लखनऊ में महिला टीचर से 18 लाख की ठगी:7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट; ठगों ने खातों में डलवाए पैसे, डॉक्टर बहू-बेटे के साथ रहती हैं

लखनऊ में 69 साल की रिटायर महिला शिक्षिका को साइबर ठगों ने 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उससे 18 लाख रुपए की ठगी की। ठगों ने शिक्षिका को इतना टार्चर किया कि वह हर बात मानती गई। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर पाई, तो बैंक जाकर खातों में पैसे भेजती रही। डॉक्टर बेटे और बहू ने इसकी भनक लगने पर मां से बात की, जिसके बाद डिजिटल अरेस्ट की बात सामने आई। साइबर थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर शुक्रवार को FIR दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू की है। 7 दिन तक वाट्सएप कॉल पर धमकाते रहे मूल रूप से पंचकूला हरियाणा की रहने वाली रिटायर शिक्षिका शिखा हलदर PGI पुराना कैंपस में रहती हैं। यहां उनके बेटे और बहू डॉक्टर हैं। शिक्षिका को 5 नवंबर को सुबह 10 बजे मोबाइल नंबर पर एक युवक का फोन आया। कॉलर ने खुद को SBI का कस्टमर एजेंट बताया। इसके बाद महिला से कहा- आपके नाम से क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड हुआ है। उसके बाद बिना कुछ सुने कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। नंबर बदल-बदल कर करते रहे कॉल इसके बाद फिर रिटायर्ड टीचर को वॉट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। महिला से उसका आधार नंबर और अकाउंट डिटेल मांगा गया। कॉलर ने शिक्षिका से कहा- आपके नाम पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है। आपके बैंक खातों की जांच होनी है। कॉल को CBI को ट्रांसफर कर रहा हूं। केस दर्ज होने की बात से डरी महिला इसके बाद शिक्षिका को एक नए नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने मनी लॉड्रिंग के केस का आरोपी बताते हुए पूरे परिवार को जेल भेजने की धमकी दी। इससे शिक्षिका डर गई और कॉलर के कहने पर सभी बैंक अकाउंट के पैसों के बारे में जानकारी दे दी। कॉलर बोला- नजदीकी बैंक जाकर रुपए जमा कराओ शिक्षिका ने बताया कि कॉलर बोला- नजदीकी बैंक में जाकर खाते से पैसे निकालो और हमारे HDFC में बैंक अकाउंट नंबर में रुपए जमा कराओ। मैंने दिए गए खाते में 5 लाख रुपए जमा कर दिए। इसी तरह 7 दिन तक अलग-अलग खातों में करीब 18 लाख रुपए जमा कराए। वीडियो कॉल और चैट भी करते थे शिक्षिका ने बताया कि इन लोगों ने जेल भेजने से लेकर पूरे परिवार को फंसाने की धमकी देकर डरा दिया था। वॉट्सऐप कॉल के साथ ही अन्य गतिविधियों को जानने के लिए चैट और वीडियो कॉल भी करते थे। जिससे लगता था कि वह पुलिस विभाग से हैं। FD तोड़ने को कहा तब बेटे को बताया पीड़िता के मुताबिक ठगों की बातों में आकर पहले तो खातों में जमा सारा पैसा उनके बताए खाते में जामा कर दिया। बेटे ने कई बार मुझे परेशान देखकर पूछा, लेकिन मैं टाल गई। इसके बाद 12 नवंबर को उन लोगों ने वॉट्सऐप कॉल कर सभी FD तोड़कर खाते में जमा करने की बात कही। इस पर मुझे कुछ शक हो गया। मैंने पूरी घटना की जानकारी अपने बेटे को दी। तब उसने साइबर फ्रॉड होने की जानकारी दी। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई। यह भी पढ़ें लखनऊ में साइबर-ठगों को किराए पर खाता दिलाने वाले गिरफ्तार:30 परसेंट काटते थे कमीशन; क्रिप्टो करेंसी में कंबोडिया भेजते थे पैसा यूपी एसटीएफ ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के दो सदस्य को शनिवार को गिरफ्तार किया। यह लोग साइबर ठगों को खातों का इंतजाम करते थे। जिसमें आने वाली ठगी की रकम से 30 प्रतिशत कमीशन काटकर शेष कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों को भेज देते थे। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 17, 2024 - 07:20
