शिमला में प्रवासियों पर DC के सख्त आदेश:2 महीने के अंदर कराना होगा रजिस्ट्रेशन, बिना पंजीकरण रोजगार देने वालों पर होगी कार्रवाई

शिमला जिले में बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों को दो माह के भीतर पुलिस से अपनी पहचान और सत्यापन करवाना होगा। इस संबंध में डीसी शिमला ने सोमवार को सख्त आदेश दिए हैं। अपने आदेशों में डीसी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रवासियों को तब तक रोजगार नहीं दे सकेगा जब तक कि उनका फोटो सहित किसी थाना अधिकारी से सत्यापन न हो जाए। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने आज प्रेस को जारी बयान में कहा है कि उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के मद्देनजर आपातकालीन उपाय के रूप में आज आदेश पारित किए हैं। जिसके तहत कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार और व्यापारी शिमला जिले में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को छोटे अनौपचारिक काम या सेवा या ठेका मजदूरी पर नहीं लगाएगा। जब तक कि संबंधित थाना अधिकारी के पास पासपोर्ट साइज फोटो के साथ उनकी पहचान सत्यापित न हो जाए। कोई भी व्यक्ति सूचित किए बिना नहीं घूम सकेगा डीसी ने अपने आदेशों में कहा है कि शिमला जिले में आने वाला कोई भी व्यक्ति संबंधित पुलिस थाने को सूचित किए बिना किसी भी प्रकार के स्वरोजगार, अनौपचारिक व्यवसाय, सेवाओं या रोजगार की तलाश में शामिल नहीं होगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे प्रवासी मजदूरों और उनके नियोक्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा है कि आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे और अगले दो महीने तक प्रभावी रहेंगे। मस्जिद विवाद के बाद लगे थे पहचान छिपाने के आरोप बता दें कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में उठे विवाद के बाद पूरे प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों पर अपनी पहचान छिपाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद बाहरी लोगों की पहचान और सत्यापन की मांग उठी थी। हालांकि, जिला प्रशासन ने तब भी यही तर्क दिया था कि यह एक नियमित प्रक्रिया है और नियमित प्रक्रिया के तहत ही पहचान की जा रही है। लेकिन इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि विवाद के बाद पंजीकरण प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है।

Dec 2, 2024 - 16:10
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शिमला में प्रवासियों पर DC के सख्त आदेश:2 महीने के अंदर कराना होगा रजिस्ट्रेशन, बिना पंजीकरण रोजगार देने वालों पर होगी कार्रवाई
शिमला जिले में बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों को दो माह के भीतर पुलिस से अपनी पहचान और सत्यापन करवाना होगा। इस संबंध में डीसी शिमला ने सोमवार को सख्त आदेश दिए हैं। अपने आदेशों में डीसी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति प्रवासियों को तब तक रोजगार नहीं दे सकेगा जब तक कि उनका फोटो सहित किसी थाना अधिकारी से सत्यापन न हो जाए। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने आज प्रेस को जारी बयान में कहा है कि उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के मद्देनजर आपातकालीन उपाय के रूप में आज आदेश पारित किए हैं। जिसके तहत कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार और व्यापारी शिमला जिले में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को छोटे अनौपचारिक काम या सेवा या ठेका मजदूरी पर नहीं लगाएगा। जब तक कि संबंधित थाना अधिकारी के पास पासपोर्ट साइज फोटो के साथ उनकी पहचान सत्यापित न हो जाए। कोई भी व्यक्ति सूचित किए बिना नहीं घूम सकेगा डीसी ने अपने आदेशों में कहा है कि शिमला जिले में आने वाला कोई भी व्यक्ति संबंधित पुलिस थाने को सूचित किए बिना किसी भी प्रकार के स्वरोजगार, अनौपचारिक व्यवसाय, सेवाओं या रोजगार की तलाश में शामिल नहीं होगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे प्रवासी मजदूरों और उनके नियोक्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा है कि आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे और अगले दो महीने तक प्रभावी रहेंगे। मस्जिद विवाद के बाद लगे थे पहचान छिपाने के आरोप बता दें कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में उठे विवाद के बाद पूरे प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों पर अपनी पहचान छिपाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद बाहरी लोगों की पहचान और सत्यापन की मांग उठी थी। हालांकि, जिला प्रशासन ने तब भी यही तर्क दिया था कि यह एक नियमित प्रक्रिया है और नियमित प्रक्रिया के तहत ही पहचान की जा रही है। लेकिन इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि विवाद के बाद पंजीकरण प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है।

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