विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर पहुंचा वृंदावन:बड़ी दीदी के पार्थिव शरीर को देखकर विलख उठे अनुयाई,28 नवंबर को होगा अंतिम संस्कार
जगदगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को वृंदावन पहुंच गया। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए प्रेम मंदिर स्थित सत्संग भवन प्रेम भवन में रखा गया है। यहां उनके अनुयाई 3 दिन तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद 28 नवंबर को यमुना तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम दर्शन कर रोने लगे अनुयाई सोमवार शाम को फूलों से सजी एम्बुलेंस में दिल्ली से विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर में लाया गया। पार्थिव शरीर को जब अंतिम दर्शनों के लिए सत्संग हॉल प्रेम भवन में रखा गया तो उनके अनुयायियों की आंखों में आंसू आ गए। अनुयाई हॉल में बैठकर उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना करने लगे। माता पिता की प्रतिमा के समक्ष रखा पार्थिव शरीर डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सत्संग हॉल में उनके पिता जगदगुरु कृपालु महाराज और मां पद्मा देवी की प्रतिमा के समक्ष रखा गया। फूलों से सजे मंच पर चिर निद्रा में लीन विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर को देख हर कोई दुख में नजर आया। आम दिनों में श्रद्धालुओं के शोर से गुलज़ार रहने वाला प्रेम मंदिर कुछ शांत शांत सा नजर आया। हालांकि मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला। पिता का भी हुआ था हादसे में निधन जगदगुरु कृपालु महाराज का 91 वर्ष की उम्र में प्रतापगढ़ में स्थित मनगढ़ मंदिर में बाथरुम में गिरने से 13 नवंबर 2013 को निधन हो गया था। इस हादसे के 11 वर्ष बाद नवंबर महीने में ही उनकी बड़ी बेटी का 75 वर्ष की उम्र में सड़क हादसे में निधन हो गया। जिसके बाद चर्चा है कि जिस महीने में पिता का निधन हुआ उसी महीने में बेटी का भी निधन हो गया। यमुना तट पर होगा अंतिम संस्कार डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार 28 नवंबर को वृंदावन में यमुना तट पर होगा। उनकी शवयात्रा 28 नवंबर को प्रेम मंदिर से सुबह 6 बजे शुरू होगी। जो कृपालु महाराज के आश्रम श्यामा श्याम धाम,फोगला आश्रम,विद्यापीठ चौराहा,बांके बिहारी मंदिर,वनखंडी, लोई बाजार,रेतिया बाजार,रंगनाथ मंदिर होते हुए यमुना किनारे पहुंचेगी। जहां उनका विधि विधान से अंतिम संस्कार किया जाएगा। पांच तरह की लकड़ियों का होगा प्रयोग डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के अंतिम संस्कार में 5 तरह की लकड़ियां प्रयोग की जाएगी। जिसमें पीपल,आम,तुलसी,चंदन और गुलर की लकड़ियां होंगी। इसके अलावा गाय का शुद्ध घी भी मंगाया जा रहा है। रास्ते में शवयात्रा पर पुष्प वर्षा के लिए फूल,मखाने आदि का इंतजाम भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि विशाखा त्रिपाठी को मुखाग्नि उनका भतीजा देगा।
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