बायजू रवींद्रन ने कहा- मैं भगोड़ा नहीं हूं:खुद पर लगे भगोड़ा होने के आरोपों को गलत बताया; बोले- भारत में कंपनी बनाई, टैक्स भी भारत में चुकाया
BYJU के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने कहा कि वे भगोड़े नहीं हैं। उन्होंने उन पर लगे भगोड़ा के आरोपों को गलत बताया। बायजू रवींद्रन ने कहा कि ये एक फर्जी कहानी का हिस्सा है, जो संकटग्रस्त एडटेक कंपनी पर कंट्रोल पाने के लिए एक कोऑर्डिनेटर मीडिया और लीगल कैंपेन द्वारा संचालित है। ANI को दिए एक इंटरव्यू में रवींद्रन ने कहा कि कंपनी की छवि को खराब करने के प्रयासों के पीछे कुछ अमेरिकी-बेस्ड लेंडर्स थे। बायजू ने कहा, 'उन्होंने हितधारकों, निवेशकों, कर्मचारियों और सभी के सामने कंपनी की वैल्यू को खत्म कर दिया है।' बायजू रवींद्रन ने अमेरिकी-बेस्ड लेंडर्स पर आरोप लगाए बायजू रवींद्रन ने अमेरिकी-बेस्ड लेंडर्स पर आरोप लगाया है कि उन्हें और उनके भाई रिजु रवींद्रन को भगोड़ा बताकर भारतीय अदालतों में पक्षपात पैदा करने की कोशिश की जा रही है। रवींद्रन ने कहा कि ये ऐसी कहानियां हैं, जो उन्होंने कंपनी पर कंट्रोल पाने की कोशिश में गढ़ी हैं। फाउंडर के नाम को खराब करने से कंपनी की वैल्यूएशन पर प्रभाव पड़ेगा रवींद्रन ने कहा, 'एक ऐसी कंपनी में जो फाउंडर के नाम पर बनी है। या जहां फाउंडर ने शुरुआती सालों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे इस तथ्य को भूल जाते हैं कि यदि आप फाउंडर के नाम को खराब करते हैं, तो इसका कंपनी की वैल्यूएशन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।' एक समय कंपनी की वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर थी। भगोड़ा करार दिए जाने के आरोपों पर आगे बोलते हुए रवींद्रन ने इस बात पर जोर दिया कि यह दावा केवल उसी का एक हिस्सा है, जिसे उन्होंने दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान कहा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस शब्द का केवल मौखिक रूप से उल्लेख किया गया था और इसे किसी भी ऑफिशियल डाक्यूमेंट्स में शामिल नहीं किया गया था। हमारी पूरी संपत्ति और कंपनी भारत में स्थापित बायजू रवींद्रन ने कहा, 'हमारी पूरी संपत्ति और कंपनी भारत में स्थापित है। सारा मुनाफा भारत में ही कमाया गया, टैक्स का भुगतान भारत में किया गया और निवेशों का री-इन्वेस्टमेंट भी भारत में ही किया गया।' ये खबरें भी पढ़ें... 22 बिलियन डॉलर से जीरो तक गिरी बायजूस: बायजू रवींद्रन ने कहा - हम फिर उठेंगे, पुराने कर्मचारियों को वापस लाएंगे कर्ज में डूबी एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा है कि वे जल्द ही कंपनी को रिलॉन्च करेंगे। रवींद्रन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में अपनी पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'टूटे थे, टूटे नहीं हैं। हम फिर से उठेंगे। मुझे अपने छात्रों की आंखों की चमक याद है।' एक समय बायजूस देश का सबसे बड़ा एडटेक स्टार्टअप था। 2022 तक इसकी वैल्यू 22 बिलियन डॉलर यानी, करीब 1.88 लाख करोड़ रुपए थी, लेकिन फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट और अन्य समस्याओं के कारण 2024 में कंपनी की नेटवर्थ जीरो हो गई। पूरी खबर पढ़ें... NCLAT ने BCCI-रिजु रवींद्रन की याचिका खारिज की: Byju's के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही वापस लेने की मांग की थी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने BCCI और रिजु रवींद्रन की दायर अपीलों को खारिज कर दिया है। इन अपीलों में Byju's के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही वापस लेने और कर्ज में डूबी एडटेक फर्म और टॉप क्रिकेट बॉडी के बीच समझौते पर विचार करने की मांग की गई थी। BCCI और रिजु रवींद्रन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की बेंगलुरु बेंच के पारित आदेश को चुनौती दी थी। रिजु रवींद्रन Byju's के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं। पूरी खबर पढ़ें...

