बलरामपुर में लगातार बदल रहा मौसम का मिजाज:कोहरे और ठंड का प्रकोप, सब्जियों को नुकसान होने की आशंका
बलरामपुर जिले में मौसम के मिजाज में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है। लगातार कोहरे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, साथ ही ठंडक ने दस्तक दे दी है। जिससे लोग ठंड से प्रभावित हो रहे हैं। मौसम में बदलाव के चलते तापमान में गिरावट हो गई है और ठंडी हवाओं ने ठंड को और बढ़ा दिया है। बृहस्पतिवार को जिले में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंड का असर अब आम जीवन पर भी दिखने लगा है, खासकर किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है क्योंकि कोहरे और पाले के कारण सब्जी की फसलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। कोहरे और ठिठुरन से यातायात प्रभावित बलरामपुर जिले में सुबह लगभग 5 बजे के बाद कोहरा छा जाता है, जो लगभग 10 बजे तक बना रहता है। इस दौरान सड़क पर वाहनों की गति धीमी हो जाती है और लंबी दूरी के यात्रियों को दिक्कतें होती हैं। ठिठुरन के कारण लोग गाड़ी नहीं चला पा रहे हैं और सड़क पर वाहन हेडलाइट जलाकर रेंगते हुए दिखाई देते हैं। ठंडी हवाओं के असर से दिन में भी ठंड का अहसास होने लगता है। हालांकि, सुबह 11 बजे के बाद हल्की धूप खिलने लगती है, लेकिन उसका भी खास असर नहीं दिख रहा है। इस कारण सार्वजनिक स्थलों पर पहले की अपेक्षा चहल-पहल कम हो गई है और लोग शाम होते ही बाहर निकलने से बच रहे हैं। कोहरे से ट्रेन सेवाओं पर असर कोहरे का असर केवल सड़क यातायात पर ही नहीं, बल्कि रेल यातायात पर भी पड़ा है। गुरुवार को कोहरे के कारण सुबह के समय आने वाली इंटरसिटी ट्रेन करीब एक घंटे की देरी से पहुंची, जिससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को इंतजार करना पड़ा। ठंड अब बढ़ती नजर आ रही है, जिससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है। कृषि पर मौसम का असर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती ठंड गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे गेहूं के पौधों में फुटाव बढ़ेगा, जो उत्पादन को बढ़ा सकता है। हालांकि, पाले के कारण सब्जी की फसलें नष्ट हो सकती हैं। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और पाले से बचाव के उपाय करने चाहिए। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि उचित देखभाल और सतर्कता से किसानों को अपनी फसल को नुकसान से बचाने में मदद मिल सकती है।
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