बांग्लादेश पुलिस ने दो फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया:दावा- इन पर राजद्रोह का आरोप, मोहम्मद यूनुस की सरकार पर सवाल उठाए थे

बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने गुरुवार को 2 फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया है। इन दोनों एक्ट्रेसेस के नाम मेहर अफरोज शॉन और सोहाना सबा है। दोनों ही बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मेहर के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगे हैं, जबकि सोहाना के खिलाफ लगे आरोपों की अभी जानकारी नहीं मिली है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडिशनल कमिश्नर रेजाउल करीम मलिक के मुताबिक इन्हें इंटेल के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्हें राजधानी ढाका के मिंटू रोड स्थित डीबी कार्यालय ले जाया गया। न्यूज एजेंसी ANI से फोन पर बात करते हुए मलिक ने बताया कि हमें कुछ जानकारी मिली है। इसके आधार पर हमने मेहर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मेहर अफरोज के पिता का घर जलाया मेहर अफरोज के पिता और जमालपुर जिला अवामी लीग के पूर्व सलाहकार मोहम्मद अली के घर में गुरुवार को तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। घटना शाम करीब 6:30 बजे नरुंदी रेलवे स्टेशन के इलाके में हुई। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार शाम छात्रों और स्थानीय लोगों ने नरुंदी बाजार में जुलूस निकाला था। थोड़ी देर बाद ये जुलूस मोहम्मद अली के घर पहुंचा। इसके बाद हमलावरों ने मेहर के पिता के घर पर ईंटें और पत्थर फेंके और बाद में आग लगा दी। मेहर के पिता ने पिछले चुनाव में जमालपुर-5 (सदर) सीट पर टिकट के लिए चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पाए। मेहर की माँ, ताहुरा अली, 1996 में आरक्षित सीट से अवामी लीग की सांसद थीं। मेहर ने फेसबुक पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना की थी। वे बांग्लादेश की फेमस एक्टेस, डायरेक्टर, कोरियोग्राफर और प्लबैक सिंगर हैं। प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता का घर फूंका शेख हसीना ने बुधवार रात फेसबुक पर अपने समर्थकों को संबोधित किया था। उनके भाषण से पहले बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान 'बंगबंधु' के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की। गुरुवार सुबह शेख हसीना के घर 'सुधा सदन' में भी आग लगा दी गई। उधर, खुलना में शेख हसीना के चचेरे भाई शेख सोहेल, शेख जेवेल के घरों को दो बुलडोजरों से ध्वस्त कर दिया गया है। इस हिंसा को लेकर शेख हसीना ने कहा कि किसी ढांचे को मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। हिंसा क्यों भड़की? दरअसल, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 6 फरवरी को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सड़क पर उतरने की अपील की थी। पार्टी पूर्व PM हसीना पर लगे कथित मामले दर्ज करने और अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में मार्च निकालने का आह्वान किया था। कल शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के 6 महीने पूरे हो गए हैं। रात 9 बजे शेख हसीना अपने समर्थकों के लिए ऑनलाइन भाषण देने वाली थीं। इससे पहले '24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता' नाम के छात्र संगठन ने इसके विरोध में रात 9 बजे ‘बुलडोजर मार्च’ निकालने का ऐलान किया। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार किया गया। इसमें शेख हसीना के पिता का घर गिराए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रदर्शनकारी 8 बजे ही शेख मुजीबुर्ररहमान के घर धनमंडी-32 पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। ------------------------------

Feb 7, 2025 - 14:59
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बांग्लादेश पुलिस ने दो फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया:दावा- इन पर राजद्रोह का आरोप, मोहम्मद यूनुस की सरकार पर सवाल उठाए थे
बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने गुरुवार को 2 फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया है। इन द

बांग्लादेश पुलिस ने दो फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया: दावा- इन पर राजद्रोह का आरोप, मोहम्मद यूनुस की सरकार पर सवाल उठाए थे

बांग्लादेश की पुलिस ने हाल ही में दो प्रसिद्ध फिल्म एक्ट्रेसेस को हिरासत में लिया है। यह गिरफ्तारी उन पर राजद्रोह का आरोप लगाने के बाद हुई है। आरोप लगाया गया है कि इन अदाकाराओं ने मोहम्मद यूनुस की सरकार पर कुछ विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह मामला बांग्लादेश में कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संदर्भ में चिंताओं को भी उजागर करता है।

गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि

खबरों के अनुसार, पुलिस ने इन एक्ट्रेसेस को उस समय हिरासत में लिया जब वे एक कार्यक्रम में भाग ले रही थीं। दोनों ने सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त किया था, जिसके चलते उन्हें अधिकारियों के निशाने पर लिया गया। इस तरह के आरोप बांग्लादेश में एक गंभीर मुद्दा बन गए हैं, जहां सरकार ने अक्सर ऐसे मामलों में सतर्कता बरती है।

राजद्रोह का आरोप

राजद्रोह का आरोप केवल दो फिल्म एक्ट्रेसेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक समस्या को उजागर करता है। बांग्लादेश में कई कलाकारों और पत्रकारों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है। कई आलोचकों का कहना है कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रही है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। कई लोग इस गिरफ्तारी को बांग्लादेश में लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस पर बहस शुरू हो गई है। कई नागरिक स्वतंत्रता अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं।

निष्कर्ष

यह मामला केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि यह बांग्लादेश में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई का हिस्सा है। अदाकाराओं की गिरफ्तारी ने चिंताओं को और अधिक बढ़ाया है, और इसने आम जनता को सरकार की नीतियों के खिलाफ सोचने पर मजबूर कर दिया है। आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इसने स्वतंत्रता के अधिकार की बहस को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।

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