बायजू रवींद्रन ने कहा- मैं भगोड़ा नहीं हूं
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BYJU के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि वे भगोड़े नहीं हैं। उनके ऊपर लगे भगोड़ा होने के आरोपों को उन्होंने पूरी तरह से गलत बताया। रवींद्रन ने बताया कि ये आरोप एक फर्जी कहानी का हिस्सा हैं, जो उनके संकटग्रस्त एडटेक कंपनी पर कंट्रोल पाने के लिए कुछ लोगों द्वारा गढ़ा गया है।
मीडिया कैंपेन और अमेरिकी लेंडर्स का हाथ
ANI को दिए गए इंटरव्यू में रवींद्रन ने आरोप लगाया कि कंपनी की छवि को खराब करने के पीछे कुछ अमेरिकी-बेस्ड लेंडर्स का हाथ है। उन्होंने कहा, "ये लोग हितधारकों, निवेशकों और कर्मचारियों के सामने हमारी कंपनी की वैल्यू को खत्म कर रहे हैं।" इस प्रकार के आरोपों को केवल मीडिया की एक दुर्भावनापूर्ण कहानी के रूप में देखा जाना चाहिए।
फाउंडर के नाम को खराब करने का ख़तरा
रवींद्रन ने कहा कि जब भी किसी कंपनी का फाउंडर बदनाम होता है, तो उसका असर सीधा कंपन के मूल्यांकन पर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया, "एक ऐसी कंपनी के लिए जो मेरे नाम पर बनी है, अगर मेरे नाम को खराब किया गया तो इसका प्रभाव बहुत बड़ा होगा। एक समय, हमारी कंपनी की वैल्यू 22 बिलियन डॉलर थी।" इस समय रवींद्रन ने अपने और अपने भाई रिजु रवींद्रन के बारे में भी टिप्पणियां कीं, बताते हुए कि उन्हें भगोड़ा बनाकर पेश किया गया है।
कंपनी का भारत में होना
बायजू रवींद्रन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी पूरी तरह से भारत में स्थापित है और यहीं से उनका पूरा मुनाफा भी कमाया गया है। "हमने भारत में टैक्स का भुगतान किया है और हमारे निवेशों का री-इन्वेस्टमेंट भी यहीं हुआ है," उन्होंने कहा।
कंपनी का भविष्य
हाल ही में, बायजूस ने अपने कर्ज में डूबी स्थितियों के बावजूद फिर से कंपनी को रिलॉन्च करने की योजना का ऐलान किया है। रवींद्रन ने सोशल मीडिया पर साझा की गई एक पोस्ट में लिखा, "टूटे थे, टूटे नहीं हैं। हम फिर से उठेंगे।" उनके शब्दों ने न केवल कर्मचारियों को प्रेरित किया बल्कि छात्रों की सीखने की लालसा को भी वापस लौटाने की उम्मीद जगाई है।
निष्कर्ष
रवींद्रन के बयान से यह स्पष्ट है कि उनके लिए कंपनी और इसके मूल्यांकन की सुरक्षा प्राथमिकता है। वे किसी भी प्रकार की गलतफहमी को खत्म करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। हालाँकि कंपनी वर्तमान में चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन रवींद्रन की दृढ़ता उसमें नई उम्मीद जगा सकती है। यदि कोई प्रगति होती है, तो बायजू रवींद्रन का नाम और उनकी कंपनी दोनों को ही एक बार फिर से नई पहचान मिलेगी।
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