मीरापुर उपचुनाव में चार मुस्लिम प्रत्याशी:सपा-बसपा और आसपा के बाद AIMIM ने भी दिया टिकट, रालोद ने नहीं किया घोषित
मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बड़ा राजनीतिक द्वंद छिड़ गया है। इस सीट पर चार प्रमुख राजनीतिक दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। जबकि भाजपा-रालोद गठबंधन में अभी तक प्रत्याशी तय नहीं हो पाया है। एक तिहाई मुस्लिम बाहुल्य मतदाता वाली इस सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प होने जा रहा है। मीरापुर सीट पर उपचुनाव घोषित हो चुका है। 18 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया भी प्रारंभ है। अब तक 34 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र लिए हैं। जबकि एक भी उम्मीदवार ने अभी तक अपना नामांकन पत्र जमा नहीं कराया। राजनीतिक दल प्रत्याशी चयन में उलझे हुए हैं। इस सीट पर बड़े राजनीतिक द्वंद के छिड़ने के आसान नजर आ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने दो माह पहले ही शाहनजर को विधानसभा प्रभारी घोषित किया था। इसके बाद से लगातार ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा अपना प्रत्याशी बदल सकती है। लेकिन आशंकाओं के विपरीत बसपा ने शाहनजर को ही पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आजाद समाज पार्टी से भी मुस्लिम समाज से जाहिद हुसैन को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने कादिर राना की पुत्रवधू सुम्बुल राना को प्रत्याशी बनाया है। सपा के साथ गठबंधन में होने के कारण कांग्रेस का कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं रहेगा। कांग्रेस से उम्मीदवारी पाने के लिए नेताओं की एक लंबी लाइन थी। एआईएमआईएम का थामा दामन गठबंधन के चलते मैदान में उतर पाने से वंचित रह गए कांग्रेस नेता अरशद राणा ने पाला बदलकर एआईएमआईएम पार्टी का दामन थाम लिया। उन्हें पार्टी ने मीरापुर उपचुनाव में प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। इस तरह इस सीट पर अभी तक चार मुस्लिम प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो चुकी है। रालोद में टिकट को लेकर असमंजस प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल का भाजपा के साथ गठबंधन है। सहमति बनी है कि मीरापुर विधानसभा उपचुनाव पर रालोद ही अपना प्रत्याशी उतारेगी। बावजूद राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी चयन को लेकर काफी असमंजस में है। बाकी राजनीतिक दलों की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बावजूद राष्ट्रीय लोकदल अभी अपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पाया है।
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