वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों पर मंथन:लखीमपुर-खीरी में कार्यशाला, कहा- दुधवा, कतर्निया में एनिमल अटैक के मामले सर्वाधिक
लखीमपुर खीरी में वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौतियों पर मंथन हुआ। इस कार्यशाला में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी, और स्थानीय मीडिया कर्मियों ने हिस्सा लिया। जैविक गलियारों में संघर्ष के कारणों पर चर्चा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने बताया कि दुधवा और कतर्निया घाट जैसे जैविक गलियारे मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य केंद्र हैं। इन क्षेत्रों से वन्यजीवों का आवागमन होता है, जिससे गांवों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है। उन्होंने वन्यजीवों के आंकड़े और संघर्ष प्रबंधन के उपाय प्रस्तुत किए। देखें कार्यशाला की 3 तस्वीरें... मीडिया की भूमिका पर विशेष जोर कार्यशाला में इस बात पर चर्चा हुई कि मीडिया वन्यजीव संरक्षण में कैसे सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। दिल्ली से आए वाइल्डलाइफ रिपोर्टिंग एक्सपर्ट सोमदीप भट्टाचार्य ने वाइल्डलाइफ रिपोर्टिंग की गाइडलाइंस साझा कीं और मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर संतुलित और सकारात्मक रिपोर्टिंग का सुझाव दिया। डीएफओ दक्षिण प्रभाग ने अपील की कि वन्यजीवों से संबंधित घटनाओं पर संवाद बनाए रखें और खबरों को संवेदनशीलता के साथ प्रसारित करें।
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