बुलंदशहर में SDO पर 80 हजार रिश्वत मांगने का आरोप:चीफ इंजीनियर ने बैठाई जांच, 7 महीने से अटका कॉलोनी का विद्युतीकरण

पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला स्याना से सामने आया है, जहां टाउन कॉलोनी के विद्युतीकरण के लिए ठेकेदार से 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप एसडीओ महेश विकल पर लगा है। रिश्वत न देने पर एसडीओ ने सात महीने तक फाइल दबाए रखी। इस मामले की शिकायत ठेकेदार ने पावर कॉरपोरेशन की एमडी आईएएस ईशा दुहन और चीफ इंजीनियर राजीव कुमार से की है। स्याना के विष्णु परम कॉलोनी के विद्युतीकरण के लिए ठेकेदार योगेश शर्मा ने 15% सुपरविजन चार्ज जमा कर 15 मई 2024 को आवेदन किया था। यह फाइल अधिशासी अभियंता के कार्यालय से उपखंड अधिकारी (एसडीओ) महेश विकल के पास भेजी गई थी। ठेकेदार का आरोप है कि एसडीओ ने फाइल पास करने के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। योगेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने भुगतान के बाद रिश्वत देने की बात कही, लेकिन एसडीओ ने एडवांस में रिश्वत देने पर ही फाइल पास करने की बात कही। सात महीने तक मामला लटका रहा, जिसके बाद ठेकेदार ने एमडी और चीफ इंजीनियर से शिकायत की। आरोपों को बेबुनियाद बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ इंजीनियर राजीव कुमार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा, "शिकायत की जांच की जाएगी। अगर एसडीओ दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसडीओ महेश विकल ने कहा, "मुझ पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। जांच के बाद सच सामने आ जाएगा।" यह मामला पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों की एक और कड़ी है। हाल ही में एक एसडीओ का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। अब इस नए मामले ने विभाग की छवि को और धूमिल कर दिया है।

Nov 26, 2024 - 14:35
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बुलंदशहर में SDO पर 80 हजार रिश्वत मांगने का आरोप:चीफ इंजीनियर ने बैठाई जांच, 7 महीने से अटका कॉलोनी का विद्युतीकरण
पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला स्याना से सामने आया है, जहां टाउन कॉलोनी के विद्युतीकरण के लिए ठेकेदार से 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप एसडीओ महेश विकल पर लगा है। रिश्वत न देने पर एसडीओ ने सात महीने तक फाइल दबाए रखी। इस मामले की शिकायत ठेकेदार ने पावर कॉरपोरेशन की एमडी आईएएस ईशा दुहन और चीफ इंजीनियर राजीव कुमार से की है। स्याना के विष्णु परम कॉलोनी के विद्युतीकरण के लिए ठेकेदार योगेश शर्मा ने 15% सुपरविजन चार्ज जमा कर 15 मई 2024 को आवेदन किया था। यह फाइल अधिशासी अभियंता के कार्यालय से उपखंड अधिकारी (एसडीओ) महेश विकल के पास भेजी गई थी। ठेकेदार का आरोप है कि एसडीओ ने फाइल पास करने के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। योगेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने भुगतान के बाद रिश्वत देने की बात कही, लेकिन एसडीओ ने एडवांस में रिश्वत देने पर ही फाइल पास करने की बात कही। सात महीने तक मामला लटका रहा, जिसके बाद ठेकेदार ने एमडी और चीफ इंजीनियर से शिकायत की। आरोपों को बेबुनियाद बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ इंजीनियर राजीव कुमार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा, "शिकायत की जांच की जाएगी। अगर एसडीओ दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसडीओ महेश विकल ने कहा, "मुझ पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। जांच के बाद सच सामने आ जाएगा।" यह मामला पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों की एक और कड़ी है। हाल ही में एक एसडीओ का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। अब इस नए मामले ने विभाग की छवि को और धूमिल कर दिया है।

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