मेटा-इंडिया का FY24 में नेट प्रॉफिट 43% बढ़कर ₹504 करोड़:रेवेन्यू 9.3% बढ़कर ₹3,034.8 करोड़ रहा, ग्रॉस एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 24% बढ़ा
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा की इंडिया यूनिट ने शनिवार (2 नवंबर) को फाइनेंशियल ईयर 2024 के नतीजे जारी किए हैं। FY24 में मेटा इंडिया का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 43% बढ़कर 504.93 करोड़ रुपए रहा। मेटा इंडिया को देश में बढ़ते डिजिटल एडॉप्शन के चलते ऑनलाइन एडवरटाइजिंग में मजबूत ग्रोथ का लाभ मिला है। FY24 में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 9.3% बढ़कर 3,034.8 करोड़ रुपए रहा, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 2,775.7 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी ने लेटेस्ट फाइलिंग में यह जानकारी दी है। ग्रॉस एडवरटाइजिंग रेवेन्यू FY2024 में 24% बढ़ा कंपनी का ग्रॉस एडवरटाइजिंग रेवेन्यू फाइनेंशियल ईयर 2024 में 24% बढ़कर 22,730.7 करोड़ रुपए रहा। फाइनेंशियल ईयर 2023 में यह 18,308 करोड़ रुपए रहा था। हालांकि, फाइनेंशियल ईयर 2023 के रेवेन्यू में जुलाई 2022 तक का 6,120 करोड़ रुपए का ग्रॉस एडवरटाइजिंग रीसेलर रेवेन्यू शामिल था। मेटा की इंडिया यूनिट फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर और थर्ड पार्टी से जुड़ी वेबसाइटों और मोबाइल ऐप्लिकेशन पर ऐड प्रोडक्ट्स डिस्प्ले करके एडवरटाइजिंग रेवेन्यू जनरेट करती है। यह यूजर्स को ऐड दिखाए जाने पर इंप्रेशन-बेस्ड ऐड्स से रेवेन्यू हासिल करती है। अगस्त 2022 में मेटा इंडिया ने ऐड इन्वेंट्री के रीसेलर से मेटा यूएसए के साथ एक ऑपरेटिंग लाइसेंस मॉडल पर स्विच किया। जिससे कंपनी को भारत में ऐड सेल्स एक्टिविटीज से जुड़ी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) के कमर्शियलाइजेशन के लिए एक नॉन-एक्सक्लुसिव लाइसेंस प्रदान किया गया। मेटा इंडिया का नेट एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 48% बढ़ा नई व्यवस्था के तहत मेटा इंडिया अपने आईपी के कमर्शियलाइजेशन के लिए मेटा यूएसए को रॉयल्टी का भुगतान करती है। साथ ही इन्फ्रॉस्ट्रक्चर के मेंटेनेंस के लिए इन्फ्रॉस्ट्रक्चर शुल्क भी देती है। इस मॉडल के तहत, मेटा इंडिया का नेट एडवरटाइजिंग रेवेन्यू फाइनेंशियल ईयर 2024 में 48.9% बढ़कर 1,817.5 करोड़ रुपए हो गया, जो फाइनेंशियल ईयर 2023 में 1,220.5 करोड़ रुपए था। फाइनेंशियल ईयर 2024 में रॉयल्टी पेमेंट 95.1% बढ़कर 17,887 करोड़ रुपए रहा। यह फाइनेंशियल ईयर 2023 में 9,167.1 करोड़ रुपए था। वहीं FY24 में कंपनी की इन्फ्रॉस्ट्रक्चर कॉस्ट सालाना आधार पर 89% बढ़कर 2,922.2 करोड़ रुपए रही। फाइनेंशियल ईयर 2023 में यह 1,543.5 करोड़ रुपए रही थी।
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