हिमाचल में नवजात बच्ची को सड़क किनारे छोड़ा:रोने की आवाज सुनकर लोगों ने उठाया, पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में आज सुबह किसी ने एक नवजात बच्ची को कड़ाके की सर्दी में सड़क किनारे पीपल के पेड़ के साथ लगती कूहल में सुनसान जगह पर छोड़ दिया। यह घटना बिलासपुर के मलोखर के चडाऊ गांव की है। ग्रामीणों की सूचना के बाद बच्ची को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किसने चडाऊ गांव में कड़ाके की सर्दी में बच्ची को छोड़ा। इसके लिए पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। कंबल में लपेटकर छोड़ी बच्ची बताया जा रहा है कि सुबह के वक्त शिमला-बैरी-नवगांव सड़क के किनारे ग्रामीण जब घर से बाहर टहलने निकले तो उन्होंने बच्ची के रोने की आवाजें सुनी। इसके बाद यह जानकारी पुलिस को दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्ची को एक छोटे से कंबल में लपेट कर छोड़ा गया था। गांव की महिलाओं ने बच्ची को गर्म कपड़े पहनाएं जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक गांव की महिलाएं मौके पर पहुंची और उन्होंने आग जलाकर ठंड से कराह रही बच्ची को गर्म किया। गांव की सुषमा नाम की महिला जो दुकान चलाती हैं, वह अपनी दुकान से नवजात बच्ची के लिए कपड़े लेकर आई। इसके बाद बच्ची को गर्म करके नए कपड़े पहनाए गए। फिर बच्ची को पुलिस के हवाले कर अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने जताया रोष ग्रामीणों ने इस घटना रोष जताया और पुलिस से मामले की गंभीरता से जांच की मांग की और लोगों ने इस बच्ची को कड़ाके के सर्दी में इस तरह फेंकने वालों का पता लगाने की मांग की है।

Jan 4, 2025 - 14:20
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हिमाचल में नवजात बच्ची को सड़क किनारे छोड़ा:रोने की आवाज सुनकर लोगों ने उठाया, पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में आज सुबह किसी ने एक नवजात बच्ची को कड़ाके की सर्दी में सड़क किनारे पीप

हिमाचल में नवजात बच्ची को सड़क किनारे छोड़ा

हाल ही में हिमाचल प्रदेश में एक हार्दिक घटना घटी, जब एक नवजात बच्ची को सड़क किनारे छोड़ दिया गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को हैरान किया, बल्कि पूरे इलाके में एक गंभीर चर्चा भी उत्पन्न की है। जब लोगों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी, तो उन्होंने तुरंत उसकी ओर ध्यान दिया और उसे उठाया।

घटना का विवरण

स्थानीय निवासियों ने बताया कि वे सुबह की सैर पर निकले थे, तभी उन्हें रोने की अस्पष्ट आवाज सुनाई दी। जैसे ही उन्होंने आवाज की ओर बढ़े, उन्हें सड़क किनारे एक छोटी बच्ची मिली। बच्ची को देख सभी लोग हैरान रह गए और तुरंत ही उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला किया।

पुलिस का हस्तक्षेप

बच्ची को देखने के बाद, स्थानीय लोगों ने जल्द ही पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची को उठाया और फिर उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची की सेहत स्थिर है और उसकी देखभाल की जा रही है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को चिंतित किया, बल्कि यह एक गहरी चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि एक नवजात बच्ची को इस तरह से छोड़ देना कितना दुखद है। ग्रामीण समाज ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है।

संभावित समाधान

स्थानीय प्रशासन ने अपनी समझदारी के तहत इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और बच्ची की देखभाल सुनिश्चित करने की बात की है। इसके अलावा, अधिकारियों ने एक जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

यह घटना न केवल मानवता की एक परीक्षा है, बल्कि समाज के लिए एक बड़ी चुनौती भी है। सुरक्षित और प्यार भरे वातावरण में बच्चों का पालन-पोषण सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है।

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