वाराणसी में फर्जी दस्तावेजों पर जमानत पाए इनामियां अपराधी गिरफ्तार:दोनों भाइयों ने कोर्ट में लगाए मृतक के दस्तावेज, मां-बहन भी पहले जा चुकी जेल

वाराणसी कैंट पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से जमानत पाकर रिहा होने वाले दो इनामियां अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सगे भाइयों ने मारपीट के मामले में जमानत के लिए दाखिल अपील में 20 साल पहले मरने वाले के दस्तावेज लगा दिए थे। विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट के मुंशी की तहरीर पर दर्ज केस में पुलिस को एक साल से आरोपियों की तलाश थी, दोनों भाइयों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। छठ पर दोनों बाहर से बनारस आए थे तभी पुलिस ने दबोच लिया। दोनों को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। इस केस में विगत वर्ष आरोपियों की मां और बहन को भी पुलिस ने जेल भेजा था, जिन्हें पिछले महीने हाईकोर्ट से जमानत मिली थी लालपुर थाना क्षेत्र के लालपुर निवासी जितेंद्र पटेल और धर्मेंद्र पटेल का पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद हो गया था। प्रशासन और राजस्व की टीम पैमाइश करने पहुंची तो दोनों ने उनसे विवाद कर लिया। जितेंद्र की मां राजकुमारी देवी और बहन शीला देवी ने विपक्षियों पर हमला बोलकर घायल कर दिया। सूचना पर पहुंची लालपुर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें सभी के खिलाफ शांतिभंग और सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। सभी को पुलिस लाइंस स्थित विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट की कोर्ट पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। अगले दिन आरोपियों की ओर से जमानत याचिका दाखिल हुई, जिसमें आरोपियों ने छह जमानतदार पेश किए और जमानत मिल गई। विपक्षी अधिवक्ता ने जांच कराई तो इसमें पांच जमानतदार फर्जी निकले, वहीं एक अन्य की मौत 20 साल पहले हो चुकी थी। पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी और जालसाजी का केस लालपुर थाने पर दर्ज केस में फर्जी दस्तावेज से एसीपी कोर्ट से जमानत पाने वाले सभी चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट के मुंशी ने आरोपियों के खिलाफ मृतक को जमानतदार बनाकर धोखा करने का केस दर्ज कराया, इसमें जितेंद्र पटेल और धर्मेंद्र पटेल और मां राजकुमारी देवी और बहन शीला देवी को नामजद किया। मां राजकुमारी और बहन शीला को कुछ दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दोनों भाई घर से फरार हो गए। दोनों के प्रयास पर लगभग सात महीने बाद उनकी मां और बहन को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकी। दोनों फरार आरोपियों पर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। छठ पर पुलिस ने दबोचा पुलिस के अनुसार दोनों को वाराणसी कैंट स्टेशन के पास गिरफ्तार किया गया है। दोनों लंबे समय से लापता थे और छठ पर घर आए थे। हालांकि दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। दोनों भाई 25 -25 हजार के इनामी रहे हैं, दोनों के खिलाफ केस 2022 में दर्ज किया गया था।

Nov 8, 2024 - 01:50
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वाराणसी में फर्जी दस्तावेजों पर जमानत पाए इनामियां अपराधी गिरफ्तार:दोनों भाइयों ने कोर्ट में लगाए मृतक के दस्तावेज, मां-बहन भी पहले जा चुकी जेल
वाराणसी कैंट पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से जमानत पाकर रिहा होने वाले दो इनामियां अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सगे भाइयों ने मारपीट के मामले में जमानत के लिए दाखिल अपील में 20 साल पहले मरने वाले के दस्तावेज लगा दिए थे। विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट के मुंशी की तहरीर पर दर्ज केस में पुलिस को एक साल से आरोपियों की तलाश थी, दोनों भाइयों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। छठ पर दोनों बाहर से बनारस आए थे तभी पुलिस ने दबोच लिया। दोनों को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। इस केस में विगत वर्ष आरोपियों की मां और बहन को भी पुलिस ने जेल भेजा था, जिन्हें पिछले महीने हाईकोर्ट से जमानत मिली थी लालपुर थाना क्षेत्र के लालपुर निवासी जितेंद्र पटेल और धर्मेंद्र पटेल का पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद हो गया था। प्रशासन और राजस्व की टीम पैमाइश करने पहुंची तो दोनों ने उनसे विवाद कर लिया। जितेंद्र की मां राजकुमारी देवी और बहन शीला देवी ने विपक्षियों पर हमला बोलकर घायल कर दिया। सूचना पर पहुंची लालपुर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें सभी के खिलाफ शांतिभंग और सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। सभी को पुलिस लाइंस स्थित विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट की कोर्ट पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। अगले दिन आरोपियों की ओर से जमानत याचिका दाखिल हुई, जिसमें आरोपियों ने छह जमानतदार पेश किए और जमानत मिल गई। विपक्षी अधिवक्ता ने जांच कराई तो इसमें पांच जमानतदार फर्जी निकले, वहीं एक अन्य की मौत 20 साल पहले हो चुकी थी। पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी और जालसाजी का केस लालपुर थाने पर दर्ज केस में फर्जी दस्तावेज से एसीपी कोर्ट से जमानत पाने वाले सभी चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट के मुंशी ने आरोपियों के खिलाफ मृतक को जमानतदार बनाकर धोखा करने का केस दर्ज कराया, इसमें जितेंद्र पटेल और धर्मेंद्र पटेल और मां राजकुमारी देवी और बहन शीला देवी को नामजद किया। मां राजकुमारी और बहन शीला को कुछ दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दोनों भाई घर से फरार हो गए। दोनों के प्रयास पर लगभग सात महीने बाद उनकी मां और बहन को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकी। दोनों फरार आरोपियों पर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। छठ पर पुलिस ने दबोचा पुलिस के अनुसार दोनों को वाराणसी कैंट स्टेशन के पास गिरफ्तार किया गया है। दोनों लंबे समय से लापता थे और छठ पर घर आए थे। हालांकि दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। दोनों भाई 25 -25 हजार के इनामी रहे हैं, दोनों के खिलाफ केस 2022 में दर्ज किया गया था।

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