शारदा ऐप नोडल शिक्षकों की तीन दिवसीय कार्यशाला पूरी:बोले- प्रशिक्षण का उपयोग बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए करें

चित्रकूट रामनगर बीआरसी सभागार में 2 दिसंबर 2024 से आयोजित तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का समापन हो गया। यह कार्यशाला "आउट ऑफ स्कूल" बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। कार्यशाला का उद्घाटन खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह ने किया। 2 चरणों में आयोजित हो रही है कार्यशाला यह कार्यशाला दो चरणों में संचालित की जा रही है। पहले चरण में 2 से 4 दिसंबर तक 80 नोडल शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण लिया। द्वितीय चरण 5 से 7 दिसंबर के बीच आयोजित होगा। जिसमें 77 शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल होंगी। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शारदा ऐप के माध्यम से चिन्हित बच्चों को आयु संगत कक्षा में नामांकित कराना और उन्हें निर्धारित समय सीमा में अधिगम स्तर प्राप्त कराना है। शिक्षकों को इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने की विधियों पर प्रशिक्षित किया गया। मास्टर ट्रेनर्स ने संभाली कमान कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स संतोष कुमार मिश्र, राधेश्याम सिंह, अमित कुमार श्रीवास्तव, प्रेमचंद यादव और विष्णु कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों के अधिगम स्तर बढ़ाने और उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने की विशेष रणनीतियां सिखाईं। खंड शिक्षा अधिकारी ने की अपील खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह ने शिक्षकों से अपील की कि वे प्रशिक्षण का उपयोग बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने और उन्हें शैक्षिक मुख्यधारा में जोड़ने के लिए करें। उन्होंने कहा, "यदि इन बच्चों को समय रहते शिक्षा के साथ नहीं जोड़ा गया, तो वे अधिगम स्तर में अन्य बच्चों से पिछड़ सकते हैं। जिससे उनका शैक्षिक भविष्य प्रभावित होगा।" शिक्षा में नए आयाम जोड़ने की पहल यह प्रशिक्षण उन बच्चों के लिए आशा की किरण है, जिन्हें किसी कारणवश शिक्षा से दूर होना पड़ा। इस कार्यशाला के माध्यम से शिक्षा के अधिकार अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया गया है।

Dec 2, 2024 - 13:30
 0  17.6k
शारदा ऐप नोडल शिक्षकों की तीन दिवसीय कार्यशाला पूरी:बोले- प्रशिक्षण का उपयोग बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए करें
चित्रकूट रामनगर बीआरसी सभागार में 2 दिसंबर 2024 से आयोजित तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का समापन हो गया। यह कार्यशाला "आउट ऑफ स्कूल" बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। कार्यशाला का उद्घाटन खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह ने किया। 2 चरणों में आयोजित हो रही है कार्यशाला यह कार्यशाला दो चरणों में संचालित की जा रही है। पहले चरण में 2 से 4 दिसंबर तक 80 नोडल शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण लिया। द्वितीय चरण 5 से 7 दिसंबर के बीच आयोजित होगा। जिसमें 77 शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल होंगी। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शारदा ऐप के माध्यम से चिन्हित बच्चों को आयु संगत कक्षा में नामांकित कराना और उन्हें निर्धारित समय सीमा में अधिगम स्तर प्राप्त कराना है। शिक्षकों को इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने की विधियों पर प्रशिक्षित किया गया। मास्टर ट्रेनर्स ने संभाली कमान कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स संतोष कुमार मिश्र, राधेश्याम सिंह, अमित कुमार श्रीवास्तव, प्रेमचंद यादव और विष्णु कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों के अधिगम स्तर बढ़ाने और उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने की विशेष रणनीतियां सिखाईं। खंड शिक्षा अधिकारी ने की अपील खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह ने शिक्षकों से अपील की कि वे प्रशिक्षण का उपयोग बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने और उन्हें शैक्षिक मुख्यधारा में जोड़ने के लिए करें। उन्होंने कहा, "यदि इन बच्चों को समय रहते शिक्षा के साथ नहीं जोड़ा गया, तो वे अधिगम स्तर में अन्य बच्चों से पिछड़ सकते हैं। जिससे उनका शैक्षिक भविष्य प्रभावित होगा।" शिक्षा में नए आयाम जोड़ने की पहल यह प्रशिक्षण उन बच्चों के लिए आशा की किरण है, जिन्हें किसी कारणवश शिक्षा से दूर होना पड़ा। इस कार्यशाला के माध्यम से शिक्षा के अधिकार अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया गया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow