रिलायंस ने वेनेजुएला से तेल खरीदना बंद किया:यहां से भारत में आने वाला 90% तेल खरीदती थी; ट्रंप के 25% टैरिफ लगाने के बाद फैसला
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने वेनेजुएला से कच्चे तेल की खरीद पर रोक लगा दी है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद लिया गया है। 25 मार्च को ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। रिलायंस अब सिर्फ पहले आर्डर किए गए 1 ऑयल कार्गो की डिलीवरी लेगी। इसके बाद खरीदारी पर रोक लगाई गई है। रिलायंस की वेनेजुएला से भारत आयात होने वाले तेल में 90% हिस्सेदारी थी। कंपनी ने 2025 की शुरुआत से अब तक 65 लाख बैरल तेल वेनेजुएला से खरीदा है। वेनेजुएला को सजा देने बढ़ाया टैरिफ ट्रम्प के मुताबिक टैरिफ बढ़ने मकसद वेनेजुएला को सजा देना है। ट्रम्प ने कहा कि वेनेजुएला जानबूझकर और धोखे से अमेरिका में अपराधियों और हिंसक गैंग के सदस्यों को भेजता है, जिनमें ट्रेन डी अरागुआ जैसे आतंकी संगठन भी हैं। हम इन अपराधियों को वापस भेजेंगे। जनवरी 2024 में वेनेजुएला ने भारत को सबसे ज्यादा तेल बेचा फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 में भारत ने वेनेजुएला से प्रतिदिन लगभग 1,91,600 बैरल कच्चा तेल आयात किया था। जनवरी 2024 में यह बढ़कर 2,54,000 बैरल प्रतिदिन हो गया था। यह वेनेजुएला के कुल तेल निर्यात का 50% था, यानी कि वेनेजुएला ने जितना तेल बेचा था, उसका आधा हिस्सा भारत ने खरीदा था। हालांकि, बाद में इसमें कमी आई। सालभर में भारत ने वेनेजुएला से 22 मिलियन बैरल तेल खरीदा। यह भारत के कुल कच्चे तेल आयात का 1.5% था। साल 2025 में भारत ने पड़ोसी देश से पिछले साल की तुलना में कम तेल खरीदा है। केप्लर के कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने जनवरी 2025 में लगभग 65,000 बैरल प्रति दिन और फरवरी 2025 में 93,000 बैरल प्रति दिन वेनेजुएला के कच्चे तेल का आयात किया। भारत को सस्ता तेल देता है वेनेजुएला भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% से अधिक आयात करता है। वेनेजुएला का तेल भारत को अपेक्षाकृत सस्ता मिलता है, क्योंकि यह भारी कच्चा तेल है, जिसे भारतीय रिफाइनरीज आसानी से प्रोसेस कर सकती हैं। यह रूस और मिडिल ईस्ट के तेल की तुलना में रियायती दरों पर उपलब्ध होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रम्प के फैसले से कुछ भारतीय कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भारतीय रिफाइनरियों ने हाल ही में वेनेजुएला से तेल खरीदना शुरू किया था। वर्ष 2024 में भारत ने वेनेजुएला से 2.2 करोड़ बैरल तेल आयात किया। हालांकि, भारत के कुल तेल आयात का यह महज 1.5% ही है। भारतीय कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) वेनेजुएला से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदती हैं। रिलायंस को जुलाई 2024 में अमेरिका से वेनेजुएला से तेल आयात करने की मंजूरी मिली थी। वॉशिंगटन ने इसके लिए लाइसेंस जारी किया था। Kpler के डेटा के मुताबिक, साल 2024 में भारत ने वेनेजुएला से जितना तेल खरीदा उसमें से रिलायंस की हिस्सेदारी करीब 20 मिलियन बैरल थी। यह भारत के कुल वेनेजुएला तेल आयात का लगभग 90% है। चीन को कर्ज के बदले तेल देता है वेनेजुएला चीन, वेनेजुएला के तेल निर्यात का सबसे बड़ा आयातक है। यह देश चीन का 10 अरब डॉलर से अधिक का कर्जदार है, जिसे वह तेल के बदले चुकाता है। साल 2024 में चीन ने हर दिन औसतन 3,51,000 बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा। यह वेनेजुएला के कुल तेल निर्यात का लगभग आधा था। हालांकि, यह 2023 की तुलना में 18% कम था। तब चीन ने औसतन 4,28,000 बैरल प्रतिदिन वेनेजुएला से तेल खरीदा था। 2023 में, वेनेजुएला के तेल निर्यात का 65% हिस्सा चीन को गया था। अमेरिकी कंपनी को भी नुकसान वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के कदम से चीन के अलावा खुद अमेरिका को भी नुकसान हो सकता है। बाइडेन प्रशासन ने साल 2022 में अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन को वेनेजुएला से तेल खरीदने की छूट दी थी। इसके बाद शेवरॉन, वेनेजुएला के तेल का एक प्रमुख खरीदार बन गया। शेवरॉन ने साल 2024 में हर दिन औसतन 2,40,000 बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा। यह वेनेजुएला के कुल तेल उत्पादन (9,14,000 बैरल प्रतिदिन) का लगभग 26% था। ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी तेल कंपनी को मिले लाइसेंस को रद्द करने का ऐलान किया है। सरकार ने शेवरॉन कंपनी को वेनेजुएला में अपने संचालन को समेटने के लिए 27 मई 2025 तक का वक्त दिया है।

रिलायंस के निर्णय का प्रभाव
रिलायंस की इस नीति परिवर्तन के कई दुष्परिणाम हो सकते हैं। भारत ने हमेशा वेनेजुएला से कच्चे तेल पर निर्भरता बनाए रखी है, और विशेष रूप से हाल के वर्षों में, जब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव हो रहे हैं।नए सोर्स की खोज
अब रिलायंस अन्य देशों से कच्चा तेल खरीदने के विकल्प तलाश कर रही है। यह भारतीय बाजार के लिए संभवतः नई संभावनाएं खोलेगा, लेकिन इसके साथ ही यह भी चिंता का विषय बन सकता है कि क्या ये नए सप्लाई चैन होंगे जो कंपनी को किफायती और स्थिर कीमतें प्रदान कर सकेंगे।कुल मिलाकर, यह निर्णय न केवल रिलायंस बल्कि समग्र भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। मूल्य निर्धारण, सैन्य और राजनीतिक स्थिति, और अन्य प्रमुख कारक इन सभी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष
भविष्य में, देखना होगा कि रिलायंस किस प्रकार की नई रणनीतियाँ अपनाती है और इस बदलाव का भारतीय बाजार पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा। Keywords: रिलायंस तेल खरीदना, वेनेजुएला से तेल नहीं खरीदना, ट्रंप 25% टैरिफ, भारत में तेल आयात, रिलायंस इंडस्ट्रीज निर्णय, कच्चा तेल स्रोत, भारतीय ऊर्जा बाजार, वेनेजुएला तेल पर निर्भरता, तेल की कीमतें, नए तेल स्रोत खोज।What's Your Reaction?






