सहारनपुर में दुष्कर्मी को 20 साल की सजा:5 साल पहले दो नाबालिग बहनों से किया था दुष्कर्म, घर के बाहर खेल रही थी
सहारनपुर कोर्ट ने दो नाबालिग बहनों से बलात्कार के मामले में एक अभियुक्त को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है। आरोपी ने 5 साल पहले घर के बाहर खेल रही दो नाबालिग बहनों से किया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-14 की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया कि थाना गंगोह क्षेत्र के 26 नवंबर 2020 को एक गांव में दो नाबालिग बेटियों के साथ रेप की घटना हुई थी। एक की उम्र चार साल और दूसरी की नौ साल थी। बेटियों की मां ने थाने में तहरीर देकर गांव के युवक संदीप का नामजद कराया था। आरोप था कि उनकी दोनों बेटियां दोपहर में घर के बाहर खेल रही थी। गांव की सड़क पर कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था। आरोपी संदीप ने दोनों बेटियों के साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद दोनों चीखने लगी। तभी उनकी दादी बाहर निकलकर आई तो आरोपी भाग गया। जिसके बाद दोनों बेटियों की मां ने थाने में जाकर तहरीर दी। पुलिस ने दोनों नाबालिग बेटियों का मेडिकल कराया। आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। तभी से अभियुक्त जेल में था। शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-14 ने अभियुक्त को साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर 20 साल की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है।

संक्षिप्त विवरण
सहारनपुर की विशेष अदालत ने हाल ही में एक दुष्कर्मी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। यह मामला तब का है जब आरोपी ने पांच साल पहले दो नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म किया था। यह घटना उस समय हुई थी जब दोनों बहनें अपने घर के बाहर खेल रही थीं। न्यायालय ने इस मामले में कठोर सजा सुनाकर समाज में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का एक स्पष्ट संदेश दिया है।
घटनाक्रम का समय
यह घटना 5 साल पहले की है जब आरोपी व्यक्ति ने नाबालिगों को अपने घर के पास खेलने के दौरान अपना शिकार बनाया। जल्द ही परिवार वाले इस घटना को लेकर पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान कई साक्ष्य और गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए, जो इस अपराध की गंभीरता को उजागर करते हैं।
आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई
विशेष अदालत ने सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया और 20 साल की सजा सुनाई। इसमें यह भी कहा गया कि ऐसे अपराधों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने समाज में सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया। इस फैसले से पीड़ित परिवार को कुछ हद तक न्याय मिल सकेगा।
सामाजिक जागरूकता का महत्व
इस प्रकार की घटनाओं ने हमें यह समझाया है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील रहना चाहिए। समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है। परिवारों और समुदायों को मिलकर ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
निष्कर्ष
सहारनपुर में इस दुष्कर्म मामले का फैसला निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हम सबको सिखाता है कि हमें समाज में बच्चों की सुरक्षा, और उनके अधिकारों के प्रति सजग रहना है। जो भी ऐसा अपराध करेगा, उसे समाज और कानून का सामना करना पड़ेगा। Keywords: सहारनपुर दुष्कर्म मामला, 20 साल की सजा, नाबालिग बहनों के खिलाफ अपराध, दुष्कर्मी सजा, पीड़ित परिवार न्याय, समाज में सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम, दुष्कर्म के खिलाफ कार्रवाई
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