संभल हिंसा में 4 मौत, 12वीं तक के स्कूल बंद:1 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों के आने पर रोक; SP बोले- उपद्रवियों पर लगेगा NSA
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई। हिंसा में सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी। एसपी समेत 22 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए। 24 घंटे के लिए संभल तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया। नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल आज, सोमवार को बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पाबंदी लगा दी है। पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। जामा मस्जिद जाने वाले सभी तीन रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, 'आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। रासुका लगाई जाएगी।' इधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा, 'पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।' अब जानिए दिन भर का पूरा घटनाक्रम... अचानक दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जमा हो गए दरअसल, रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। उग्र भीड़ ने 3 चौपहिया और 5 बाइकों में आग लगा दी। हालात कई घंटे बेकाबू रहे। सड़कों से 4 ट्रॉली पत्थर हटाए गए हैं। पीएसी की तीन बटालियन पहुंची मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह संभल में ही कैंप किए हुए हैं। हिंसा के बाद मुरादाबाद से पीएसी की तीन बटालियन यानी करीब 450 जवानों को संभल में तैनात किया गया है। जामा मस्जिद के बाहर पथराव के बाद अब जगह-जगह फोर्स तैनात है। हिंसा में इन 4 युवकों की जान गई मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने संभल हिंसा में 4 युवकों की मौत की पुष्टि की है। मरने वालों में सरायतरीन का नोमान (50), हयातनगर का बिलाल (23), कोट गर्वी का नईम (30) और कैफ (18) निवासी तुर्तीपुर इल्हा शामिल है। वहीं, घायल अनीस और अयान का मुरादाबाद जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरे मामले पर संभल डीएम ने क्या कहा? पढ़िए... संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा, 19 नवंबर को कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद हमने सर्वे कराया था। जैसे ही एडवोकेट कमिश्नर पहुंचे, उन्होंने कहा कि हमें सर्वे करना है। हम सर्वे कराने के लिए उन्हें ले गए। उस दिन हमने बहुत कम पुलिस फोर्स लगाई थी। बहुत अच्छे से सर्वे संपन्न हुआ। 1 घंटे तक सर्वे चला। वह नाइट का सर्वे था, नाइट में बहुत सारे फीचर्स नहीं आ पाते हैं। इसलिए एडवोकेट कमिश्नर ने 23 नवंबर को दोबारा रिक्वेस्ट किया, जिसके लिए आज सुबह पौने 7 बजे हम कोतवाली संभल पहुंचे। वहां हमने इंतजामिया कमेटी के सभी सदस्यों को बुलाया। कमेटी ने अपने 4 सदस्यों को ले जाने की बात कही। सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर थे और दो वादी की तरफ से वकील थे। लगभग 7:30 पूरा सर्वे शुरू हुआ, 10 बजे के आसपास सर्वे पूरा हो गया। जिसके 15 मिनट बाद हम पूरी टीम को हिंदू बाहुल्य आबादी के क्षेत्र से लेकर गुजरे, लेकिन वहां किसी भी प्रकार का विवाद नहीं हुआ, ये पीछे के एरिया में हो रहा था। रिपोर्टर- क्या इस तरीके की घटना की पहले से आशंका थी? या फिर यह इंटेलिजेंस का फेलियर है। डीएम- हमारी इंटेलिजेंस ने जितनी भी बातें बताई थी, हमने उससे अधिक सुरक्षा प्रदान की। कमिश्नर और DIG सर से भी हमारी चर्चा हुई थी। हम फोर्स लेकर पूरी तरह से तैयार थे। वह फोर्स पर्याप्त थी। इस बात का उदाहरण यह है कि हमने किसी भी व्यक्ति को जामा मस्जिद के सामने नहीं आने दिया। 