भगवान शिव की ध्यान वाली मुद्रा पर मिला एक्सीलेंस अवार्ड:बुलंदशहर के दुर्जन पंजाब में सम्मानित, देश भर से आए थे 550 प्रतिभागी
द इंडियन एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट सोसाइटी अमृतसर, पंजाब द्वारा 89वीं अखिल भारतीय राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी में बुलंदशहर के प्रसिद्ध चित्रकार डॉ. दुर्जन सिंह राणा ने एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त किया है। बता दें कि इंडियन अकेडमी ऑफ फाइन आर्ट सोसायटी, अमृतसर, पंजाब द्वारा सन् 1928 से लगातार राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन करता आ रहा है। इस बार 89वीं राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें पूरे देश से लगभग 550 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया था। इसमें डॉ. दुर्जन सिंह राणा ने भी " महादेव " शीर्षक से अपनी कलाकृति के माध्यम से भाग लिया था। चयनकर्ताओं ने डॉ. दुर्जन सिंह राणा की पेंटिंग को एक्सीलेंस अवार्ड के लिए चयनित किया। 26 अक्टूबर को उन्हें यह अवार्ड द इंडियन एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट के सभागार में पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री सरदार कुलदीप सिंह धालीवाल व अकादमी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह चिन्ना द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर अकादमी के सचिव सरदार पीसी ग्रोवर चेयरमेन सरदार शिवदेव सिंह और सैकड़ों देश-भर के कलाकार उपस्थित रहे। राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी अकादमी की कला-वीथिका में 10 नवंबर तक कला प्रेमियों के लिए खुली रहेगी। भगवान शिव की ध्यान मुद्रा रही आकर्षण का केंद्र चित्रकार दुर्जन सिंह राणा ने अपनी कलाकृति में भगवान शिव को ध्यान मुद्रा में अपनी शक्ति जागृति करते हुए चित्रित किया गया है। पृष्ठभूमि में एक विशाल शिवलिंग का चित्रण है, जिसके चारों तरफ समस्त ब्रह्मांड की गतिविधियां घूम रही है। शिव के सामने एक बेलपत्र का भी चित्रण है, जिसका रंगों की सहायता से शिव की शक्तियों से संबंध दर्शाया गया है। अर्थात बेलपत्र से पूजन शिव तक पहुंचने का एक मार्ग है भगवान शिव को एक अनोखे रूप में चित्रित कर प्रभावशाली रूप प्रदान किया गया है।
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