बिरसा मुंडा के पड़पोते इलाज के लिए रातभर तड़पे:अस्पताल प्रशासन ने कहा- बेड खाली नहीं, एंबुलेंस में ही ऑक्सीजन देनी पड़ी

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के पड़पोते मंगल मुंडा को रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इलाज नहीं मिला। सड़क हादसे में घायल होने के बाद उन्हें रिम्स ले जाया गया था। प्रशासन ने बेड खाली न होने के बाद कहकर उन्हें एडमिट नहीं किया। मंगल मुंडा के भाई जंगल सिंह मुंडा ने भास्कर को बताया- हादसा 25 नवंबर को हुआ था। हम लोग रात 10 बजे रिम्स पहुंचे थे। वहां ट्रॉली मैन से कहा- ऑक्सीजन वाला बेड चाहिए। उसने कहा- बेड खाली नहीं है। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में भी भर्ती नहीं किया। एंबुलेंस में ही मंगल मुंडा को ऑक्सीजन लगाई गई। एंबुलेंस में दो ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए थे। वे रातभर एंबुलेंस में रहे, डॉक्टरों ने उनकी जांच तक नहीं की। 26 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किसी को फोन किया। उसके बाद रिम्स के डॉक्टरों ने उनकी जांच शुरू की। रिम्स के सीएमओ ने कहा- हम क्या कर सकते हैं। कोई बेड खाली नहीं है। CM हेमंत सोरेन के आदेश के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने दवा खरीदने को कहा 26 नवंबर को बिरसा मुंडा के पड़पोते की खबरें मीडिया में आई तो प्रशासन सक्रिय हुआ। CM हेमंत सोरेन ने मंगल मुंडा के इलाज के लिए निर्देश दिए। इसके बाद भी डॉक्टरों ने मंगल मुंडा के परिजन से करीब 15 हजार रुपए की दवा बाजार से खरीद कर लाने को कहा। परिजन बाहर से दवा खरीदकर लाए। मंगल के ब्रेन में दोनों तरफ खून के थक्के जमे 25 नवंबर की शाम खूंटी तमाड़ रोड में रूताडीह के पास सड़क हादसा हुआ था। बिरसा मुंडा के परिजन सहित कई लोग एक टाटा मैजिक के ऊपर बैठे थे। टाटा मैजिक गाड़ी जैसे ही मोड़ के पास पहुंची, अनियंत्रित होकर पलट गई। इसी हादसे में मंगल मुंडा गंभीर घायल हो गए थे। मंगल मुंडा के ब्रेन के दोनों तरफ खून के थक्के जम गए थे। चोट के कारण काफी खून भी बह गया। उन्हें तत्काल ऑपरेशन की जरूरत थी। चार घंटे तक चला ऑपरेशन 26 नवंबर को रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डॉक्टर आनंद प्रकाश के नेतृत्व में उनके ब्रेन का सफल ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन काफी जटिल था। यह करीब 4 घंटे चला। ब्रेन से क्लॉट हटाया गया है। हालांकि स्थिति अभी बहुत नाज़ुक है। उन्हें अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। 27 नवंबर को हेमंत सोरेन रिम्स पहुंचे थे मुख्यमंत्री हेमंत, पत्नी कल्पना सोरेन के साथ 27 नवंबर को रिम्स पहुंचे थे और मंगल मुंडा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही परिजन से भी मुलाकात की। डॉक्टरों को मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की निरंतर मॉनिटरिंग और हाई हेल्थ फैसिलिटी देने का निर्देश दिया।

Nov 28, 2024 - 18:50
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बिरसा मुंडा के पड़पोते इलाज के लिए रातभर तड़पे:अस्पताल प्रशासन ने कहा- बेड खाली नहीं, एंबुलेंस में ही ऑक्सीजन देनी पड़ी
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के पड़पोते मंगल मुंडा को रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इलाज नहीं मिला। सड़क हादसे में घायल होने के बाद उन्हें रिम्स ले जाया गया था। प्रशासन ने बेड खाली न होने के बाद कहकर उन्हें एडमिट नहीं किया। मंगल मुंडा के भाई जंगल सिंह मुंडा ने भास्कर को बताया- हादसा 25 नवंबर को हुआ था। हम लोग रात 10 बजे रिम्स पहुंचे थे। वहां ट्रॉली मैन से कहा- ऑक्सीजन वाला बेड चाहिए। उसने कहा- बेड खाली नहीं है। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में भी भर्ती नहीं किया। एंबुलेंस में ही मंगल मुंडा को ऑक्सीजन लगाई गई। एंबुलेंस में दो ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए थे। वे रातभर एंबुलेंस में रहे, डॉक्टरों ने उनकी जांच तक नहीं की। 26 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किसी को फोन किया। उसके बाद रिम्स के डॉक्टरों ने उनकी जांच शुरू की। रिम्स के सीएमओ ने कहा- हम क्या कर सकते हैं। कोई बेड खाली नहीं है। CM हेमंत सोरेन के आदेश के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने दवा खरीदने को कहा 26 नवंबर को बिरसा मुंडा के पड़पोते की खबरें मीडिया में आई तो प्रशासन सक्रिय हुआ। CM हेमंत सोरेन ने मंगल मुंडा के इलाज के लिए निर्देश दिए। इसके बाद भी डॉक्टरों ने मंगल मुंडा के परिजन से करीब 15 हजार रुपए की दवा बाजार से खरीद कर लाने को कहा। परिजन बाहर से दवा खरीदकर लाए। मंगल के ब्रेन में दोनों तरफ खून के थक्के जमे 25 नवंबर की शाम खूंटी तमाड़ रोड में रूताडीह के पास सड़क हादसा हुआ था। बिरसा मुंडा के परिजन सहित कई लोग एक टाटा मैजिक के ऊपर बैठे थे। टाटा मैजिक गाड़ी जैसे ही मोड़ के पास पहुंची, अनियंत्रित होकर पलट गई। इसी हादसे में मंगल मुंडा गंभीर घायल हो गए थे। मंगल मुंडा के ब्रेन के दोनों तरफ खून के थक्के जम गए थे। चोट के कारण काफी खून भी बह गया। उन्हें तत्काल ऑपरेशन की जरूरत थी। चार घंटे तक चला ऑपरेशन 26 नवंबर को रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डॉक्टर आनंद प्रकाश के नेतृत्व में उनके ब्रेन का सफल ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन काफी जटिल था। यह करीब 4 घंटे चला। ब्रेन से क्लॉट हटाया गया है। हालांकि स्थिति अभी बहुत नाज़ुक है। उन्हें अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। 27 नवंबर को हेमंत सोरेन रिम्स पहुंचे थे मुख्यमंत्री हेमंत, पत्नी कल्पना सोरेन के साथ 27 नवंबर को रिम्स पहुंचे थे और मंगल मुंडा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही परिजन से भी मुलाकात की। डॉक्टरों को मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की निरंतर मॉनिटरिंग और हाई हेल्थ फैसिलिटी देने का निर्देश दिया।

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