किन्नौर में पंचायत प्रधानों का विरोध:खंड स्तर पर निविदा प्रक्रिया के आदेश से नाराज, बोले- विकास कार्य ठप हुए
किन्नौर जिले के कल्पा और पूह ब्लॉक के पंचायत प्रधानों ने ग्रामीण विकास विभाग की नई निविदा प्रक्रिया का विरोध किया है। प्रधानों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने 5 अप्रैल को एक नई अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत पंचायतों के विकास कार्यों के लिए सामग्री खरीद की निविदा प्रक्रिया खंड स्तर पर करने का प्रावधान किया गया है। यह प्रक्रिया खंड विकास अधिकारी द्वारा गठित कमेटी के माध्यम से होनी है। प्रधान ज्ञाबुंग ज्ञान सिंह नेगी ने बताया कि इस आदेश से जनजातीय क्षेत्र किन्नौर प्रभावित होगा। विकास कार्य रुक गए प्रधान ने कहा कि यहां विकास कार्यों के लिए साल में केवल 6-8 महीने का समय मिलता है। मार्च में सभी ग्राम पंचायतों ने निविदा प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं। लेकिन नए आदेश के कारण सभी निविदाएं रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे विकास कार्य रुक गए हैं। प्रधानों की मांग है कि पहले की तरह ग्राम पंचायत अपने स्तर पर निविदाएं जारी कर सकें। इससे ग्रामीण स्तर के विक्रेताओं को रोजगार मिल सकेगा। इस मौके पर नामज्ञा के प्रधान बलदेव नेगी, कानम के प्रधान चंद्र कीर्ति नेगी, कोठी के प्रधान ओमप्रकाश, मुरंग के प्रधान अनूप नेगी समेत कई पंचायत प्रधान और उपप्रधान मौजूद थे।

किन्नौर में पंचायत प्रधानों का विरोध:खंड स्तर पर निविदा प्रक्रिया के आदेश से नाराज, बोले- विकास कार्य ठप हुए
किन्नौर जिले में पंचायत प्रधानों ने हाल ही में खंड स्तर पर निविदा प्रक्रिया के आदेश के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि यह आदेश विकास कार्यों को प्रभावित कर रहा है, जिससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ ठप हो गई हैं। ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे और भी अधिक संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।
खंड स्तर पर निविदा प्रक्रिया का प्रभाव
खंड स्तर पर निविदा प्रक्रिया लागू होने से ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। पंचायत प्रधानों ने कहा है कि इस प्रक्रिया के चलते छोटे-छोटे कार्यों में भी देरी हो रही है, जिससे जनता को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानों का आरोप है कि इस आदेश ने बुनियादी ढाँचे के विकास में रुकावट डाल दी है।
पंचायत प्रधानों की मांगें
विरोध कर रहे पंचायत प्रधानों ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि विकास कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया को सरल बनाया जाए ताकि कार्य जल्दी और प्रभावी ढंग से पूर्ण हो सकें। पंचायतों का यह भी कहना है कि सरकार को उनकी आवाज सुननी चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए।
सरकारी प्रतिक्रिया
हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता लाने के लिए है, लेकिन पंचायत प्रधानों ने इस पर असहमति जताई है। वे चाहते हैं कि उच्च स्तर की समीक्षा की जाए ताकि स्थानीय जरूरतों को समझा जा सके।
आगे की प्रक्रिया में पंचायत प्रधानों और सरकार के बीच बातचीत की संभावना है। इस मुद्दे पर और अधिक जानकारी के लिए, indiatwoday.com पर जाएं।
निष्कर्ष
किन्नौर में पंचायत प्रधानों का यह विरोध एक महत्वपूर्ण संकेत है कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के बीच समन्वय की आवश्यकता है। विकास कार्यों को प्रभावित करने वाली प्रक्रियाओं पर ध्यान देने की महत्ता को सभी को समझना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्षों के बीच संवाद होगा और एक अम्ब्रेला समाधान निकलेगा।
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