हिमाचल हाईकोर्ट में गुड़िया रेप केस में सुनवाई:आरोपी नीलू चरानी ने उम्रकैद की सजा को दी चुनौती, बहस पूरी होने तक रोजाना हियरिंग होगी

हिमाचल में गुड़िया रेप व मर्डर केस में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। CBI कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए अनिल कुमार उर्फ नीलू चरानी ने उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। यह केस न्यायाधीश अजय मोहन गोयल और बीसी नेगी की विशेष खंडपीठ सुनेगी। दोषी की ओर से इस मामले में बहस के लिए अदालत से अतिरिक्त समय मांगा गया था। मगर कोर्ट ने उसकी दलील को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह मामला 2021 से हाईकोर्ट में लंबित है। आरोपी की सजा निलंबित नहीं की गई। आरोपी अभी भी जेल में है। ऐसे में कोर्ट का दायित्व बनता है कि उसके मामले का जल्द निपटारा किया जाए। इसे देखते हुए बहस पूरी होने तक हाईकोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने का फैसला लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया यदि दोषी की ओर से फिर से सुनवाई टालने का अनुरोध किया जाता है, तो न्यायालय कानूनी सहायता से जुड़े किसी एडवोकेट को नियुक्त करने में संकोच नहीं करेगा। जाने पूरा मामला क्या है? बता दें कि शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया स्कूल से घर लौट रही थी और लापता हो गई। 6 जुलाई 2017 को गुड़िया का शव तांदी के जंगल में मिला। 10 जुलाई को पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी गठित की। 12 जुलाई को तत्कालीन CM के फेसबुक पेज पर कथित पांच आरोपियों के फोटो वायरल किए गए। शुरुआत जांच में स्थानीय पुलिस को इन पांचों की संलिप्ता लगी। 12 जुलाई को ही आशीष चौहान को गिरफ्तार किया। 13 जुलाई को SIT ने राजेंद्र उर्फ राजू, सुभाष बिष्ट, सूरज, लोकजन, दीपक को गिरफ्तार किया। 14 जुलाई को जांच के विरोध में ठियोग पुलिस थाना पर पथराव किया गया और गाड़ियां तोड़ी। 14 जुलाई को तत्कालीन CM वीरभद्र ने केस CBI को सौंपने का ऐलान किया। इसके अगले दिन यानी 18 जुलाई की रात कोटखाई थाना में इंटेरोगेशन के दौरान सूरज की मौत हो गई। 22 जुलाई को CBI ने दिल्ली में गुड़िया गैंगरेप और सूरज मौत मामले में केस दर्ज किया। 29 अगस्त को CBI ने सूरज हत्या केस में IG जैदी, DSP जोशी समेत 8 पुलिस जवान गिरफ्तार किए। 16 नवंबर को सूरज मौत मामले में ही SP शिमला डीडब्ल्यू नेगी को CBI ने गिरफ्तार किया। 27 जनवरी 2025 को आईजी जहूर एच जैदी समेत 8 पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। CBI ने 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया नीलू वहीं CBI ने 13 अप्रैल 2018 को गुड़िया मामले में नीलू चरानी को अरेस्ट किया। इसके बाद नीली चरानी के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई। CBI कोर्ट ने 18 जून 2021 को गुड़िया से रेप के आरोपी नीलू को उम्र केद की सजा सुनाई गई। आरोपी नीलू चरानी ने इसे हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी। रेप के बाद गला घोंटकर हत्या CBI की चार्जशीट के मुताबिक नीलू ने 4 जुलाई 2017 को गुड़िया से दुष्कर्म किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। CBI जांच में सामने आया कि स्थानीय पुलिस ने सिर्फ दो लोगों के बयानों के आधार पर 5 लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में CBI जांच में ये दोनों गवाह अपने बयान से मुकर गए। CBI के पॉलीग्राफ टेस्ट, नार्को एनालिसिस रिपोर्ट, ब्रेन इलेक्ट्रिकल ओसीलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग और फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि इन पांचों को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया था। दोषी नीलू चरानी का आपराधिक रिकॉर्ड CBI की चार्जशीट में यह भी बताया गया कि दोषी नीलू चरानी आदतन अपराधी है। साल 2015 में नीलू के खिलाफ सिरमौर जिले के सराहां पुलिस स्टेशन में धारा 307, 354, 326, 323 और 324 के तहत मामला दर्ज हुआ था।

Mar 10, 2025 - 05:59
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हिमाचल हाईकोर्ट में गुड़िया रेप केस में सुनवाई:आरोपी नीलू चरानी ने उम्रकैद की सजा को दी चुनौती, बहस पूरी होने तक रोजाना हियरिंग होगी
हिमाचल में गुड़िया रेप व मर्डर केस में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। CBI कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए

हिमाचल हाईकोर्ट में गुड़िया रेप केस में सुनवाई

हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय में गुड़िया रेप और हत्या मामले की सुनवाई अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। आरोपी नीलू चरानी ने अपनी उम्रकैद की सजा को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है और इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर अब जजों की नजर है।

नीला चरानी की उम्रकैद की सजा

गुड़िया केस पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट हुआ है कि नीलू चरानी ने अपनी सजा को गलत ठहराते हुए अदालत में दलीलें पेश की हैं। उसकी अपील पर अदालत ने यह निर्णय लिया है कि बहस पूरी होने तक रोजाना इस मामले की सुनवाई होगी। इससे यह संकेत मिलता है कि न्यायालय मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही इस पर निर्णय देने की तैयारी कर रहा है।

सुनवाई की प्रक्रिया

इस मामले की सुनवाई में शामिल वकील और अभियोजक दोनों ही अपने-अपने तर्कों को मजबूती से रख रहे हैं। अदालत ने सुनवाई को तेज करने के लिए रोजाना की सुनवाई की योजना बनाई है, जिससे मामले की यथाशीघ्र समाप्ति हो सके। इसके अलावा, सुनवाई के दौरान कई गवाहों को भी पेश किया जाएगा, जो इस केस में महत्वपूर्ण सबूत प्रदान कर सकते हैं।

सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

गुड़िया केस ने न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर चिंता का विषय बना दिया है। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और आम जनता ने अपनी आवाज उठाई है। उन्हें न्याय की उम्मीद है कि इस सुनवाई से सही न्याय मिलेगा।

हिमाचल हाईकोर्ट की यह सुनवाई महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जिससे महिलाएं और आम नागरिक न्याय में विश्वास रख सकें। जिन मुद्दों पर चर्चा चल रही है, वह भविष्य में कानून और व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।

News by indiatwoday.com

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