वर्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत

वर्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत पीजीआई रैंकिंग व जीईआर सुधार पर रहेगा फोकस-धन सिंह रावत शिक्षा के विस्तार व सुदृढ़ीकरण को बनेगी नई कार्ययोजना-धन सिंह रावत देहरादून- वर्ष 2026 में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिये एनईपी-2020 के तहत नई कार्ययोजना तैयार की जायेगी। […] The post वर्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत first appeared on Vision 2020 News.

Dec 31, 2025 - 18:27
 60  15521
वर्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत

र्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत

पीजीआई रैंकिंग व जीईआर सुधार पर रहेगा फोकस-धन सिंह रावत

शिक्षा के विस्तार व सुदृढ़ीकरण को बनेगी नई कार्ययोजना-धन सिंह रावत

देहरादून- वर्ष 2026 में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिये एनईपी-2020 के तहत नई कार्ययोजना तैयार की जायेगी। जिसके तहत सकल नामाकंन अनुपात (जीईआर), पीजीआई रैंकिंग पर फोकस किया जायेगा ताकि देशभर में राज्य दो अंकों से नीचे की रैंकिंग हासिल कर सके। विद्या समीक्षा केन्द्र को अपग्रेड करते हुये सूबे के शत-प्रतिशत विद्यालयों को इससे जोड़ा जायेगा ताकि सभी विद्यालयों का समस्त डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।

राज्य पाठ्यचर्या होगा लागू

नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत एससीईआरटी द्वारा तैयार राज्य पाठ्यचर्या लागू किया जायेगा। नया पाठ्यचर्या में विद्यालयी शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा पर फोकस किया गया है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कुल 240 दिवस का शैक्षणिक सत्र तय किया गया है। जिसमें 200 शिक्षण दिवस पठन-पाठन, 20 दिवस परीक्षा व मूल्यांकन तथा 10-10 दिवस बस्ता रहित व अन्य कार्यक्रमों के लिये नियत किये गये हैं। कक्षा 11 से छात्रों को अपने रुचि अनुसार विषय चुनने की स्वतंत्रता भी दी गई है, जिससे वे भविष्य की आवश्यकताओं एवं अपनी अभिरुचियों के अनुसार अध्ययन कर सकेंगे। यह पाठ्यचर्या विद्यालयों की कार्य संस्कृति और प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम है।

पुनर्गठित होगा एससीईआरटी का ढ़ांचा

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) तथा जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के ढांचे का पुनर्गठन किया जायेगा। जिसके लिये यूजीसी मानकों के अनुरूप सेवा नियमावली तैयार की जायेगी साथ ही पृथक शिक्षक संवर्ग का गठन किया जायेगा। जिससे शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों में अपेक्षित सुधार लाया जा सकेगा, जिसका लाभ प्रदेशभर के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

जीईआर व पीजीआई रैंकिंग में होगा सुधार

विद्यालयी शिक्षा में पीजीआई (प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक) रैंकिंग सुधार के लिये ठोस कार्ययोजना तैयार की जायेगी ताकि रैंकिंग के लिये निर्धारित सूचकांकों में आवश्यक सुधार किया जा सके। इसके लिये विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण व मूल्यांकन किया जायेगा। प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात (ग्रॉस एनरॉलमेंट रेसियो-जीईआर) पर भी फोकस किया जायेगा, इसके लिये विद्यालयों में भौतिक व मानव संसाधनों का चरणबद्ध ढ़ंग से विकास किया जायेगा साथ ही बालिका शिक्षा को भी प्रदेश में बढ़ावा दिया जायेगा।

6000 से अधिक रिक्त पदों पर होगी भर्ती

नये वर्ष में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में विभिन्न संवर्गों में रिक्त 6000 से अधिक पदों पर भर्ती की जायेगी। जिसमें प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक अध्यापक बेसिक के रिक्त 1670 पदों, सहायक अध्यापक (विशेष शिक्षा) के रिक्त पदों तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रवक्ता के रिक्त 808 पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है जबकि सहायक अध्यापक एलटी के एक हजार से अधिक पदों को नये वर्ष में भरा जायेगा। इसके अलावा समग्र शिक्षा के अंतर्गत 324 लेखाकार कम सपोर्टिंग स्टॉफ, 161 विशेष शिक्षक, 95 कैरियर काउंसलर तथा विद्या समीक्षा केन्द्र के 18 पदों को भरा जायेगा। जबकि शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों एवं विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के रिक्त 2364 पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरा जायेगा।

वचुअल होगी कक्षाएं, ऑनलाइन पढ़ेंगे छात्र

प्रदेश के नौनिहालों को उच्च स्तरीय व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करने के लिये डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत राज्य के 840 राजकीय विद्यालयों को वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इस अभिनव पहल के तहत इन विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में शिक्षण व्यवस्था लागू की जायेगी, जिसके तहत वर्चुअल और स्मार्ट क्लास दोनों माध्यमों में कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। विद्यालयों के वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जुड़ने से सीमांत एवं अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक भी आधुनिक शिक्षण सुविधाएं पहुंच सकेंगी जिससे उनकी सीखने की क्षमता में सुधार होगा। वर्तमान में प्रदेश के 500 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के सभी विद्यालयों को विद्या समीक्षा केन्द्र से जोड़ा जायेगा ताकि सभी विद्यालयों का डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।

कलस्टर विद्यालय होंगे स्थापित

नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश में कलस्टर विद्यालय स्थापित किये जायेंगे। इस योजना के तहत माध्यमिक स्तर पर 559 विद्यालाय जबकि प्राथमिक स्तर पर 679 सकूलों का चयन कलस्टर विद्यालय के लिये किया गया है। इस वर्ष इन विद्यालयों का संचालन किया जायेगा। इन विद्यालयों में सभी आधुनिक सुविधाएं छात्र-छात्राओं को मिलेगी साथ ही सभी विषयों के शिक्षक भी तैनात रहेंगे।

स्काउट्स एंड गाइड्स व एनसीसी से जुड़ेंगे छात्र

प्रदेशभर के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्काउट्स एंड गाइड्स से जोड़ा जायेगा। इसके लिये नये वर्ष पर दो लाख छात्रों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार छात्रों को एनसीसी से भी जोड़ा जायेगा। इसके लिये मानकानुरूप अधिकतर विद्यालयों में एनसीसी की इकाईयां गठित की जायेगी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में एनसीसी के 7500 सीटें स्वीकृत की गई है, जिन्हें विधिवत भरा जायेगा।

प्रत्येक जनपद में खुलेगा गुरूकुल पद्धति की तर्ज पर विद्यालय

संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में गुरूकुल पद्धति के एक-एक विद्यालय स्थापित किये जायेंगे। जबकि प्रदेश के पिछड़े विकासखण्डों में आश्रम पद्धति आधारित आवासीय विद्यालयों की भी स्थापना का की जायेगी। जिससे संस्कृत शिक्षा को भी बढ़ावा मिल सकेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने के लिये नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश के करीब 1500 विद्यालयों को वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इसके अलावा प्रदेश के शत-प्रतिशत विद्यालयों को विद्या समीक्षा केन्द्र से जोड़ जायेगा। जीईआर व पीजीआई रैंकिंग में सुधारीकरण के लिये भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। – डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

The post वर्ष 2026ः शिक्षा के क्षेत्र में आयेगी नई क्रांति- धन सिंह रावत first appeared on Vision 2020 News.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow