नागौर में वायुसेना के हेलिकॉप्टर की खेत में इमरजेंसी लैंडिंग:तकनीकी खामी के चलते नीचे उतारा, टेक्निकल टीम मौके पर पहुंची
भारतीय वायुसेना के रूद्र हेलिकॉप्टर की नागौर के मेड़ता में इमरजेंसी लैंडिंग की गई है। बताया जा रहा है कि तकनीकी खामी आने के कारण इसे जसनगर के खेत में लैंड कराया गया। तकनीकी खामी को दूर करने के बाद यह फिर से उड़ान भरेगा। दरअसल, वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर जोधपुर से जयपुर की तरफ जा रहे थे। इस दौरान एक रुद्र हेलिकॉप्टर में पायलट को हेलिकॉप्टर में कुछ गड़बड़ी दिखी, इसलिए सावधानी रखते हुए उसे लैंड कराना पड़ा। मेड़ता डीएसपी रामकरण मलिंदा ने बताया- एक्सपर्ट की टीम आ रही है। तकनीकी खामी ठीक होने के बाद हेलीकॉप्टर फिर से उड़ान भर सकेगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक सुबह दो हेलीकॉप्टर दिखाई दिए थे। कुछ देर बाद एक हेलिकॉप्टर कस्बे के पास ही एक खेत में उतर गया। मेड़ता सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची है। साथ ही इंडियन एयरफोर्स की एक्सपर्ट टीम भी मौके पर पहुंचकर हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी दूर कर रही है। रुद्र की रफ्तार अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है और रेंज 550 किलोमीटर है। यह हेलीकॉप्टर लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है। अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें 20 mm की गन होती है, जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमला कर सकती है। इसके अलावा इसमें चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं, जिनमें रॉकेट्स, मिसाइल और बम एक साथ लगाए जा सकते हैं। पहली बार 1999 करगिल युद्ध में इस हेलीकॉप्टर कमी महसूस हुई लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ध्रुव हेलीकॉप्टर का विकसित रूप है। पहली बार इसकी 199 कारगिल युद्ध के दौरान इसकी कमी महसूस हुई थी। हालांकि, तब इसके विकसित रूप पर काम चल रहा था। सियाचिन हो, रेगिस्तान हो, जंगल हो, या फिर 13-15 हजार फीट ऊंचे हिमालय के पहाड़ हों, इस हेलीकॉप्टर ने ट्रायल्स के दौरान भारत के हर तरह के इलाकों में उड़ान भरने की क्षमता को प्रदर्शित किया था। इस हेलिकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से दुश्मन न तो छिप सकता है, न ही इस पर हमला कर सकता है, क्योंकि ये सिस्टम इस हेलिकॉप्टर को मिसाइल का टारगेट बनते ही सूचना दे देते हैं। इसके अलावा राडार एंड लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगा है। साथ ही शाफ और फ्लेयर डिस्पेंसर भी हैं, ताकि दुश्मन के मिसाइल और रॉकेटों को हवा में ध्वस्त किया जा सके।
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