पत्रकार की हत्या पर पत्रकार समुदाय में आक्रोश:श्रावस्ती में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, आर्थिक सहायता की मांग की
सीतापुर के महोली में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में पत्रकार एकजुट हो गए हैं। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद की जमुनहा इकाई के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्रा की अगवाई में एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। जमुनहा इकाई के अध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पत्रकारों ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। पत्रकारों ने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने और उनकी अवैध संपत्तियों की जांच करने की मांग भी की है। मृतक पत्रकार के परिवार के लिए 50 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता की मांग की गई है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग भी की गई है। पत्रकार संगठन ने पत्रकार सुरक्षा बिल लागू करने की मांग भी की है। उनका कहना है कि यह बिल लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

पत्रकार की हत्या पर पत्रकार समुदाय में आक्रोश
श्रावस्ती में हाल ही में एक पत्रकार की हत्या ने पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश फैला दिया है। पत्रकारों ने इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की। इस घटना ने न केवल पत्रकारिता के क्षेत्र को हिला कर रख दिया है, बल्कि यह लोकतंत्र के लिए भी एक खतरा है।
घटनाक्रम का विवरण
श्रावस्ती जिले में एक स्थानीय पत्रकार की हत्या की खबर ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। पत्रकारों के संगठन ने एकत्रित होकर एसडीएम के माध्यम से अपनी बातें सरकार के सामने रखने का निर्णय लिया। उन्होंने इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की।
आर्थिक सहायता की आवश्यकता
पत्रकारों ने इस ज्ञापन में मांग की है कि पत्रकार की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। पत्रकारिता का पेशा हमेशा से ही जोखिम भरा रहा है, और ऐसे मामलों में असमय मृत्यु के कारण परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
समुदाय की एकजुटता
इस घटना ने पत्रकारों को एकजुट किया है। विभिन्न समाचार पत्रों और मीडिया चैनलों से जुड़े पत्रकार एकजुट होकर इस मुद्दे पर आवाज उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने समाज से भी अपील की है कि इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ खड़े हों और सुरक्षा की मांग करें।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राजनीतिक नेताओं ने भी इस हत्या की निंदा की है और सरकार से मामले की तुरंत जांच करने का आग्रह किया है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पत्रकारिता के इस कठिन समय में, पत्रकारों को एकजुट रहना और अपनी आवाज को उठाना आवश्यक है। यह न केवल उनके लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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