पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- तीसरे वर्ल्ड वॉर की शुरुआत हुई:बाइडेन इसके जिम्मेदार, उन्होंने यूक्रेन को रूस में मिसाइल हमले की इजाजत दी

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के भीतर मिसाइल हमला करने की अनुमति देकर इसकी शुरुआत कर दी है। मेदवेदेव ने कहा कि बाइडेन चाहते हैं कि आधी दुनिया न्यूक्लियर हमले में खत्म हो जाए। बाइडेन प्रशासन रूस को उकसाने के लिए जानबूझकर ऐसे फैसले ले रही है। ट्रम्प टीम को इससे निपटना होगा। पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने कहा- बाइडेन के फैसले की वजह से ही रूस को नए परमाणु सिद्धांत को बदलने की जरूरत पड़ी है। इसका मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गई नाटो मिसाइलों को रूस पर हमला माना जाएगा। रूस, यूक्रेन या फिर किसी भी नाटो ठिकाने के खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों से हमला कर सकता है। पुतिन ने परमाणु हमले से जुड़ा नियम बदला इससे पहले यूक्रेन जंग के 1000 दिन पूरे होने पर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से जुड़े एक फैसले को मंजूरी दी। फैसले के मुताबिक अगर कोई देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में मॉस्को न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है। दरअसल, दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी के मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। यूक्रेन के पास अमेरिका आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) हैं। यह मिसाइल सिस्टम 300 किमी तक सटीक हमला कर सकता है। पहले यूक्रेन इसका इस्तेमला सिर्फ अपनी सीमा के भीतर कर सकता था। रूसी राष्ट्रपति ने कहा था इजाजत का मतलब NATO का युद्ध में उतरना समझा जाएगा पिछले कुछ समय से अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने पर विचार कर रहे थे। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी थी कि ऐसे हथियारों के इस्तेमाल करने की इजाजत देने का मतलब यह समझा जाएगा कि NATO, रूस के खिलाफ जंग में उतर चुका है। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो वे इसका जवाब जरूर देंगे। पुतिन ने एक सरकारी टीवी चैनल पर कहा था कि अमेरिका के यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने से बहुत कुछ बदल जाएगा। इन हथियारों का इस्तेमाल सैटेलाइट के बिना संभव नहीं है। यूक्रेन के पास ऐसी तकनीक नहीं है। यह केवल यूरोपीय यूनियन के सैटेलाइट या फिर अमेरिकी सैटेलाइट की मदद से ही हो सकता है। पुतिन ने यह भी कहा था कि सिर्फ NATO सैन्यकर्मियों ने ही इन मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग ले रखी है। यूक्रेनी सैनिक ये मिसाइल ऑपरेट नहीं कर सकते। लंबे समय से अमेरिका से इजाजत मांग रहा था यूक्रेन यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका और ब्रिटेन से लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत मांग रहा था। दरअसल अमेरिका ने अक्टूबर 2023 में ही यूक्रेन को लंबी दूरी की आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दी थीं। लेकिन शर्तों के मुताबिक वह इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ अपनी ही जमीन के भीतर कर सकता था। अब वह पाबंदी हटा दी गई हैं। इससे पहले फ्रांस ने भी यूक्रेन को लंबी दूरी की स्टॉर्म शैडो मिसाइल दी थीं। यह 250 किलोमीटर तक टार्गेट पर निशाना लगा सकती है। लेकिन उसकी भी ये शर्त थी कि इसका इस्तेमाल अपनी सीमा के भीतर तक ही हो। रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... रूस ने यूक्रेन पर 210 मिसाइल-ड्रोन दागे:दावा- अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत दी रूस ने यूक्रेन पर 120 मिसाइल और 90 ड्रोन के साथ रविवार देर रात बड़ा हमला कर दिया। रूसी हमले में यूक्रेन के पावर सिस्टम को निशाना बनाया गया है। कई पावर प्लांट और ट्रांसफॉर्मर बुरी तरह से डैमेज हुए हैं, जिसके बाद देश में पावर कट का ऐलान कर दिया गया है। हमले में बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और ड्रोन से राजधानी कीव, डोनेट्स्क, ल्वीव, ओडेसा सहित यूक्रेन के कई हिस्सों को निशाना बनाया गया। अपने डिफेंस में यूक्रेन ने 140 रूसी मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 19, 2024 - 19:05