9:15 बजे के आसपास तीन तरफ से भीड़ अचानक से आई, बीच में हल्की सी पत्थर बाजी हुई, जिसको हमने हल्के बल के प्रयोग के साथ हैंडल किया। जैसे ही मस्जिद से अलार्म हुआ कि सर्वे पूरा हो चुका है, उसके बाद जबरदस्त पत्थर बाजी और फायरिंग ऊपर से शुरू हो गई। रिपोर्टर- इस तरीके का हथियार लोग लेकर कैसे आ जाते हैं? डीएम- जहां तक हमें सुरक्षा सुरक्षा देनी थी, वहां हम पूरी तरह से तैयार थे, वहां पर ऐसा कोई भी शरारती तत्व नहीं था, लेकिन अचानक 5 से लेकर 10 किलोमीटर तक की एरिया से काफी लोग आ गए थे। जो हथियार लेकर आया है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्टर- लोकल इंटेलिजेंस को कुछ नहीं पता था? डीएम - लोकल इंटेलिजेंस ने जितनी जानकारी दी थी, उसके आधार पर हमने पुलिस फोर्स लगाया था। लेकिन किसी के उकसाने पर अचानक से इतनी अधिक भीड़ आ गई, सुबह कोई भीड़ नहीं थी, आज संडे का दिन था, छुट्टी थी। नमाज का भी समय नहीं था, जो नमाज़ी थे, वह नमाज अदा करके चले गए थे। रिपोर्टर- 20-22 पुलिस वाले इंजर्ड हुए हैं, क्या लगता है कब तक माहौल शांतिपूर्ण हो पाएगा? डीएम- संभल इस समय संवेदनशील जरूर है, लेकिन स्थिति नॉर्मल है। सुबह लगभग 10 बजे से 11 के बीच स्थिति इतनी खराब हुई थी। बाकी अब सब नॉर्मल है। इस घटना में जो भी आपराधिक तक शामिल है, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसने उकसाया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। रिपोर्टर- मजिस्ट्रेट कमेटी किस तरीके से जांच करेगी? डीएम- अभी मजिस्ट्रेट कमेटी बनाई नहीं गई है, लेकिन मजिस्ट्रेट ड्यूटी सब जगह लगा दी गई है, ताकि जिले में शांति व्यवस्था बनी रहे। कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह बोले- सर्वे टीम को टारगेट करना चाहते थे हमलावर कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा, 'हमलावरों के निशाने पर सर्वे करने वाली टीम थी। हमलावर एक सुनियोजित योजना के तहत सर्वे टीम को टारगेट करना चाहते थे। बड़े पैमाने पर युवकों की जेब से चाकू और अवैध असलहे मिले हैं। मृतक नईम की जेब में भी चाकू था।' दो महिलाओं समेत कई को हिरासत में लिया कमिश्न
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई। हिंसा में सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी। एसपी समेत 22 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए। 24 घंटे के लिए संभल तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया। नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल आज, सोमवार को बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पाबंदी लगा दी है। पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। जामा मस्जिद जाने वाले सभी तीन रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, 'आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। रासुका लगाई जाएगी।' इधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा, 'पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।' अब जानिए दिन भर का पूरा घटनाक्रम... अचानक दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जमा हो गए दरअसल, रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। उग्र भीड़ ने 3 चौपहिया और 5 बाइकों में आग लगा दी। हालात कई घंटे बेकाबू रहे। सड़कों से 4 ट्रॉली पत्थर हटाए गए हैं। पीएसी की तीन बटालियन पहुंची मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह संभल में ही कैंप किए हुए हैं। हिंसा के बाद मुरादाबाद से पीएसी की तीन बटालियन यानी करीब 450 जवानों को संभल में तैनात किया गया है। जामा मस्जिद के बाहर पथराव के बाद अब जगह-जगह फोर्स तैनात है। हिंसा में इन 4 युवकों