शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर टीचर:सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े
हिमाचल के वोकेशनल टीचर 5 दिन से शिमला में हड़ताल पर है। इससे 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 80 हजार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। फिर भी सरकार इन्हें वार्ता को नहीं बुला रही। वहीं वोकेशनल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर नहीं करने तक हड़ताल पर डटे रहने की चेतावनी दे चुके हैं। हड़ताल पर गए वोकेशनल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उनकी सेवाएं विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि कंपनियां 10-11 सालों से उनका शोषण कर रही है। सरकार को भी उन्हें कमीशन के रूप में मोटी रकम देनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार पहले ही इनकी सेवाओं को विभाग के अधीन ला चुका है। अब हिमाचल में भी यही मांग उठ रही है। वोकेशनल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में खुले आसमान के नीचे पांच दिन से हड़ताल पर बैठे है। इनमें कई महिला टीचर ऐसी है जिनके साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी चौड़ा मैदान में मौजूद है। ऐसे में इन्हें खासकर रात के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ टीचर की तबीयत भी बिगड़ने लगी रही है, क्योंकि रात में तापमान काफी नीचे गिर जाता है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर महिला टीचर वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि 5 दिन से सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि वोकेशनल टीचर की एक ही मांग है। वह चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर किया जाएगा। इससे सरकार पर एक रुपए का भी वित्तीय बोझ पड़ने वाला नहीं है। फिर भी अब तक सरकार ने उन्हें वार्ता को नहीं बुलाया। इससे वोकेशनल टीचरों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक कंपनियों को बाहर नहीं किया जाता तब तक टीचर काम पर नहीं लौटेंगे। वह आर पार की लड़ाई को तैयार है। 2174 टीचर 5 दिन से हड़ताल पर बता दें कि 2174 वोकेशनल टीचर 5 दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेशनल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेशनल पाठ्यक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेशनल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।
What's Your Reaction?