मनुष्य के DNA में लाखों अक्षर:BHU में इनबिक्स ऐडनेट का हुआ प्री-कांफ्रेंस में हुई चर्चा,जेनेटिक्स, फोरेंसिक विशेषज्ञों का होगा अंतरराष्ट्रीय-सम्मेलन

वर्ष 2003 में जब हम लोगों ने ह्यूमन जीनोम सिक्वेंसिंग प्रोजेक्ट को समाप्त किया तब उम्मीद थी की मानव के बारे में सब कुछ पता चल जाएगा। लेकिन वह प्रोजेक्ट की समाप्ति नहीं बल्कि शुरुवात थी। आज लाखो जीनोम सीक्वेंस करने के बाद भी मानव के बारे में बहुत चीजे अभी भी रहस्य है। यह बात आज इनबिक्स ऐडनेट के प्री कांफ्रेंस की-नोट लेक्चर में नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ इरिक ग्रीन ने कहा। उन्हें अक्टूबर 2023 में प्रतिष्ठित नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन (एनएएम) के लिए चुना गया। मानव जीनोम सीक्वेंसिंग की व्याख्या करने में दो दशक में हुई वृद्धि उन्होंने बताया की किसी भी जीनोम के एनालिसिस के लिए रिफरेन्स जीनोम की जरूरत पड़ती है, मानव रिफरेन्स के लिए नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टिट्यूट पैन रिफरेन्स जीनोम बना रहा है, जिसके द्वारा किसी भी नये ह्यूमन जीनोम को समझने में आसानी होगी। "हम अभी भी पर्सनलाइज्ड मेडिसिन के शुरुआती दौर में हैं। हालाँकि हमारे डीएनए में लाखों अक्षर हैं, लेकिन हम नहीं जानते कि वे जीनोम फ़ंक्शन में कैसे शामिल हैं, लेकिन अध्ययन के लिए इसे उपलब्ध कराने के पहले दो दशकों में हम मानव जीनोम सीक्वेंसिंग की व्याख्या करने में काफ़ी आगे बढ़ चुके हैं।" 28 नवम्बर से काशी पहुंचेंगे वैज्ञानिक बीएचयू के महामना सेमिनार कांप्लेक्स में 28 नवम्बर से 'इनबिक्स-एडनेट 2024 का आयोजन होगा। भारतीय उपमहाद्वीप में बायोइन्फ़ोरमेटिक्स की सबसे बड़ी सोसाइटी बायोक्लुस और डॉ लालजी सिंह की ओर से स्थापित एडनेट की ओर से होने वाले कार्यक्रम में विश्व के तीन सौ से अधिक वैज्ञानिक शामिल होंगे। इनमें 11 विश्वविख्यात वैज्ञानिक भी शामिल हैं। यह जानकारी बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने दी। 56 विशिष्ट वैज्ञानिकों का होगा व्याख्यान उन्होंने बताया कि प्रख्यात वैज्ञानिकों में रोसलिन इंस्टिट्यूट यूके के डायरेक्टर प्रो. ब्रूस व्हाइटलॉ, पेनिसिल्वानिया विश्वविद्यालय के प्राचीन डीएनए प्रो. इआन मथियोसन, ऑस्ट्रेलिया की डेनिसोवन मानव पर कार्य करने वाली वैज्ञानिक डॉ. इरेने गेलेगो रोमरो और बर्न विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञानी प्रोफेसर जॉर्ज वानद्रिएम प्रमुख हैं। भारत के 50 विश्वविद्यालय और वैज्ञानिक संस्थानों के 56 विशिष्ट वैज्ञानिकों की भी जुटान होगी। अजनाला की खोज करने वाले पत्रकार और इतिहासकार सुरिंदर कोचर का विशेष व्याख्यान भी होगा।

Nov 27, 2024 - 00:55
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मनुष्य के DNA में लाखों अक्षर:BHU में इनबिक्स ऐडनेट का हुआ प्री-कांफ्रेंस में हुई चर्चा,जेनेटिक्स, फोरेंसिक विशेषज्ञों का होगा अंतरराष्ट्रीय-सम्मेलन
वर्ष 2003 में जब हम लोगों ने ह्यूमन जीनोम सिक्वेंसिंग प्रोजेक्ट को समाप्त किया तब उम्मीद थी की मानव के बारे में सब कुछ पता चल जाएगा। लेकिन वह प्रोजेक्ट की समाप्ति नहीं बल्कि शुरुवात थी। आज लाखो जीनोम सीक्वेंस करने के बाद भी मानव के बारे में बहुत चीजे अभी भी रहस्य है। यह बात आज इनबिक्स ऐडनेट के प्री कांफ्रेंस की-नोट लेक्चर में नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ इरिक ग्रीन ने कहा। उन्हें अक्टूबर 2023 में प्रतिष्ठित नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन (एनएएम) के लिए चुना गया। मानव जीनोम सीक्वेंसिंग की व्याख्या करने में दो दशक में हुई वृद्धि उन्होंने बताया की किसी भी जीनोम के एनालिसिस के लिए रिफरेन्स जीनोम की जरूरत पड़ती है, मानव रिफरेन्स के लिए नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टिट्यूट पैन रिफरेन्स जीनोम बना रहा है, जिसके द्वारा किसी भी नये ह्यूमन जीनोम को समझने में आसानी होगी। "हम अभी भी पर्सनलाइज्ड मेडिसिन के शुरुआती दौर में हैं। हालाँकि हमारे डीएनए में लाखों अक्षर हैं, लेकिन हम नहीं जानते कि वे जीनोम फ़ंक्शन में कैसे शामिल हैं, लेकिन अध्ययन के लिए इसे उपलब्ध कराने के पहले दो दशकों में हम मानव जीनोम सीक्वेंसिंग की व्याख्या करने में काफ़ी आगे बढ़ चुके हैं।" 28 नवम्बर से काशी पहुंचेंगे वैज्ञानिक बीएचयू के महामना सेमिनार कांप्लेक्स में 28 नवम्बर से 'इनबिक्स-एडनेट 2024 का आयोजन होगा। भारतीय उपमहाद्वीप में बायोइन्फ़ोरमेटिक्स की सबसे बड़ी सोसाइटी बायोक्लुस और डॉ लालजी सिंह की ओर से स्थापित एडनेट की ओर से होने वाले कार्यक्रम में विश्व के तीन सौ से अधिक वैज्ञानिक शामिल होंगे। इनमें 11 विश्वविख्यात वैज्ञानिक भी शामिल हैं। यह जानकारी बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने दी। 56 विशिष्ट वैज्ञानिकों का होगा व्याख्यान उन्होंने बताया कि प्रख्यात वैज्ञानिकों में रोसलिन इंस्टिट्यूट यूके के डायरेक्टर प्रो. ब्रूस व्हाइटलॉ, पेनिसिल्वानिया विश्वविद्यालय के प्राचीन डीएनए प्रो. इआन मथियोसन, ऑस्ट्रेलिया की डेनिसोवन मानव पर कार्य करने वाली वैज्ञानिक डॉ. इरेने गेलेगो रोमरो और बर्न विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञानी प्रोफेसर जॉर्ज वानद्रिएम प्रमुख हैं। भारत के 50 विश्वविद्यालय और वैज्ञानिक संस्थानों के 56 विशिष्ट वैज्ञानिकों की भी जुटान होगी। अजनाला की खोज करने वाले पत्रकार और इतिहासकार सुरिंदर कोचर का विशेष व्याख्यान भी होगा।

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