की जान गई मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने संभल हिंसा में 4 युवकों की मौत की पुष्टि की है। मरने वालों में सरायतरीन का नोमान (50), हयातनगर का बिलाल (23), कोट गर्वी का नईम (30) और कैफ (18) निवासी तुर्तीपुर इल्हा शामिल है। वहीं, घायल अनीस और अयान का मुरादाबाद जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरे मामले पर संभल डीएम ने क्या कहा? पढ़िए... संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा, 19 नवंबर को कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद हमने सर्वे कराया था। जैसे ही एडवोकेट कमिश्नर पहुंचे, उन्होंने कहा कि हमें सर्वे करना है। हम सर्वे कराने के लिए उन्हें ले गए। उस दिन हमने बहुत कम पुलिस फोर्स लगाई थी। बहुत अच्छे से सर्वे संपन्न हुआ। 1 घंटे तक सर्वे चला। वह नाइट का सर्वे था, नाइट में बहुत सारे फीचर्स नहीं आ पाते हैं। इसलिए एडवोकेट कमिश्नर ने 23 नवंबर को दोबारा रिक्वेस्ट किया, जिसके लिए आज सुबह पौने 7 बजे हम कोतवाली संभल पहुंचे। वहां हमने इंतजामिया कमेटी के सभी सदस्यों को बुलाया। कमेटी ने अपने 4 सदस्यों को ले जाने की बात कही। सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर थे और दो वादी की तरफ से वकील थे। लगभग 7:30 पूरा सर्वे शुरू हुआ, 10 बजे के आसपास सर्वे पूरा हो गया। जिसके 15 मिनट बाद हम पूरी टीम को हिंदू बाहुल्य आबादी के क्षेत्र से लेकर गुजरे, लेकिन वहां किसी भी प्रकार का विवाद नहीं हुआ, ये पीछे के एरिया में हो रहा था। रिपोर्टर- क्या इस तरीके की घटना की पहले से आशंका थी? या फिर यह इंटेलिजेंस का फेलियर है। डीएम- हमारी इंटेलिजेंस ने जितनी भी बातें बताई थी, हमने उससे अधिक सुरक्षा प्रदान की। कमिश्नर और DIG सर से भी हमारी चर्चा हुई थी। हम फोर्स लेकर पूरी तरह से तैयार थे। वह फोर्स पर्याप्त थी। इस बात का उदाहरण यह है कि हमने किसी भी व्यक्ति को जामा मस्जिद के सामने नहीं आने दिया। 9:15 बजे के आसपास तीन तरफ से भीड़ अचानक से आई, बीच में हल्की सी पत्थर बाजी हुई, जिसको हमने हल्के बल के प्रयोग के साथ हैंडल किया। जैसे ही मस्जिद से अलार्म हुआ कि सर्वे पूरा हो चुका है, उसके बाद जबरदस्त पत्थर बाजी और फायरिंग ऊपर से शुरू हो गई। रिपोर्टर- इस तरीके का हथियार लोग लेकर कैसे आ जाते हैं? डीएम- जहां तक हमें सुरक्षा सुरक्षा देनी थी, वहां हम पूरी तरह से तैयार थे, वहां पर ऐसा कोई भी शरारती तत्व नहीं था, लेकिन अचानक 5 से लेकर 10 किलोमीटर तक की एरिया से काफी लोग आ गए थे। जो हथियार लेकर आया है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्टर- लोकल इंटेलिजेंस को कुछ नहीं पता था? डीएम - लोकल इंटेलिजेंस ने जितनी जानकारी दी थी, उसके आधार पर हमने पुलिस फोर्स लगाया था। लेकिन किसी के उकसाने पर अचानक से इतनी अधिक भीड़ आ गई, सुबह कोई भीड़ नहीं थी, आज संडे का दिन था, छुट्टी थी। नमाज का भी समय नहीं था, जो नमाज़ी थे, वह नमाज अदा करके चले गए थे। रिपोर्टर- 20-22 पुलिस वाले इंजर्ड हुए हैं, क्या लगता है कब तक माहौल शांतिपूर्ण हो पाएगा? डीएम- संभल इस समय संवेदनशील जरूर है, लेकिन स्थिति नॉर्मल है। सुबह लगभग 10 बजे से 11 के बीच स्थिति इतनी खराब हुई थी। बाकी अब सब नॉर्मल है। इस घटना में जो भी आपराधिक तक शामिल है, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसने उकसाया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। रिपोर्टर- मजिस्ट्रेट कमेटी किस तरीके से जांच करेगी? डीएम- अभी मजिस्ट्रेट कमेटी बनाई नहीं गई है, लेकिन मजिस्ट्रेट ड्यूटी सब जगह लगा दी गई है, ताकि जिले में शांति व्यवस्था बनी रहे। कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह