परदहा में गौशालाओं में गोवंश की स्थिति का जायजा:जिलाधिकारी ने दिए भूसा भंडारण के निर्देश, टीन शेड को सफेद पेंट करने को कहा
मऊ जनपद में कुल 53 गौ आश्रय स्थलों का अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया। इनमें दो बृहद और 51 अस्थाई गौ आश्रय स्थल शामिल हैं। वर्तमान में इन केंद्रों में 3,471 गोवंश संरक्षित हैं। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के निर्देश पर 17 अप्रैल को खंड विकास अधिकारियों ने यह निरीक्षण किया। फटे पर्दों की मरम्मत सभी गौशालाओं में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था मिली। गर्मी से बचाव के लिए तिरपाल और जूट के पर्दे लगाए गए हैं। कुछ स्थानों पर फटे पर्दों की मरम्मत के निर्देश दिए गए। सभी केंद्रों में भूसा और चारे की व्यवस्था है। अधिकांश गौशालाओं में हरे चारे की बुवाई की गई है। मौसम के कारण हरे चारे की कमी को देखते हुए साइलेज की व्यवस्था की जा रही है। जिलाधिकारी ने सभी गौशालाओं के टीन शेड को सफेद पेंट करने का आदेश दिया है। इससे गोवंश को गर्मी और लू से बचाया जा सकेगा। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों और नगर निकाय के अधिकारियों को वर्तमान कटाई सीजन में अधिक से अधिक भूसा एकत्र करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों, दानदाताओं और व्यापारियों से अपील की है कि वे निराश्रित गोवंश के लिए गौशालाओं में भूसा और चारा दान करें।

परदहा में गौशालाओं में गोवंश की स्थिति का जायजा
इस हफ्ते, जिलाधिकारी ने परदहा में गौशालाओं का दौरा किया और गोवंश की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने गौशालाओं में गोवंश के स्वास्थ्य, पोषण और देखभाल पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया। यह महत्वपूर्ण है कि हम हमारी गौशालाओं के लिए आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन सही तरीके से करें।
भूसा भंडारण के निर्देश
जिलाधिकारी ने सुनिश्चित किया कि गौशालाओं में भूसा का पर्याप्त भंडारण किया जाए। इससे गोवंश की पौष्टिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द भूसा का भंडारण सुनिश्चित करें। यह उपाय यह सुनिश्चित करेगा कि गोवंश को आवश्यक पोषण मिले और उनका स्वास्थ्य उत्तम रहे।
टीन शेड को सफेद पेंट करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने टीन शेड को सफेद पेंट करने के निर्देश भी दिए। गर्मियों के दौरान, सफेद पेंट से तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और गोवंश के लिए वातावरण को अधिक आरामदायक बनाया जा सकेगा। यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है जो गौशालाओं में सुधार लाने में सहायक होगा।
संक्षेप में
इस प्रकार, जिलाधिकारी का दौरा गौशालाओं की स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल गोवंश की भलाई में सुधार होगा, बल्कि ये कदम समुदाय के समग्र स्वास्थ्य में भी योगदान देंगे। भविष्य में ऐसे और कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि गौशालाओं को बेहतर बनाया जा सके।
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