओं ने बताया कि वे सभी आवश्यक ऑनलाइन शिक्षा कार्य जारी रखते हैं, जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई, मिड-डे मील और उपस्थिति रिकॉर्ड करना शामिल है। इस सभा में शिक्षक संघ के कई पदाधिकारी, जिला कार्यकारणी के सदस्य और 25 खंड अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।

कानूनी नोटिस और अल्टीमेटम

शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके अलावा, वकील के माध्यम से 7 दिन का कानूनी नोटिस भी जारी किया गया है। संघ के पदाधिकारियों ने यहां तक चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करेंगे। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि शिक्षक आमरण अनशन के लिए भी तैयार हैं।

संघ की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया

शिक्षक नेताओं का कहना है कि 23 दिनों से चल रहे अनशन के दौरान न तो प्रदेश सरकार और न ही शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने उनसे वार्ता की है। यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि शिक्षकों का मानना है कि उनकी बातें स government's आधिकारिक स्तर पर सुनी जानी चाहिए। पूरे प्रदेश में इस मामले पर प्रेस वार्ताएं भी आयोजित की जा रही हैं।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों का यह अनशन केवल उनकी मांगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि यह एक संकेत भी है कि कैसे सरकारी नीतियों के खिलाफ कर्मचारी अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। अगर सरकार शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं करती है, तो यह स्थिति और भी जटिल हो सकती है। शिक्षा का संपूर्ण ढांचा प्रभावित हो सकता है यदि इन शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता।

अंततः, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए संवाद का रास्ता अपनाना आवश्यक होगा। शिक्षकों को उनकी आवाज देने और उनकी मांगों को समझने के लिए सरकार को सक्रिय कदम उठाने होंगे।

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