बोले- सर्वे टीम को टारगेट करना चाहते थे हमलावर कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा, 'हमलावरों के निशाने पर सर्वे करने वाली टीम थी। हमलावर एक सुनियोजित योजना के तहत सर्वे टीम को टारगेट करना चाहते थे। बड़े पैमाने पर युवकों की जेब से चाकू और अवैध असलहे मिले हैं। मृतक नईम की जेब में भी चाकू था।' दो महिलाओं समेत कई को हिरासत में लिया कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने कहा कि सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। पर्याप्त पुलिस बल तैनात था। कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। फिर 2000-3000 लोग इकट्ठा हो गए और पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। छतों से भी फायरिंग की गई। आरोपियों की पहचान की जा रही है। हमारे कुछ जवान भी घायल हुए हैं। दीपा सराय में पथराव की एक और घटना हुई। दो महिलाओं समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। निहित स्वार्थों के चलते वे 12-14 साल के बच्चों को मोर्चे पर रख रहे हैं। 3-4 वाहन जलाए गए हैं। सटीक आंकड़े अभी आने बाकी हैं। कमिश्नर ने कहा कि जब भीड़ सामने से फायरिंग कर रही थी। उसी दौरान वाहनों में आगजनी कर रहे युवक भी उसकी फायरिंग में चपेट में आ गए। हमलावर भीड़ की फायरिंग में संभल सर्किल के सीओ के पैर में गोली लगी है। एसपी का पीआरओ भी गोली लगने से घायल हुआ है। पुलिस सभी हमलावरों को चिह्नित कर रही है। फिलहाल पूरी तरह से शहर में शांति है और फोर्स मुस्तैद है। 48 लोगों के मुचलके भरे गए एसडीएम संभल डॉ. वंदना मिश्रा के मुताबिक शांति व्यवस्था के मद्देनजर 48 लोगों के मुचलके भरे गए हैं। इनमें दो लोगों के खिलाफ 10-10 लाख के मुचलके पाबंद किए गए हैं। इनमें एक सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क और दूसरे समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फिरोज खान शामिल हैं। इसके अलावा 46 लोगों के खिलाफ 5 - 5 लाख रुपए के मुचलके भरे गए हैं। सब इंस्पेक्टर्स के गाड़ियां फूंकी गईं संभल के एसपी ने बताया कि सर्वे के विरोध में कुछ लोग इकट्ठा हुए और जब सर्वे कराया जा रहा था, तब पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने इस पर जवाबी कार्रवाई की और जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी सब-इंस्पेक्टरों की कुछ गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। दोबारा ड्यूटी लगाई जा रही है। ड्रोन से वीडियोग्राफी कराई गई है और सीसीटीवी कैमरों की मदद से ऐसे सभी लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 29 नवबंर को एडवोकेट कमिश्नर देंगे अपनी रिपोर्ट हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया- कोर्ट के आदेश पर सर्वे होना था। सुबह 7:30 से 10 बजे तक कार्रवाई हुई है। सभी चीजों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी हो चुकी है। अब ये सर्वे पूरा हो चुका है। अब 29 नवबंर को एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे। मैं सबसे अपील करना चाहूंगा, सभी लोग कानून के दायरे में रहे। कानून को अपने हाथ में न ले। कोर्ट की प्रकिया है, इसमें लंबा टाइम लगेगा। --------------------------------------------- यहां खबर भी पढ़ें... 25 तस्वीरों में संभल में हिंसा की पूरी कहानी: SP बोले- नेताओं के चक्कर में भविष्य बर्बाद मत करो; गन लेकर भीड़ को खदेड़ा संभल में सुबह-सुबह जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। SP ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए कहा- नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो, लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। पढ़ें पूरी खबर