'मंत्री जी ताजमहल पर बंदरों से परेशान हैं पर्यटक':आगरा आने वाले सहमे रहते हैं पर्यटक, आइसक्रीम देखते ही मारते झपट्टा, अखिलेश ने उठाए थे सवाल
दुनियाभर में फेमस ताजमहल को निहारने के लिए हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं। इन पर्यटकों को बंदरों से भी जूझना पड़ता है। चार दिन पहले आगरा में प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह से सवाल हुआ कि ताजमहल पर बंदरों के आतंक को लेकर अखिलेश यादव ने पिछले दिनों सवाल उठाए थे। इस सवाल पर पर्यटन मंत्री ने अखिलेश यादव की सोच व कार्यशैली को बंदर वाली बता दिया था। मगर, उनके इतना कहने भर से ताजमहल पर बंदरों के आतंक की समस्या खत्म नहीं होती। इसके बाद दैनिक भास्कर ने ताजमहल पर बंदरों से होने वाली समस्या को जाना। तो पता चला कि पर्यटक बंदरों से परेशान रहते हैं। आइए पहले आपको बताते हैं कि कब-कब बंदरों ने पर्यटकों को काटा दो साल पहले स्पेनिश कपल सेंट्रल टैंक पर फाउंटेन में नहा रहे बंदरों की फोटो खींचने के लिए उनके पास चला गया। बंदर ने आक्रामक होकर उन पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बंदर ने महिला पर्यटक के पैर में काट लिया। इसके बाद वहां मौजूद फोटोग्राफर ने तत्काल महिला पर्यटक को बैठाया और एएसआई कर्मचारियों को सूचना दी। इसके बाद पर्यटक को फर्स्ट एड देने के बाद इलाज के लिए भेजा गया है। दो साल पहले ही स्वीडन की पर्यटक व्योनक ड्रेसलर को चमेली फर्श पर बैठी थी। बंदर ने काट कर उन्हें घायल कर दिया था। हमला करते समय का वीडियो भी सामने आया था। इससे कुछ दिन पहले तमिलनाडु के पर्यटक शाहीन रशीद को भी बंदर ने पीठ पर काट कर घायल कर दिया था। 21 सितंबर 2022 को स्पेन की पर्यटक क्रिस्टीना पर टिकट काउंटर के बाहर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया था। एक बंदर ने क्रिस्टीना की जांघ में काट भी लिया था। बंदर के हमले से पर्यटक घबरा गई थी। उसे स्थानीय गाइड ने अस्पताल ले जाकर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाया था। 31 जुलाई 2022 को दिल्ली से आए पर्यटक के ग्रुप में एक महिला को बंदर ने काट लिया था। अब आपको बताते हैं क्या है ताजमहल पर बंदरों का हाल ताजमहल पर बंदरों से होने वाली परेशानी को देखने के लिए भास्कर टीम मौके पर पहुंची। ताजमहल के पश्चिमी गेट की तरफ जाने वाले रास्ते पर आगे बढ़े। सामने से दो पर्यटक आ रहे थे। अचानक से एक बंदर भागते हुए आता है और उन पर झपट्टा मारता है। पर्यटक डर जाते हैं। बचने के लिए वो हाथ में लगी आइसक्रीम फेंक देते हैं। बंदर उनकी आइसक्रीम लेकर भाग जाता है। यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर फूड एरिया था। यहां पर आइसक्रीम की शॉप थी। यहां पर बंदरों का झुंड बैठा था। जो भी पर्यटक आइसक्रीम लेकर आता, बंदर उसकी ओर दौड़ पड़ते। बंदरों को देखकर पर्यटक सहम रहे थे। इसके अलावा जिस पर्यटक के हाथ में कुछ भी खाने की चीज थी, बंदर उस पर झपट रहे थे। इसके अलावा सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पर भी बंदरों का जमावड़ा था। यहां से आगे बढ़ने पर रेस्टोरेंट के पास भी बंदर घूमते हुए दिखाई दिए। क्या बोले पर्यटक मुंबई से आई