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लखनऊ में महिला टीचर से 18 लाख की ठगी:7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट; ठगों ने खातों में डलवाए पैसे, डॉक्टर बहू-बेटे के साथ रहती हैं
लखनऊ में 69 साल की रिटायर महिला शिक्षिका को साइबर ठगों ने 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उससे 18 लाख रुपए की ठगी की। ठगों ने शिक्षिका को इतना टार्चर किया कि वह हर बात मानती गई। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर पाई, तो बैंक जाकर खातों में पैसे भेजती रही। डॉक्टर बेटे और बहू ने इसकी भनक लगने पर मां से बात की, जिसके बाद डिजिटल अरेस्ट की बात सामने आई। साइबर थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर शुक्रवार को FIR दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू की है। 7 दिन तक वाट्सएप कॉल पर धमकाते रहे मूल रूप से पंचकूला हरियाणा की रहने वाली रिटायर शिक्षिका शिखा हलदर PGI पुराना कैंपस में रहती हैं। यहां उनके बेटे और बहू डॉक्टर हैं। शिक्षिका को 5 नवंबर को सुबह 10 बजे मोबाइल नंबर पर एक युवक का फोन आया। कॉलर ने खुद को SBI का कस्टमर एजेंट बताया। इसके बाद महिला से कहा- आपके नाम से क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड हुआ है। उसके बाद बिना कुछ सुने कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। नंबर बदल-बदल कर करते रहे कॉल इसके बाद फिर रिटायर्ड टीचर को वॉट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। महिला से उसका आधार नंबर और अकाउंट डिटेल मांगा गया। कॉलर ने शिक्षिका से कहा- आपके नाम पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है। आपके बैंक खातों की जांच होनी है। कॉल को CBI को ट्रांसफर कर रहा हूं। केस दर्ज होने की बात से डरी महिला इसके बाद शिक्षिका को एक नए नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने मनी लॉड्रिंग के केस का आरोपी बताते हुए पूरे परिवार को जेल भेजने की धमकी दी। इससे शिक्षिका डर गई और कॉलर के कहने पर सभी बैंक अकाउंट के पैसों के बारे में जानकारी दे दी। कॉलर बोला- नजदीकी बैंक जाकर रुपए जमा कराओ शिक्षिका ने बताया कि कॉलर बोला- नजदीकी बैंक में जाकर खाते से पैसे निकालो और हमारे HDFC में बैंक अकाउंट नंबर में रुपए जमा कराओ। मैंने दिए गए खाते में 5 लाख रुपए जमा कर दिए। इसी तरह 7 दिन तक अलग-अलग खातों में करीब 18 लाख रुपए जमा कराए। वीडियो कॉल और चैट भी करते थे शिक्षिका ने बताया कि इन लोगों ने जेल भेजने से लेकर पूरे परिवार को फंसाने की धमकी देकर डरा दिया था। वॉट्सऐप कॉल के साथ ही अन्य गतिविधियों को जानने के लिए चैट और वीडियो कॉल भी करते थे। जिससे लगता था कि वह पुलिस विभाग से हैं। FD तोड़ने को कहा तब बेटे को बताया पीड़िता के मुताबिक ठगों की बातों में आकर पहले तो खातों में जमा सारा पैसा उनके बताए खाते में जामा कर दिया। बेटे ने कई बार मुझे परेशान देखकर पूछा, लेकिन मैं टाल गई। इसके बाद 12 नवंबर को उन लोगों ने वॉट्सऐप कॉल कर सभी FD तोड़कर खाते में जमा करने की बात कही। इस पर मुझे कुछ शक हो गया। मैंने पूरी घटना की जानकारी अपने बेटे को दी। तब उसने साइबर फ्रॉड होने की जानकारी दी। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई। यह भी पढ़ें लखनऊ में साइबर-ठगों को किराए पर खाता दिलाने वाले गिरफ्तार:30 परसेंट काटते थे कमीशन; क्रिप्टो करेंसी में कंबोडिया भेजते थे पैसा यूपी एसटीएफ ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के दो सदस्य को शनिवार को गिरफ्तार किया। यह लोग साइबर ठगों को खातों का इंतजाम करते थे। जिसमें आने वाली ठगी की रकम से 30 प्रतिशत कमीशन काटकर शेष कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों को भेज देते थे। पढ़ें पूरी खबर...

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