शिमला में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल:12 हजार मासिक वेतन और दो वर्दियों की मांग, बोले-चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो

हिमाचल प्रदेश के रामपुर में शुक्रवार को मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कर्मियों को वेतन न मिलने के मुद्दे पर हड़ताल की जाएगी। प्रदेश के 21 हजार मिड डे मील कर्मी 20 मई 2025 को देशव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार वर्तमान में कर्मियों को मात्र 4 हजार 500 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। यह वेतन भी कई महीनों तक नहीं मिलता। हाईकोर्ट ने 2019 और 2024 में 12 माह का वेतन देने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। बिना किसी छुट्टी के पूरे साल काम कर्मियों को बिना किसी छुट्टी के पूरे साल काम करना पड़ता है। छुट्टी लेने पर रिलीवर को 500-700 रुपए अपनी जेब से देने पड़ते हैं। जबकि उन्हें खुद केवल 150 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के आदेश के बावजूद उनसे कई अतिरिक्त काम करवाए जाते हैं। इन कामों का कोई भुगतान नहीं होता। यूनियन की प्रमुख मांगें यूनियन की प्रमुख मांगें हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन 12 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए। वेतन स्लिप अनिवार्य की जाए। आंगनबाड़ी की तरह 20 दिन की छुट्‌टी और दो वर्दियां सालाना दी जाएं। चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो। त्योहारों पर वेतन सहित छुट्टी मिले। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के कर्मियों का नजदीकी स्कूलों में समायोजन हो। अधिक छात्र संख्या होने पर अतिरिक्त कर्मी नियुक्त किए जाएं। बैठक में यूनियन अध्यक्ष कुशल्या की अध्यक्षता में सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, यूनियन महासचिव कलावती समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

Apr 18, 2025 - 18:59
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शिमला में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल:12 हजार मासिक वेतन और दो वर्दियों की मांग, बोले-चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो
हिमाचल प्रदेश के रामपुर में शुक्रवार को मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय

शिमला में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल

शिमला ने हाल ही में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल के पीछे मुख्य कारण है मासिक वेतन में वृद्धि और अतिरिक्त भत्तों की मांग। मिड-डे मील कार्यक्रम के तहत काम करने वाले ये कर्मचारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर खड़े हुए हैं।

12 हजार मासिक वेतन की मांग

कर्मियों ने 12 हजार रुपये मासिक वेतन की मांग की है, जो कि एक सतत और जीने योग्य वेतन है। वर्तमान में उनका वेतन बहुत कम है, जिससे उनके जीवन का स्तर प्रभावित हो रहा है। यह मांग कर्मचारियों की भलाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई लोग इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने परिवारों का पोषण करते हैं।

दो वर्दियों की मांग

इसके अलावा, मिड-डे मील कर्मियों ने दो नई वर्दियों के लिए भी मांग की है। वे मानते हैं कि कार्य के दौरान उचित कपड़ों का इस्तेमाल करना आवश्यक है, जो न केवल उनकी पहचान को दर्शाता है, बल्कि कार्य की गरिमा भी बढ़ाता है।

चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान

कर्मियों ने यह भी संकेत दिया कि उन्हें चुनाव ड्यूटी के दौरान अतिरिक्त भुगतान किया जाए। चुनावी काल में उनकी जिम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं, और इसके लिए उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उनका यह अनुरोध स्पष्ट करता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं और उनकी मेहनत का मान रखा जाना चाहिए।

समर्थन और प्रतिक्रिया

कर्मियों की इस हड़ताल ने स्थानीय समुदाय में जागरूकता बढ़ाई है। कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने मिड-डे मील कर्मियों के समर्थन में आवाज उठायी है। लोगों का मानना है कि यदि ये कर्मी संतुष्ट नहीं हैं, तो बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।

इस हड़ताल का उद्देश्य केवल वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि पूरे मिड-डे मील कार्यक्रम की गुणवत्ता को बनाए रखना भी है। इसीलिए सभी की उन्नति के लिए ये मांगें महत्वपूर्ण हैं।

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