पर्यटक ने बताया कि उनका बेटा आइसक्रीम खा रहा था। तभी बंदर ने झपट्टा मार कर उसके हाथ से आइसक्रीम छुड़ा ली। बच्चा डर गया। उनका कहना था कि बंदर ने चश्मा भी छीन लिया। बंदरों से डर लगता है। मुंबई से आए सद्दाम ने बताया कि उनके बच्चा आइसक्रीम खा रहा था। हमें पता नहीं था कि बंदर आ जाएगा। बंदर ने आते ही आइसक्रीम छीन ली। बच्चा डर गया। जयपुर से आए साजिद का कहना था कि ताजमहल पर बंदर बहुत है। बड़ों को तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन बच्चों को बहुत दिक्कत है। बंदर उन पर झपट रहे हैं। फिरोजाबाद से आई सानिया ने बताया कि बच्चों के साथ ताजमहल पर बहुत दिक्कत हो रही है। वो अपनी बेटी को आइसक्रीम खिला रही थीं। तभी पीछे से बंदर आया और आइसक्रीम छीनकर ले गया। गनीमत रही कि बच्ची को चोट नहीं लगी। बंदरों को डराने के लिए गुलेल ताजमहल के पश्चिमी गेट के बाहर आइसक्रीम पार्लर चलाने वाले दुकानदार का कहना था कि बंदर बहुत परेशान करते हैं। आसइक्रीम खरीदने वाले ग्राहकों पर बंदर हमला कर देते हैं। हाथ से आइसक्रीम, चिप्स और कोल्डड्रिंक छीन लेते हैं। बंदरों को डराने के लिए उन्होंने गुलेल रखा है। इस गुलेल को दिखाकर बंदरों को भगाते हैं। ग्राहक भी गुलेल से भगा रहे थे बंदर ताजमहल के बाहर आइसक्रीम खाने वाले ग्राहक भी बंदरों को भगाने के लिए गुलेल का इस्तेमाल कर रहे थे। जब भी कोई बंदर पास आता तो वो उस पर गुलेल तान देते। इससे बंदर भाग जाते। ताजमहल में लगी थी कर्मचारियों की ड्यूटी ताजमहल में बदंरों द्वारा पर्यटकों पर हमला करने के मामले आने पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ताजमहल में एएसआई के कर्मचारी डंडा लेकर तैनात रहते थे। जैसे ही कोई बंदर आता था तो वो उसे भगाते थे। बंदर पकड़ने को चला था अभियान ताजमहल पर बंदरों के आतंक को देखते हुए प्रशासन ने अभियान चलाया था। उस समय नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल से 300 बंदर पकड़े थे। ताजमहल से करीब 150 बंदर, आगरा किला से 121 बंदर, नुनिहाई इंडस्ट्रियल एरिया से 350 बंदर, पालीवाल पार्क से 107 बंदर और राजामंडी रेलवे स्टेशन से करीब 175 बंदरों को पकड़ा गया था। इसके बाद ताजमहल के 500 मीटर के एरिया में अभियान चलाकर 60 से ज्यादा कुत्तों और बंदरों को पकड़ा था। वन्य जीव एक्ट की सूची से बंदरों के हटने से नगर निगम को इन्हें पकड़ने के लिए अब वन विभाग से भी अनुमति नहीं लेनी है। इसके बावजूद नगर निगम बंदरों के आतंक से शहरवासियों को निजात नहीं दिलवा पा रहा है। कराई थी बंदरों की नसबंदी नगर निगम ने 2022 में बंदरों की नसबंदी करने की योजना बनाई थी। बंदरों की नसबंदी की योजना के लिए चार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था। योजना थी कि चरणवार तरीके से नसबंदी कराई जाएगी। 10 हजार बंदरों की नसबंदी का अभियान था। इसके बावजूद बंदरों की जनसंख्या नहीं रुक रही है। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2024 तक साढ़े आठ हजार बंदरों की नसबंदी हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक शहर में बंदरों की संख्या लगभग 90 हजार से ज्यादा है।
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