शिमला में दुग्ध उत्पादकों नहीं मिले डेढ़ महीने से रुपए:2 हजार से ज्यादा लोग परेशान, बोले- उधार लेकर खर्च लगाना पड़ रहा

शिमला के रामपुर में दत्तनगर मिल्कफेड के अधीन 25 से 27 सोसाइटियां रामपुर व आसपास के क्षेत्रों से दूध एकत्रित करती है। इतनी सोसाइटियों में करीब 2000 से ज्यादा दुग्ध उत्पादक को डेढ़ महीने से भुगतान नहीं किया गया है। दुग्ध उत्पादक संघ के संयोजक प्रेम चौहान, दिनेश, कुलदीप, राहुल, रंजीत ठाकुर, मनोहरलाल, बंसीलाल, रमेश कुमार, साध राम, राधे लाल, सुलक्षणा, मीरा देवी, ज्योतिलाल, मेहरचंद, कांशी राम, सुधीर, रमेश मैहता का कहना है कि सर्दियों में दूध की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में गाय को अन्य दिनों से अधिक चारा देना पड़ता है। इतना ही नहीं बाजार में आए अन्य उत्पाद भी गाय को देना पड़ते है। लेकिन मिल्कफेड द्वारा समय पर दूध का भुगतान न करने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जहां सरकार दुग्ध उत्पादकों के प्रति कई योजनाएं लाने की बात कह रही है वहीं समय पर भुगतान न होने से उत्पादकों की रोजी रोटी पर बन आई है। उन्होंने कहा की दूध बेचने वाला ग्रामीण हर दिन मेहनत करता है। वहीं गाय को चारा खरीदना और घर के अन्य काम के लिए पैसों की जरूरत होती है। लेकिन एक माह का भुगतान अगले माह की 20 तारीख तक भी संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है दूध से आर्थिक मजबूत करना तो दूर समय पर भुगतान न होने से ग्रामीणों को दुकानों व अन्य लोगों से उधार लेकर अपना खर्चा चलाना पड़ रहा है। जल्द दुग्ध उत्पादकों का भुगतान कर दिया जाएगा। 15 नवंबर को दत्तनगर में मिल्क प्लांट में नई मशीन का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। जिस वजह से पूरे कर्मचारी इस व्यवस्था में व्यस्त थे।

Nov 20, 2024 - 20:45
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शिमला में दुग्ध उत्पादकों नहीं मिले डेढ़ महीने से रुपए:2 हजार से ज्यादा लोग परेशान, बोले- उधार लेकर खर्च लगाना पड़ रहा
शिमला के रामपुर में दत्तनगर मिल्कफेड के अधीन 25 से 27 सोसाइटियां रामपुर व आसपास के क्षेत्रों से दूध एकत्रित करती है। इतनी सोसाइटियों में करीब 2000 से ज्यादा दुग्ध उत्पादक को डेढ़ महीने से भुगतान नहीं किया गया है। दुग्ध उत्पादक संघ के संयोजक प्रेम चौहान, दिनेश, कुलदीप, राहुल, रंजीत ठाकुर, मनोहरलाल, बंसीलाल, रमेश कुमार, साध राम, राधे लाल, सुलक्षणा, मीरा देवी, ज्योतिलाल, मेहरचंद, कांशी राम, सुधीर, रमेश मैहता का कहना है कि सर्दियों में दूध की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में गाय को अन्य दिनों से अधिक चारा देना पड़ता है। इतना ही नहीं बाजार में आए अन्य उत्पाद भी गाय को देना पड़ते है। लेकिन मिल्कफेड द्वारा समय पर दूध का भुगतान न करने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जहां सरकार दुग्ध उत्पादकों के प्रति कई योजनाएं लाने की बात कह रही है वहीं समय पर भुगतान न होने से उत्पादकों की रोजी रोटी पर बन आई है। उन्होंने कहा की दूध बेचने वाला ग्रामीण हर दिन मेहनत करता है। वहीं गाय को चारा खरीदना और घर के अन्य काम के लिए पैसों की जरूरत होती है। लेकिन एक माह का भुगतान अगले माह की 20 तारीख तक भी संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है दूध से आर्थिक मजबूत करना तो दूर समय पर भुगतान न होने से ग्रामीणों को दुकानों व अन्य लोगों से उधार लेकर अपना खर्चा चलाना पड़ रहा है। जल्द दुग्ध उत्पादकों का भुगतान कर दिया जाएगा। 15 नवंबर को दत्तनगर में मिल्क प्लांट में नई मशीन का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। जिस वजह से पूरे कर्मचारी इस व्यवस्था में व्यस्त थे।

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