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पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- तीसरे वर्ल्ड वॉर की शुरुआत हुई:बाइडेन इसके जिम्मेदार, उन्होंने यूक्रेन को रूस में मिसाइल हमले की इजाजत दी
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के भीतर मिसाइल हमला करने की अनुमति देकर इसकी शुरुआत कर दी है। मेदवेदेव ने कहा कि बाइडेन चाहते हैं कि आधी दुनिया न्यूक्लियर हमले में खत्म हो जाए। बाइडेन प्रशासन रूस को उकसाने के लिए जानबूझकर ऐसे फैसले ले रही है। ट्रम्प टीम को इससे निपटना होगा। पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने कहा- बाइडेन के फैसले की वजह से ही रूस को नए परमाणु सिद्धांत को बदलने की जरूरत पड़ी है। इसका मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गई नाटो मिसाइलों को रूस पर हमला माना जाएगा। रूस, यूक्रेन या फिर किसी भी नाटो ठिकाने के खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों से हमला कर सकता है। पुतिन ने परमाणु हमले से जुड़ा नियम बदला इससे पहले यूक्रेन जंग के 1000 दिन पूरे होने पर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से जुड़े एक फैसले को मंजूरी दी। फैसले के मुताबिक अगर कोई देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में मॉस्को न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है। दरअसल, दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी के मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। यूक्रेन के पास अमेरिका आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) हैं। यह मिसाइल सिस्टम 300 किमी तक सटीक हमला कर सकता है। पहले यूक्रेन इसका इस्तेमला सिर्फ अपनी सीमा के भीतर कर सकता था। रूसी राष्ट्रपति ने कहा था इजाजत का मतलब NATO का युद्ध में उतरना समझा जाएगा पिछले कुछ समय से अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने पर विचार कर रहे थे। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी थी कि ऐसे हथियारों के इस्तेमाल करने की इजाजत देने का मतलब यह समझा जाएगा कि NATO, रूस के खिलाफ जंग में उतर चुका है। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो वे इसका जवाब जरूर देंगे। पुतिन ने एक सरकारी टीवी चैनल पर कहा था कि अमेरिका के यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने से बहुत कुछ बदल जाएगा। इन हथियारों का इस्तेमाल सैटेलाइट के बिना संभव नहीं है। यूक्रेन के पास ऐसी तकनीक नहीं है। यह केवल यूरोपीय यूनियन के सैटेलाइट या फिर अमेरिकी सैटेलाइट की मदद से ही हो सकता है। पुतिन ने यह भी कहा था कि सिर्फ NATO सैन्यकर्मियों ने ही इन मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग ले रखी है। यूक्रेनी सैनिक ये मिसाइल ऑपरेट नहीं कर सकते। लंबे समय से अमेरिका से इजाजत मांग रहा था यूक्रेन यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका और ब्रिटेन से लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत मांग रहा था। दरअसल अमेरिका ने अक्टूबर 2023 में ही यूक्रेन को लंबी दूरी की आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दी थीं। लेकिन शर्तों के मुताबिक वह इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ अपनी ही जमीन के भीतर कर सकता था। अब वह पाबंदी हटा दी गई हैं। इससे पहले फ्रांस ने भी यूक्रेन को लंबी दूरी की स्टॉर्म शैडो मिसाइल दी थीं। यह 250 किलोमीटर तक टार्गेट पर निशाना लगा सकती है। लेकिन उसकी भी ये शर्त थी कि इसका इस्तेमाल अपनी सीमा के भीतर तक ही हो। रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... रूस ने यूक्रेन पर 210 मिसाइल-ड्रोन दागे:दावा- अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत दी रूस ने यूक्रेन पर 120 मिसाइल और 90 ड्रोन के साथ रविवार देर रात बड़ा हमला कर दिया। रूसी हमले में यूक्रेन के पावर सिस्टम को निशाना बनाया गया है। कई पावर प्लांट और ट्रांसफॉर्मर बुरी तरह से डैमेज हुए हैं, जिसके बाद देश में पावर कट का ऐलान कर दिया गया है। हमले में बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और ड्रोन से राजधानी कीव, डोनेट्स्क, ल्वीव, ओडेसा सहित यूक्रेन के कई हिस्सों को निशाना बनाया गया। अपने डिफेंस में यूक्रेन ने 140 रूसी मिसाइल और ड्रोन को मार गिराया। पूरी खबर पढ़ें...

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