मैनपुरी में दरोगा पर लूट का आरोप:कोर्ट के आदेश पर दरोगा-कांस्टेबल सहित 7 पर लूट का मुकदमा दर्ज

मैनपुरी के बेवर थाने में कोर्ट के आदेश पर एटा के थाना अवागढ़ में तैनात दरोगा एमपी सिंह और अन्य छह लोगों पर लूट की रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह कार्रवाई स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह के आदेश पर की गई, जिन्होंने एक महीने पहले इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए थे। पीड़ित अजय उर्फ सिंटू ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि 1 फरवरी 2024 को दरोगा और अन्य आरोपियों ने उसके घर में घुसकर मारपीट की और उसकी अलमारी तोड़कर 1,85,000 रुपए नगद और सोने के आभूषण लूट लिए। इसके बाद उसे एटा ले जाकर न्यायालय में पेश किया गया। अजय की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने स्टे दे रखा था। पीड़ित ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी कल्पना ने उसके खिलाफ थाना पीलुआ में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद अजय ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें पति-पत्नी के बीच समझौता कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन समझौता सफल नहीं हुआ। अजय का आरोप है कि पुलिस ने न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए उसे गिरफ्तार किया। उसके वकील ने अदालत में इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस की रिमांड खारिज कर दी और अजय को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।अब बेवर थाना पुलिस ने मामले की जांच एसआई सुखबीर सिंह को सौंपी है। पीड़ित ने पुलिस और अन्य आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।

Oct 29, 2024 - 11:35
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मैनपुरी में दरोगा पर लूट का आरोप:कोर्ट के आदेश पर दरोगा-कांस्टेबल सहित 7 पर लूट का मुकदमा दर्ज
मैनपुरी के बेवर थाने में कोर्ट के आदेश पर एटा के थाना अवागढ़ में तैनात दरोगा एमपी सिंह और अन्य छह लोगों पर लूट की रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह कार्रवाई स्पेशल जज डकैती इंदिरा सिंह के आदेश पर की गई, जिन्होंने एक महीने पहले इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए थे। पीड़ित अजय उर्फ सिंटू ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि 1 फरवरी 2024 को दरोगा और अन्य आरोपियों ने उसके घर में घुसकर मारपीट की और उसकी अलमारी तोड़कर 1,85,000 रुपए नगद और सोने के आभूषण लूट लिए। इसके बाद उसे एटा ले जाकर न्यायालय में पेश किया गया। अजय की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने स्टे दे रखा था। पीड़ित ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी कल्पना ने उसके खिलाफ थाना पीलुआ में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद अजय ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें पति-पत्नी के बीच समझौता कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन समझौता सफल नहीं हुआ। अजय का आरोप है कि पुलिस ने न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए उसे गिरफ्तार किया। उसके वकील ने अदालत में इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस की रिमांड खारिज कर दी और अजय को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।अब बेवर थाना पुलिस ने मामले की जांच एसआई सुखबीर सिंह को सौंपी है। पीड़ित ने पुलिस और अन्य आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।

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