प्रयागराज में नागवासुकी मंदिर का बदला स्वरूप:राजस्थान के लाल पत्थरों से मंदिर की दीवारों का निखरा रंग

प्रयागराज में महाकुंभ को देखते हुए कई पुराने पौराणिक मान्यता प्राप्त मंदिरों का जीर्णोधार कराया जा रहा है। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर का खूबसूरत स्वरूप देखने को मिल सके। इन्हीं मंदिरों में दारागंज में गंगा के किनारे स्थित नागवासुकि मंदिर भी शामिल है। जिसके जीर्णोंधार की जिम्मेदारी प्रयागराज विकास प्राधिकरण को दी गई है। मंदिर को अलौकिक स्वरूप देने के लिए प्राधिकरण की तरफ से उसकी पुरानी दीवारों की मरम्मत कराने के साथ ही उन पर राजस्थान से मंगाए गए लाल पत्थरों को लगाया गया है। जिससे मंदिर को अलग स्वरूप दिया जा सके। मंदिर के फर्श पर भी पत्थर लगाए गए है। इससे लोगों को सुविधा रहेगी। श्रद्धालु जान सकेंगे भगवान नागवासुकि की कथा भगवान नागवासुकि मंदिर के जीर्णाोंधार के साथ ही मंदिर की दीवारों पर उनकी कथा और पौराणिक महात्म को भी उकेरा गया है। इससे यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं इसकी जानकारी हो सकेगी। इसके अलावा मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल का भी निर्माण कराया गया है। जहां लोग आराम कर सकेंगे। साथ ही मंदिर में पार्किंग की सुविधा को भी बढ़ाया गया है। लोगों के लिए पीने के पानी की सुविधा आदि को भी विकसित किया गया है। मंदिर के पास प्राधिकरण की तरफ से कारिडोर का निर्माण जा रहा है। द्वादश माधव मंदिर का भी हुआ जीर्णोंधार प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से द्वादश माधव मंदिर के जीर्णोंधार का कार्य भी महाकुंभ को देखते हुए कराया गया है। पीडीए उपाध्यक्ष डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि श्री भीष्म पितामह मंदिर का सौदर्यींकरण का कार्य भी प्राधिकरण की तरफ से कराया गया है। बुधवार को प्रयागराज में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कार्यों का निरीक्षण किया और नागवासुकी मंदिर में दर्शन किया।

Nov 28, 2024 - 06:25
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प्रयागराज में नागवासुकी मंदिर का बदला स्वरूप:राजस्थान के लाल पत्थरों से मंदिर की दीवारों का निखरा रंग
प्रयागराज में महाकुंभ को देखते हुए कई पुराने पौराणिक मान्यता प्राप्त मंदिरों का जीर्णोधार कराया जा रहा है। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर का खूबसूरत स्वरूप देखने को मिल सके। इन्हीं मंदिरों में दारागंज में गंगा के किनारे स्थित नागवासुकि मंदिर भी शामिल है। जिसके जीर्णोंधार की जिम्मेदारी प्रयागराज विकास प्राधिकरण को दी गई है। मंदिर को अलौकिक स्वरूप देने के लिए प्राधिकरण की तरफ से उसकी पुरानी दीवारों की मरम्मत कराने के साथ ही उन पर राजस्थान से मंगाए गए लाल पत्थरों को लगाया गया है। जिससे मंदिर को अलग स्वरूप दिया जा सके। मंदिर के फर्श पर भी पत्थर लगाए गए है। इससे लोगों को सुविधा रहेगी। श्रद्धालु जान सकेंगे भगवान नागवासुकि की कथा भगवान नागवासुकि मंदिर के जीर्णाोंधार के साथ ही मंदिर की दीवारों पर उनकी कथा और पौराणिक महात्म को भी उकेरा गया है। इससे यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं इसकी जानकारी हो सकेगी। इसके अलावा मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल का भी निर्माण कराया गया है। जहां लोग आराम कर सकेंगे। साथ ही मंदिर में पार्किंग की सुविधा को भी बढ़ाया गया है। लोगों के लिए पीने के पानी की सुविधा आदि को भी विकसित किया गया है। मंदिर के पास प्राधिकरण की तरफ से कारिडोर का निर्माण जा रहा है। द्वादश माधव मंदिर का भी हुआ जीर्णोंधार प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से द्वादश माधव मंदिर के जीर्णोंधार का कार्य भी महाकुंभ को देखते हुए कराया गया है। पीडीए उपाध्यक्ष डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि श्री भीष्म पितामह मंदिर का सौदर्यींकरण का कार्य भी प्राधिकरण की तरफ से कराया गया है। बुधवार को प्रयागराज में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कार्यों का निरीक्षण किया और नागवासुकी मंदिर में दर्शन किया।

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