सरकारी स्कूल में बच्चों का झाड़ू लगाने का वीडियो:उन्नाव में शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं

उन्नाव के एक सरकारी स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस वीडियो में कुछ बच्चे स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं और बच्चों से इस तरह के काम करवाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ शिक्षा पर उठे सवाल वायरल हो रहे इस वीडियो को बिछिया ब्लॉक के दुआ विद्यालय का बताया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि स्कूल की सफाई में भी लगाया गया है। बच्चे झाड़ू लगाते हुए स्कूल परिसर की सफाई कर रहे हैं, जबकि उनका प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करना होना चाहिए। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है और लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि बच्चों से स्कूल की सफाई करवाई जा रही है, क्या यह उचित है? सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुआ, लोगों ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रियाएँ देना शुरू कर दीं। X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को पोस्ट किया और पूछा कि बच्चों से इस प्रकार का काम क्यों कराया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, "क्या यह बच्चों का काम है? क्या स्कूल प्रशासन ने बच्चों के लिए एक बेहतर शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित किया है?" वहीं कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि क्या शिक्षकों और कर्मचारियों को बच्चों से सफाई करवाने की जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए थी? शिक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकारी स्कूलों में बच्चों को उनकी पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय अन्य कामों में लगा दिया जाता है। इसके अलावा, क्या यह सही है कि छोटे बच्चों को सफाई जैसे कार्यों के लिए मजबूर किया जाए, जबकि वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जाते हैं? ऐसे सवालों ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है। स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग का बयान वायरल वीडियो के बाद जिला शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन से प्रतिक्रिया की कोशिश की गई, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, स्कूल के आसपास के लोग और कुछ स्थानीय शिक्षक यह दावा कर रहे हैं कि बच्चों को सफाई में लगाने का उद्देश्य स्कूल के वातावरण को स्वच्छ रखना था, लेकिन यह न तो शिक्षा के उद्देश्य के अनुरूप है, और न ही बच्चों को इस प्रकार के काम में लगाना उचित माना जा सकता है।

Nov 28, 2024 - 09:10
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सरकारी स्कूल में बच्चों का झाड़ू लगाने का वीडियो:उन्नाव में शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
उन्नाव के एक सरकारी स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस वीडियो में कुछ बच्चे स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं और बच्चों से इस तरह के काम करवाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ शिक्षा पर उठे सवाल वायरल हो रहे इस वीडियो को बिछिया ब्लॉक के दुआ विद्यालय का बताया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में, बल्कि स्कूल की सफाई में भी लगाया गया है। बच्चे झाड़ू लगाते हुए स्कूल परिसर की सफाई कर रहे हैं, जबकि उनका प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करना होना चाहिए। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है और लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि बच्चों से स्कूल की सफाई करवाई जा रही है, क्या यह उचित है? सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुआ, लोगों ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रियाएँ देना शुरू कर दीं। X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को पोस्ट किया और पूछा कि बच्चों से इस प्रकार का काम क्यों कराया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, "क्या यह बच्चों का काम है? क्या स्कूल प्रशासन ने बच्चों के लिए एक बेहतर शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित किया है?" वहीं कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि क्या शिक्षकों और कर्मचारियों को बच्चों से सफाई करवाने की जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए थी? शिक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकारी स्कूलों में बच्चों को उनकी पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय अन्य कामों में लगा दिया जाता है। इसके अलावा, क्या यह सही है कि छोटे बच्चों को सफाई जैसे कार्यों के लिए मजबूर किया जाए, जबकि वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जाते हैं? ऐसे सवालों ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है। स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग का बयान वायरल वीडियो के बाद जिला शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन से प्रतिक्रिया की कोशिश की गई, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, स्कूल के आसपास के लोग और कुछ स्थानीय शिक्षक यह दावा कर रहे हैं कि बच्चों को सफाई में लगाने का उद्देश्य स्कूल के वातावरण को स्वच्छ रखना था, लेकिन यह न तो शिक्षा के उद्देश्य के अनुरूप है, और न ही बच्चों को इस प्रकार के काम में लगाना उचित माना जा सकता है।

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